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Vodafone Idea को सरकार से बड़ी राहत, इक्विटी में बदलेगा बकाया ₹36950 करोड़; 49% हो जाएगी हिस्सेदारी

सरकार वर्तमान में 22.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी शेयरधारक है. अब उसका शेयर आधे के करीब हो जाएगा.

Vodafone Idea को सरकार से बड़ी राहत, इक्विटी में बदलेगा बकाया ₹36950 करोड़; 49% हो जाएगी हिस्सेदारी

कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया को सरकार ने बड़ी राहत दी है. सरकार कंपनी पर स्पेक्ट्रम नीलामी का बकाया 36,950 करोड़ रुपए इक्विटी में बदलेगी. जिससे वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़कर 48.99 प्रतिशत हो जाएगी. कंपनी ने रविवार को यह जानकारी दी. सरकार वर्तमान में 22.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया में पहले से ही सबसे बड़ी शेयरधारक है. अब उसका शेयर आधे के करीब हो जाएगा. 

शेयर बाजार को दी सूचना में कंपनी ने बताया

वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) ने शेयर बाजार को सरकार की तरफ से अतिरिक्त हिस्सेदारी लेने की सूचना दी. कंपनी ने कहा, 'दूरसंचार क्षेत्र के लिए सितंबर 2021 में घोषित सुधार और समर्थन पैकेज के अनुरूप स्पेक्ट्रम नीलामी राशि बकाया है. इसमें स्थगन अवधि खत्म होने के बाद चुकाए जाने वाले बकाए भी शामिल हैं. संचार मंत्रालय ने बकाए को भारत सरकार को जारी किए जाने वाले इक्विटी शेयरों में बदलने का फैसला किया है. इक्विटी शेयरों में परिवर्तित की जाने वाली कुल राशि 36,950 करोड़ रुपये है.'

सेबी का आदेश मिलने के बाद जारी होंगे इक्विटी

वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) एवं अन्य प्राधिकरणों से आवश्यक आदेश जारी होने के बाद 30 दिनों के भीतर 10 रुपये के अंकित मूल्य वाले 3,695 करोड़ इक्विटी शेयर 10 रुपये के निर्गम मूल्य पर जारी करने का निर्देश दिया गया है.

कंपनी का संचालन पुराने तरीके से ही होता रहेगा

कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, 'नए इक्विटी शेयर जारी होने के बाद कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी मौजूदा 22.60 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 48.99 प्रतिशत हो जाएगी.' इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसके प्रवर्तकों के पास कंपनी का परिचालन नियंत्रण बना रहेगा.

स्पेक्ट्रम नीलामी की राशि नहीं चुका सकी थी कंपनी 

उल्लेखनीय है कि कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी स्पेक्ट्रम नीलामी की राशि का सरकार को भुगतान नहीं कर पाई थी. जिसके बाद कंपनी ने बकाया भुगतान के एवज में सरकार को 22.6 प्रतिशत हिस्सेदारी सौंपी थी. लेकिन इसके बाद भी कंपनी ने बकाए का भुगतान नहीं किया. जिसे अब इक्विटी में बदलने से सरकार की हिस्सेदारी और बढ़ जाएगी. 
 

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