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'भारत की तकदीर संवारनी है तो जमीनी ताकत को समझें': गौतम अदाणी ने IIT धनबाद से युवाओं को दिया बड़ा मंत्र

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के ऐतिहासिक मंच से उद्योगपति गौतम अदाणी ने अपने संबोधन में कहा कि अगर भारत को अपनी तकदीर संवारनी है तो उसे अपनी धरती की ताकत को समझना होगा.

'भारत की तकदीर संवारनी है तो जमीनी ताकत को समझें': गौतम अदाणी ने IIT धनबाद से युवाओं को दिया बड़ा मंत्र
Gautam Adani Speech IIT Dhanbad: गौतम अदाणी ने कहा कि हमारा देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक हम उस जमीनी भाषा और ताकत को नहीं समझते, जिस पर हम खड़े हैं.
नई दिल्ली:

देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी (आईएसएम) धनबाद आज 9 दिसंबर को अपना 100वां स्थापना दिवस मना रहा है. यह संस्थान की स्थापना का शताब्दी समारोह है, जिसके लिए आज मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.इस ऐतिहासिक समारोह के चीफ गेस्ट के रूप में, देश के जाने-माने उद्योगपति और अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी शामिल हुए हैं. वह वहां मौजूद स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे हैं. 

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के ऐतिहासिक मंच से उद्योगपति गौतम अदाणी ने अपने संबोधन में कहा कि यह जीवन में एक बार मिलने वाला ऐतिहासिक अवसर है कि वह उस धरती पर खड़े हैं जहाँ से देश के इतने सारे बड़े और ज्ञानी लोग मिले हैं.

उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि एक शताब्दी से भी पहले, जब हम ब्रिटिश शासन के अधीन थे, तब भी इंडियन नेशनल कांग्रेस ने खनन और भूविज्ञान (Mining and Geology) विशेषज्ञों की भारत की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए इस संस्थान को स्थापित करने का महत्व समझा.

गौतम अदाणी ने कहा कि अगर भारत को अपनी तकदीर संवारनी है तो उसे अपनी धरती की ताकत को समझना होगा...हमारा देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक हम उस जमीनी भाषा और ताकत को नहीं समझते, जिस पर हम खड़े हैं. यही वजह है कि यह समारोह केवल अतीत को याद करने का मौका नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा समय भी है जब हमें सोचना है कि हमें आगे कहां जाना है और कैसा भविष्य बनाना है .

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है. पहले जो देश एक-दूसरे के साथ मिलकर ट्रेड और सप्लाई चेन चलाते थे, आज वही देश अपने-अपने हितों को देखते हुए पीछे लौट रहे हैं. सेमीकंडक्टर की लड़ाई, टैरिफ की टकराव और ग्लोबल ट्रेड सिस्टम का टूटना अब आम बात हो गई है. यह सब अब नया नॉर्मल है, कोई अपवाद नहीं.

इस माहौल में, दुनिया की सबसे मजबूत संस्थाएं जैसे NATO, WTO और UN भी अपने पुराने नियम और तरीके दोबारा सोचने पर मजबूर हो गई हैं. अब हर देश अपनी सुरक्षा और अपने हितों को सबसे ऊपर रख रहा है.

गौतम अदाणी ने कहा कि आत्मनिर्भरता (sovereignty) का मतलब है बिना किसी बाहरी दबाव के अपने फैसले खुद लेने की ताकत. उन्होंने बताया कि आज के दौर में, जहां हर देश अपनी सुरक्षा देख रहा है, तो हमारे  दो चीजें बहुत जरूरी हो जाती हैं...

  • पहली, हमें अपनी जमीन और उसके नीचे मौजूद संसाधनों पर पूरा नियंत्रण और जानकारी रखनी होगी.
  • दूसरी, हमें अपनी ऊर्जा (Energy) को सुरक्षित और मजबूत बनाना होगा, जो हमारे विकास को आगे बढ़ाती है.

गौतम अदाणी ने अपने संबोधन में जोर देते हुए कहा कि संप्रभुता (Sovereignty)उन्हीं की होती है जो अपनी धरती (Earth) को नियंत्रित करते हैं, और जो अपनी धरती को नियंत्रित करते हैं, वही अपनी ऊर्जा (Energy) को भी नियंत्रित करते हैं.

उन्होंने युवाओं को इतिहास से सीखने का संदेश देते हुए कहा कि हमारा इतिहास हमें आईने की तरह याद रखना चाहिए, क्योंकि जब भी हमने खुद को पहचानने में देर की है, दूसरों ने हमारी तस्वीर अपने तरीके से बना दी है और हमारे भविष्य को अपने हिसाब से तय कर दिया है.

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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