8 years ago
नई दिल्ली:
राज्यसभा में पास हुआ GST बिल
राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थागित
राज्यसभा में निर्विरोध पारित हुआ जिएसटी विधेयक। समर्थन में पड़े 203 वोट, विरोध में कोई वोट नहीं।
जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक वोटिंग शुरू, पहला अनुच्छेद निर्विरोध हुआ पास, AIADMK ने किया वॉकआउट
इस पर अरुण जेटली ने कहा, हम पहले बिल का पहला मसौदा बना लें, जिसमें आपके (मौजूदा विपक्ष) के आठ मंत्रियों का योगदान है और संसद के पास इस बिल पर चर्चा का अधिकार होगा। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि सरकार का चर्चा से बचने का कोई इरादा नहीं है.
वहीं गुलाम नबी आजाद ने सवाल किया कि वित्तमंत्री अगर यह कहते हैं कि जीएसटी को वित्त विधेयक के तौर पर लाया जाएगा, जिससे हमें वोटिंग का अधिकार मिलेगा, तो इसमें नुकसान किया है.
इस पर जयराम रमेश ने कहा, वित्तमंत्री चर्चा से बचने के लिए आने वाले नवंबर में जीएसटी को धन विधेयक के तौर पर पेश कर देंगे, जैसे उन्होंने पूर्व में आधार और प्राइवेट मेंबर बिल के साथ किया था.
मैं वित्त विधेयक का आश्वासन नहीं दे सकता, क्योंकि इस बिल के तत्वों की मुझे खुद जानकारी नहीं : अरुण जेटली
हालांकि इस पर अरुण जेटली ने कहा कि अगर कोई टैक्सिंग बिल है तो संसद को बिल सेक्शन इसे वित्त विधेयक के तौर पेश करता है, बाकियों को धन विधेयक के तौर पर. संविधान की उपेक्षा करने का हमारा कोई इरादा नहीं.
इस बीच चिदंबरम ने जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को धन विधेयक की जगह वित्त विधेयक के तौर पर पेश करने की मांग दोहराई.
जीएसटी के 'बेढंगे ड्राफ्टिंग' के पी चिदंबरम के आरोप पर अरुण जेटली ने बीएन राव और बीआर आंबेडकर का जिक्र किया. उन्होंने साथ ही कहा, '2011 के विधेयक में राजस्व नुकसान के मुआवजा पर कोई बात नहीं की गई थी. इस वजह से उसका विरोध हुआ था। इसे अब हमें कांग्रेस बनाम बीजेपी का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.'
वहीं राज्य के नुकसान पर जेटली ने कहा, 'जब हम कहते हैं कि केंद्र राज्यों का होने वाली राजस्व हानि का मुआवजा देगी, तो वे सरकार पर भरोसा करने को तैयार नहीं।' इसी वजह से विधेयक में केंद्र 'मुआवजा दे सकता' है को बदल कर 'मुआवजा देगा' किया गया और 5 साल के लिए पूर्ण मुआवजा पर सहमति बनी.
टैक्स दर की सीमा तय करने की चिदंबरम की मांग पर जेटली ने कहा- राज्यों के वित्तमंत्री 18% की सीमा तय करने पर राजी नहीं.
क्या राज्य लोगों की दुश्मन हैं, जो लोगों पर अतिरिक्त टैक्स लगाएंगी? केंद्र सरकार 12% तक उत्पाद शुल्क लगाती है. राज्य वैट लगाते हैं. इससे करीब 60% उत्पादों पर कुल 27% तक का टैक्स लगता है. जीएसटी टैक्स पर टैक्स लगाने की व्यवस्था को खत्म कर देगी : अरुण जेटली
जब आप कहते हैं कि केंद्र को राज्यों पर वीटो का अधिकार है, तो यह आधा सच है. राज्यों को भी केंद्र पर वीटो का अधिकार है. यहां बैठे हम सब जीएसटी काउंसिल हैं. संसद काउंसिल के प्रस्तावों के आधार पर कानून बनाएगी. हमारा कानून काउंसिल पर आधारित होगा, जिसका 2/3 हिस्सा राज्यों का है.
राज्यों को बेशक मजबूत बनाना चाहिए, लेकिन उसी तरह संघ को भी मजबूत होना चाहिए। भारत राज्यों का संघ है, राज्यों का समूह नहीं। यह संघ के बिना नहीं रह सकता : वित्त मंत्री अरुण जेटली
जब आप (सरकार) जीएसटी बिल्स (राज्य, केंद्र और अंतर्राज्यीय) तो कृपया कानून में टैक्स दर तय करें : आनंद शर्मा
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा, जीएसटी जैसा बड़ा फैसला लोगों को जानबूझकर अंधेरे में रखकर नहीं लिया जाना चाहिए. जीएसटी दर का कानून में जरूर जिक्र हो और इसके बिना कोई कर ना लगाया जाए, ना वसूला जाए.
AIADMK के नवनीत कृष्णन ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा, 'यह संविधान संशोधन विधेयक खुद असंवैधानिक है, क्योंकि यह राज्यों की राजकोषीय स्वायत्ता का उल्लंघन करता है। इससे तमिलनाडु को स्थायी रूप से राजस्व की हानि होगी, इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।' उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को इस विधेयक के कारण 9,270 करोड़ रुपये की हानि होगी। उन्होंने मांग कि राज्यों को होने वाली हानि के लिए मुआवजा राशि पांच वर्षों के लिए दी जाए और आगे भी हानि होती है, तो इस अवधि को आगे बढ़ाने की व्यवस्था हो.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, 'अपना राजस्व बढ़ाने के लिए आपने (केंद्र) मुंबई का राजस्व खा लिया। वह आपके लिए मायानगरी होगी, लेकिन हमारे लिए मां है. अगर मुंबई भीख मांगने को मजबूर होगा, तो देश भी भिखारी बन जाएगा.'
शिरोमणी अकाली दल के नरेश गुजराल ने सभी पार्टियों से जीएसटी बिल का समर्थन करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और वित्त मंत्री अरुण जेटली इस पर प्रशंसनीय काम के लिए बधाई के पात्र हैं.
राजस्थान से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य नरेंद्र बुढानिया ने कहा, 'मुझे इस बात की शिकायत है कि यह सरकार अब इस विधेयक पर समर्थन मांग रही है, जबकि कांग्रेस ने 4 साल पहले जब इसे पेश किया था तो वे विरोध कर रहे थे. सरकार कहती है कि जीएसटी बिल भारत की जीडीपी 1-2% बढ़ा देगी। तो फिर बीजेपी ने विपक्ष में रहते हुए इस बिल का समर्थन क्यों नहीं किया.'
बीजेपी सांसद महेश पोद्दार ने जीएसटी विधेयक को 'एक विधान, एक कराधान' करार दिया. उन्होंने कहा, जीएसटी बिल अप्रत्यक्ष करों को आसान बनाएगा. 5-7 टैक्स कानूनों की जगह 2 कानून लोगों की जिंदगी को आसान बनाएंगे. जीएसटी लागू होने के तुरंत बाद सेवा दरों में वृद्धि होगी, लेकिन बाद में इनमें कमी की जाएगी.
समाजवादी पार्टी के सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि हम जीएसटी बिल का समर्थन करते हैं, लेकिन यहां कुछ शंकाएं हैं। जीएसटी के मौजूदा प्रारूप से सेवा क्षेत्र में मंहगाई बढ़ेगी. वित्त मंत्री जब स्पष्टीकरण दें तो वह इसके लागू होने के समयसीमा पर भी बात करें
बीजेपी सांसद अजय संचेती ने कहा कि जीएसटी एकरूपता लाएगा। सभी राज्यों में अगर समान कानून हो तो वैश्विक निवेशकों को फायदा होगा. इससे भारत एक बड़ा बाजार और निवेश स्थली बनेगा.
कांग्रेस के विवेक तनखा ने जीएसटी दरों की ऊपरी सीमा तय करने की अपनी पार्टी की मांग को दोहराते हुए कहा कि 18 फीसदी टैक्स पहले ही बहुत ज्यादा है. अगर अप्रत्यक्ष कर 18% से ज्यादा रहता है, तो इससे महंगाई और लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी.
जीएसटी अप्रत्यक्ष करों में भारत का सबसे बड़ा सुधार है, इससे सभी छोटे-बड़े व्यापार प्रभावित होंगे : कर्नाटक से निर्दलीय सांसद राजीव चंद्रशेखर
एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल कहते हैं, 'हम गरीब राज्यों की समस्या का भी समाधान करना चाहिए. काफी लंबे अर्से से हमारे देश में अलग-अलग टैक्स ढांचा रहा है. इससे सरकारी खजाने में राजस्व का घाटा होता था. जीएसटी बड़े सुधार की तरफ उठाया गया कदम है जो कि तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए. मैं इसे (जीएसटी) धन विधेयक नहीं बल्कि वित्त विधेयक के तौर पर पेश करने की आग्रह करता हूं.'
बीएसपी ने जीएसटी विधेयक को धन विधेयक की जगह वित्त विधेयक के तौर पर लाने के कांग्रेस की मांग का समर्थन किया, ताकि संसद के दोनों सदनों में इस पर चर्चा की जा सके।
हम उन 90% लोगों का साथ देने के लिए इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं, जिन्हें उम्मीद है कि इस विधेयक से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
हम उन 90% लोगों का साथ देने के लिए इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं, जिन्हें उम्मीद है कि इस विधेयक से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
जीएसटी पर गठित प्रवर समिति में बीएसपी के प्रतिनिधि रहे सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, 'वस्तु एवं सेवा कर को बड़ी शक्तियां दी गई हैं। इसमें कानून में बदलाव करने की राज्य की शक्तियां छीन ली गई हैं, जिससे लोग प्रभावित होंगे।'
सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा, क्या हम चाहते हैं कि केंद्र के पास राज्य भीख का कटोरा लेकर जाएं. देश का संघीय ढांचा खत्म नहीं होना चाहिए. हमारे संविधान की संप्रूभता लोग हैं. तो अगर लोकसभा से पारित बिल अगर राज्यसभा में लोगों के पक्ष में नहीं पाया गया, तो हम इसके खिलाफ हैं.
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने विधेयक का समर्थन करते हुए इस विधेयक के संबंध में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के रुख पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने जिस तरह से पिछले 10 वर्षों से जीएसटी को लेकर खेल किए हैं, उसके लिए उन्हें ओलिंपिक मेडल मिल सकता था। दोनों दलों के नेताओं की जीएसटी के संबंध में की गई टिप्पणियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों का बयान इस बात पर निर्भर करता है कि वे सत्ता पक्ष में बैठे हैं अथवा विपक्ष में...
सरकार विपक्ष से बातचीत का सिलसिला न तोड़े, हम सदन चलने में साथ देंगे. जीएसटी आने के बाद भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी : जेडीयू के शरद यादव
समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा- उनकी पार्टी नहीं चाहते हुए भी जीएसटी बिल का समर्थन कर रही है, क्योंकि वे नहीं चाहते कि लोग उन्हें भारत के आर्थिक विकास की राह का रोड़ा समझें.
राजस्थान से बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा, भारत में टैक्स चोरी इसीलिए होती है, क्योंकि हमारी टैक्स व्यवस्था काफी जटिल है.
बीजेपी के भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में रखा सरकार का पक्ष, कहा-
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि भारत के विकास में राज्यों को मिलकर काम करना होगा
- जीएसटी के ज़रिये हम भारत को 'एक समान बाज़ार' के रूप में पेश कर पाएंगे
- फिर हम 29 अलग-अलग बाज़ारों से एक बाज़ार में तब्दील हो जाएंगे, जो हमारी ताकत होगा
- हमारे बिल में आम आदमी द्वारा दिए जाने वाले टैक्स को सरल कर दिया गया है
सातवें वेतन आयोग की खुशी पर कुछ हद तक पड़ सकती है महंगाई की मार. कैसे? यह जानने के लिए यहां क्लिक करें
राज्यभा में पी. चिदंबरम ने आखिर में कहा- जीएसटी का अर्थ सिर्फ 'गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स' नहीं है, इसका अर्थ 'गुड सेन्स ट्रायम्फ्स' भी है.
चिदंबरम ने चर्चा के दौरान सदन में कहीं ये प्रमुख बातें :
- अब हिन्दुस्तान की जनता जीएसटी बिल को स्वीकार करने के लिए तैयार है.
- टैक्स दर 18% से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए, यदि महंगाई रोकनी है
- जीएसटी बिल की आत्मा यही है कि उसमें टैक्स की दर क्या रहेगी
- खुशी है, सरकार की ओर से विपक्ष से चर्चा के लिए प्रयास किए गए
- हर वित्तमंत्री पर राजस्व को बढ़ाने के दबाव में रहता है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अप्रत्यक्ष कर अमीर और गरीब, दोनों को प्रभावित करते हैं
कांग्रेस ने बिल का विरोध किया और विचार का नहीं. इसका विरोध इसलिए था, क्योंकि हमारा मानना था, बेहतर जीएसटी लाया जा सकता है. अब भी बिल में कई तरह की खामियां हैं : राज्यसभा में पी. चिदंबरम
यहां तक पहुंचने में 11 साल लगे. 2014 में भी इस बिल का विरोध किया गया था. जीएसटी के विचार का कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया. सरकार विपक्ष की मदद के बिना पास करवाने की कोशिश की : चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माना कि यूपीए के समय पहली बार बिल आया था।
जीएसटी बिल से भारत 'एक आर्थिक बाज़ार' बन जाएगा : राज्यसभा में अरुण जेटली
अरुण जेटली ने कहा, जीएसटी भारतीय इतिहास में पेश हुए सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार में से एक है.
राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली पेश कर रहे हैं GST बिल
GST का उपभोक्ताओं पर यह होगा असर:
सर्विस टैक्स की वर्तमान दर 15% जो जीएसटी लागू होने पर बढ़ जाएगी, इसससे रेस्टोरेंट में खाना और हवाई यात्रा महंगी हो जाएगी
सर्विस टैक्स की वर्तमान दर 15% जो जीएसटी लागू होने पर बढ़ जाएगी, इसससे रेस्टोरेंट में खाना और हवाई यात्रा महंगी हो जाएगी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि वह जीएसटी बिल के राज्यसभा में पास होने को लेकर आशान्वित हैं.
आखिर GST बिल लागू करने के लिए संविधान संशोधन की जरूरत क्यों है, यह जानने के लिए यहां क्लिक करें
बता दें, जिस बिल को सरल और सीधी भाषा में जीएसटी बिल कहा जा रहा है वह असल में जीसएसटी बिल नहीं है बल्कि एक संविधान संशोधन बिल है, जो असल में जीएसटी बिल का रास्ता साफ करेगा.
बुधवार का दिन सरकार के लिए अहम है. राज्यसभा में आज गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानी जीएसटी बिल पर चर्चा होनी है. सरकार ने कॉन्सटिट्यूश अमेंडमेंट बिल जीएसटी की प्रतियां सभी सांसदों के बीच वितरित कर दी हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में इस पर सरकार का साथ देने का भरोसा दिया है.