वित्तवर्ष 2025 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा GDP का 4.8 फ़ीसदी रहने का अनुमान है, जबकि बजट में इसके 4.9 फ़ीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) की एक रिपोर्ट में इस मामूली सुधार का श्रेय बेहतर टैक्स कलेक्शन को दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया, "कुल मिलाकर हमारा अनुमान है कि राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.8 फ़ीसदी होगा, जो बजटीय अनुमान 4.9 फ़ीसदी से कुछ कम है..."
GST और इनकम टैक्स कलेक्शन में शानदार प्रदर्शन...
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कुल टैक्स रिवेन्यू में GST और इनकम टैक्स कलेक्शन में शानदार प्रदर्शन दर्ज किया गया है, और उससे मिले फ़ायदे से कॉरपोरेट टैक्स और केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमज़ोर कलेक्शन का असर घटाने में मदद मिली.
रिपोर्ट में कहा गया, "सकल कर राजस्व को GST और इनकम टैक्स कलेक्शन में बेहतर प्रदर्शन से मदद मिली... इससे कॉरपोरेट टैक्स और केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह में कमज़ोरी को आंशिक रूप से दूर करने में मदद मिली..."
"लक्ष्य से कम रहेगा केंद्र का पूंजीगत व्यय..."
दूसरी ओर, केंद्र का पूंजीगत व्यय (Capex या कैपिटल एक्सपेंडिचर) लक्ष्य से 1.5 लाख करोड़ रुपये कम रहने की संभावना है, जिससे बुनियादी ढांचे के दीर्घकालिक विकास पर असर पड़ सकता है. साथ ही, अतिरिक्त आवंटनों के चलते राजस्व व्यय बजट अनुमान से ज़्यादा हो सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तवर्ष 2025 के लिए नॉमिनल GDP वृद्धि बजटीय 10.5 फ़ीसदी के मुकाबले 9.9 फ़ीसदी रह सकती है, लेकिन इसके बावजूद, भारत की वास्तविक GDP वृद्धि वित्तवर्ष 2025 में स्वस्थ 6.5 फ़ीसदी रह सकती है. रिपोर्ट में खाद्य कीमतों के स्थिर होने के चलते उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति में कमी की भविष्यवाणी भी की गई है.
सर्विसेज़ एक्सपोर्ट में 13 फ़ीसदी की ज़ोरदार बढ़ोतरी का अनुमान
बाहरी मोर्चे पर भारत का निर्यात प्रदर्शन मिला-जुला रहने की उम्मीद है. वित्तवर्ष 2025 में व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात में 2.5 फ़ीसदी की मामूली वृद्धि का अनुमान है, क्योंकि वैश्विक अनिश्चितताओं का असर मांग पर पड़ रहा है. दूसरी ओर, IT और प्रोफ़ेशनल सर्विसेज़ जैसे सेक्टरों के समर्थन से सर्विसेज़ एक्सपोर्ट में 13 फ़ीसदी की ज़ोरदार बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
भारत का चालू खाता घाटा (CAD) वित्तवर्ष 2025 के दौरान GDP का 0.9 फ़ीसदी रह सकता है, जिसे संभाला जा सकेगा. कुल मिलाकर, केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट अर्थव्यवस्था की संतुलित तस्वीर पेश करती है, जिसमें सकारात्मक टैक्स रिवेन्यू रुझान और सर्विसेज़ एक्सपोर्ट की मदद से पूंजीगत व्यय और माल व्यापार में आने वाली चुनौतियों की भरपाई हो सकती है.
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