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This Article is From Jan 29, 2018

बजट सत्र आज से, तीन तलाक विधेयक पारित कराने पर जोर देगी केंद्र सरकार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ इस सत्र की शुरुआत होगी. कोविंद के अभिभाषण के बाद दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाएगी.

बजट सत्र आज से, तीन तलाक विधेयक पारित कराने पर जोर देगी केंद्र सरकार
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली: सरकार आज से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में तीन तलाक विधेयक को पारित कराने की पुरजोर कोशिश करेगी. हालांकि विपक्ष से उसे कडे़ विरोध का सामना करना पड़ सकता है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ इस सत्र की शुरुआत होगी. कोविंद के अभिभाषण के बाद दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाएगी.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को भाजपा नीत राजग सरकार का इस कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे. बजट सत्र का पहला चरण 9 फरवरी को पूरा हो जाएगा. दूसरा चरण 5 मार्च से छह अप्रैल के बीच होगा. इस बार के बजट में मजबूत रानीतिक संदेश हो सकता है, क्योंकि 2019 में लोकसभा चुनाव होने वाला है. इस बजट में किसानों और गरीबों पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जा सकता है.

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बजट से जुड़ी प्राथमिकताओं के अलावा सरकार कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने पर जोर दे सकती है. तीन तलाक संबंधी कानून के अलावा सरकार ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले विधेयक को पारित कराने की कोशिश करेगी. ये दोनों विधेयक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं. बजट सत्र की पूर्व संध्या पर हुए सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'सरकार बजट सत्र के दौरान एक बार में तीन तलाक संबंधी विधेयक को पारित कराना सुनिश्चित करने के लिए हर प्रयास करेगी.' उन्होंने कहा कि हम आम सहमति बनाने के लिए विभिन्न दलों से बातचीत करेंगे. 

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अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों के नेताओं से बजट सत्र की सफलता सुनिश्चित करने की अपील की है. बजट सत्र के दौरान सरकार जहां राज्यसभा में लंबित एक बार में तीन तलाक संबंधी विधेयक के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक को पारित कराना चाहती है. वहीं विपक्षी दल कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, संवैधानिक संस्थाओं पर कथित प्रहार और जीएसटी तथा कारोबारियों की स्थिति, किसानों की समस्या, उत्तरप्रदेश में साम्प्रदायिक हिंसा जैसे विषयों पर जोर देगी. 

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