प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी ईडी को समन भेजकर तलब किया है. उन्हें 14 नवंबर को दिल्ली में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा है. इससे पहले ईडी ने अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसकी करीब 3084 करोड़ की संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच किया है. इनमें मुंबई के पाली हिल्स अंबानी परिवार का बंगला, दिल्ली का रिलायंस सेंटर और कई अन्य शहरों में संपत्ति शामिल हैं. ये एक्शन 31 अक्टूबर 2025 को पीएमएलए की धारा 5(1) के तहत लिया गया था. ईडी के मुताबिक, अटैच प्रापर्टी में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई और ईस्ट गोदावरी में हैं. इनमें ऑफिस, आवासीय फ्लैट और जमीन शामिल हैं.
पाली हिल, बांद्रा (वेस्ट), मुंबई में अंबानी परिवार का मशहूर निवास (प्लाट नंबर 43, नर्गिस दत्त रोड), नई दिल्ली का रिलायंस सेंटर, मुंबई-चर्चगेट. नागिन महल ऑफिस नोएडा, बीएचए मिलेनियम टॉवर के फ्लैट्स, हैदराबाद में कैप्री अपार्टमेंट, चेन्नई में अड्यार और ओएमआर इलाके में 29 फ्लैट (करीब 110 करोड़ रुपये की कीमत), ईस्ट गोदावरी, पुणे, ठाणे में जमीन शामिल हैं. ईडी की जांच रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग और फंड डायवर्जन के मामले में चल रही है.
जांच में पाया गया कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL और RCFL में करीब 5000 रुपये करोड़ का निवेश किया था. 2,965 करोड़ RHFL में और 2,045 करोड़ रुपये RCFL में, लेकिन यह निवेश बाद में डूब गया और दिसंबर 2019 तक RHFL पर 1,353 करोड़ और RCFL पर 1,984 करोड़ बकाया था.
ईडी का कहना है कि रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड के जरिये सीधे अनिल अंबानी ग्रुप में निवेश कानून सम्मत नहीं था. फिर भी म्यूचुअल फंड के पैसों को यस बैंक के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से रिलायंस ग्रुप की कंपनियों में डायवर्ट किया गया. RHFL और RCFL ने जो कॉरपोरेट लोन दिए, उनका बड़ा हिस्सा इन्हीं समूह से जुड़ी कंपनियों में पहुंचा और फंड्स में हेराफेरी की गई.
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