भारत सरकार अगले महीने के पहले सप्ताह में पेश होने जा रहे बजट में व्यक्तिगत आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है. प्रक्रिया के जानकार लोगों का कहना है कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ऐसा कर सकती है.
'ब्लूमबर्ग' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक रूप से बजट प्रस्तावों के बारे में बात करने के लिए अधिकृत नहीं होने की वजह से अनाम रहने की शर्त पर जानकार लोगों ने बताया, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपने पहले बजट में कामकाजी, यानी वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए करमुक्त आय की सीमा को 2,50,000 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 3,00,000 रुपये प्रतिवर्ष कर सकती है. वैसे टैक्स से जुड़े कदमों को फिलहाल अंतिम रूप नहीं दिया गया है.
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करों में दी गई किसी भी तरह की छूट से अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ेगा, जिसकी वृद्धि दर इस साल वैसे भी काफी कम हो गई है, और साल के पहले तीन महीनों में 5.8 फीसदी के पांच साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है.
टैक्स में छूट के इस प्रस्ताव से देश के पांच करोड़ मतदाताओं में से प्रत्येक को कम से कम 2,500 रुपये की बचत होगी. हालांकि इससे बजट घाटे में भी बढ़ोतरी होगी, जिसके मौजूदा वित्तवर्ष (2019-20) के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.4 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
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'ब्लूमबर्ग' में प्रकाशित रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वित्त मंत्रालय धारा 80 सी के अंतर्गत निवेश तथा बचत के लिए दी जाने वाली करमुक्त आय सीमा को बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सी के अंतर्गत फिलहाल 1,50,000 रुपये प्रतिवर्ष तक की राशि करमुक्त होती है. वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता डी.एस. मलिक ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया, क्योंकि बजट चर्चा गोपनीय होती है.
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