महावीर रावत की कलम से : भारत-पाक सीरीज़ के पीछे क्रिकेट नहीं, पैसे की मारामारी है...

महावीर रावत की कलम से : भारत-पाक सीरीज़ के पीछे क्रिकेट नहीं, पैसे की मारामारी है...

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

चिर-प्रतिद्वंद्वियों भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सीरीज़ खेले जाने की उम्मीद एक कदम आगे, औ एक कदम पीछे जाती नज़र आ रही है, क्योंकि मौजूदा हालात में सीरीज़ होगी या नहीं, इसका फैसला अब क्रिकेट बोर्ड नहीं, बल्कि देश के राजनेता कर रहे हैं...

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने बहुत समझदारी से गेंद को केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया है और अपने बयानों से लगातार सीरीज़ खेलने के लिए दबाव बना रही है... आखिर क्यों...?

दरअसल, यह पूरी जंग टीवी प्रसारण के हक को लेकर हो रही है, जिसमें करोड़ों रुपये दांव पर हैं...

  • बीसीसीआई का पांच साल का अनुबंध (वर्ष 2018 तक) स्टार ग्रुप से है, जिसके लिए स्टार ग्रुप ने 3,851 करोड़ रुपये दिए हैं...
  • यानी हर मैच के लिए बीसीसीआई को 40 करोड रुपये मिल रहे हैं...
  • वहीं पाकिस्तान का अनुबंध वर्ष 2020 तक Ten Sports के साथ है...

भारतीय क्रिकेट बोर्ड को इतनी बड़ी राशि देने वाला स्टार ग्रुप लगातार बोर्ड पर पाकिस्तान के खिलाफ़ सीरीज़ खेलने का दबाव डालता है, क्योंकि यही एक सीरीज़ है, जिससे उसे बड़ी कमाई हो सकती है... चूंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के तमाम क्रिकेट टूर्नामेंटों से जो पैसे आते हैं, उसमें आईसीसी का भी हक होता है, इसलिए स्टार ग्रुप को वन-डे विश्वकप और टी-20 विश्वकप जैसे बड़े टूर्नामेंटों से भी कोई खास मुनाफा नहीं होता... उधर, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के प्रसारण अधिकार Sony के पास हैं, तथा दूसरी ओर, भारत में टेस्ट मैच और द्विपक्षीय सीरीज़ की लोकप्रियता कम होती जा रही है, सो, अब स्टार ग्रुप को भारत-पाकिस्तान सीरीज़ से ही बड़े मुनाफे की उम्मीद है...

सो, अब यह तो तय है कि भारत-पाकिस्तान की सीरीज़ से करोड़ों की कमाई होगी, जिसे दोनों देशों के बोर्ड हाथ से जाने देना नहीं चाहते, इसीलिए कहानी में एक नया ट्विस्ट भी आ गया है, और दोनों देशों के बोर्ड सीरीज़ को श्रीलंका में कराए जाने के प्रस्ताव पर भी राज़ी हो गए हैं, हालांकि इससे दोनों देशों के रिश्ते कैसे सुधरेंगे, कोई नहीं जानता...

यह भी माना जा रहा है कि तीन वन-डे और दो टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद बीसीसीआई पाकिस्तान को एक बड़ी सीरीज़ खेलने के लिए भारत आने का न्योता दे सकती है, यानी फिर बड़ा फायदा... दरअसल, दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों को पता है कि इस तरह की सीरीज़ से उन्हें करोड़ों का फायदा होगा, लेकिन खुले तौर पर इसकी तरफदारी करना उनके हितों के लिए नुकसानदायक हो सकता है...

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