प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2016-17 में भारत की जीडीपी बढ़ोतरी 7 फ़ीसदी से 7.75 फ़ीसदी तक रह सकती है और भारत में आने वाले दिनों में 8 से 10 फ़ीसदी विकास दर हासिल करने की क्षमता है। अहम बात ये है सर्वेक्षण ने बजट से पहले इनकम टैक्स में छूट की सीमा ना बढ़ाने की बात कही है।
लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में मिडिल क्लास के लिए सबसे अहम सलाह यही दिखती है कि टैक्स की छूट न बढ़ाई जाए। सर्वे में कहा गया है कि देश में टैक्स नेट में और ज़्यादा लोगों को शामिल करने का आसान तरीका ये होगा कि टैक्स की छूट की सीमा नहीं बढ़ाई जाए। सर्वे में ये भी कहा गया है कि टैक्स नेट में अभी 5.5 फीसदी कामगार लोग आते हैं और ये ज़रूरी है कि आने वाले वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 20 फीसदी की जाए।
महत्वपूर्ण ये भी है कि टैक्स एक्जंप्शन राज खत्म करने की बात करते हुए सर्वे ने कहा है कि इंडस्ट्री, सर्विसेज़, रियल इस्टेट और कृषि क्षेत्र से बेहतर कमाई वाले नागरिकों को टैक्स के दायरे में लाने की बात कही गयी है। जेडी-यू के प्रधान महासचिव के.सी. त्यागी ने एनडीटीवी से कहा, "ऐसे वक्त पर जब किसान संकट में हैं और कृषि क्षेत्र मुश्किल दौर से गुज़र रहा है...मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं।''
सर्वेक्षण में इस बात पर चिंता जताई गयी है कि GST बिल अटका पड़ा है, विनिवेश का प्रोग्राम टार्गेट से पीछे चल रहा है और सब्सिडी में कटौती के प्रस्ताव पर काम फिलहाल जारी है।
सरकार बस भरोसा दिला रही है कि विकास दर दस फ़ीसदी तक ले जाने की क्षमता उसके पास है और करेंट अकाउंट डेफिसिट वो एक से डेढ़ फीसदी रखने में कामयाब होगी।
लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में मिडिल क्लास के लिए सबसे अहम सलाह यही दिखती है कि टैक्स की छूट न बढ़ाई जाए। सर्वे में कहा गया है कि देश में टैक्स नेट में और ज़्यादा लोगों को शामिल करने का आसान तरीका ये होगा कि टैक्स की छूट की सीमा नहीं बढ़ाई जाए। सर्वे में ये भी कहा गया है कि टैक्स नेट में अभी 5.5 फीसदी कामगार लोग आते हैं और ये ज़रूरी है कि आने वाले वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 20 फीसदी की जाए।
महत्वपूर्ण ये भी है कि टैक्स एक्जंप्शन राज खत्म करने की बात करते हुए सर्वे ने कहा है कि इंडस्ट्री, सर्विसेज़, रियल इस्टेट और कृषि क्षेत्र से बेहतर कमाई वाले नागरिकों को टैक्स के दायरे में लाने की बात कही गयी है। जेडी-यू के प्रधान महासचिव के.सी. त्यागी ने एनडीटीवी से कहा, "ऐसे वक्त पर जब किसान संकट में हैं और कृषि क्षेत्र मुश्किल दौर से गुज़र रहा है...मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं।''
सर्वेक्षण में इस बात पर चिंता जताई गयी है कि GST बिल अटका पड़ा है, विनिवेश का प्रोग्राम टार्गेट से पीछे चल रहा है और सब्सिडी में कटौती के प्रस्ताव पर काम फिलहाल जारी है।
सरकार बस भरोसा दिला रही है कि विकास दर दस फ़ीसदी तक ले जाने की क्षमता उसके पास है और करेंट अकाउंट डेफिसिट वो एक से डेढ़ फीसदी रखने में कामयाब होगी।
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