विजय माल्या ने उठाया बैंकों के कमजोर सिस्टम का फायदा

विजय माल्या ने उठाया बैंकों के कमजोर सिस्टम का फायदा

विजय माल्या मामले में जैसे-जैसे नए तथ्य सामने आ रहे हैं यही बात बार-बार सामने आ रही है जो मैंने पहले भी कही, बैंकों के कमजोर सिस्टम की। सीबीआई के नए तथ्य भी बताते हैं कि विजय माल्या बैंक से लिए हुए क़र्ज़ के पैसे को देश से बाहर ले जाने में कामयाब हुए।

मैंने पहले भी बताया था कि मैंगलोर केमिकल कंपनी के मामले में IDBI से माल्या के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे, फिर भी 2009 में माल्या को इसी बैंक से 900 करोड़ का लोन मिला था। मतलब साफ है कि कुछ बैंक अपने तरीके से माल्या पर मेहरबान रहे।

अब दूसरा एक और पहलू सिस्टम का जो कि सीबीआई की धीमी चाल बताता है, वजह चाहे जो भी हो सीबीआई ने जुलाई, 2015 में माल्या के ख़िलाफ़ तुरंत कार्रवाई नहीं की, उल्टे माल्या पर नज़र रखने के लिए जारी किए गए नोटिस को भी कमजोर कर दिया। ये सब उस माहौल में है जब विजय माल्या खुद ये दावा ठोंक रहे हैं कि.. मैं भगोड़ा नहीं हूं।

तो मेरी समझ के बाहर है कि जवाबदेही किसकी बनती है? सदन में अरुण जेटली भी ये बयान दे चुके हैं कि माल्या के बारे में सारी ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी और कांग्रेस भी इसे सवाल पूछ-पूछ कर बड़ा मुद्दा बना रही है, वो कांग्रेस जिसकी सरकार के समय माल्या ने बैंकों से बहुत लोन हासिल किया, इस बात के बावजूद कि किंगफिशर एयरलाइन बड़े घाटे में थी। सवाल सीधा है कि क्या कभी किसी माल्या की घटना सिस्टम को सबक सिखाएगी?

(अभिज्ञान प्रकाश एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं)

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