राजस्थान का सत्ता संर्घष अब रोचक दौर में हैं.. एक फिल्मी कहानी की तरह यहां इमोशन है ड्रामा है और सस्पेंस भी है. राजस्थान के सत्ता संर्घष में सब एक दूसरे के पीछे भाग रहे हैं. यहां सत्ता के लिए दौड़ लगी हुई है और यह दौर टॉम और जेरी की दौड़ से कम नहीं है. आखिर मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं? इसकी वजह यह है कि कुछ ऐसी खबरें जो राजस्थान से आ रही हैं. एक बानगी देखिए, राजस्थान में सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीछे लगे हुए हैं तो सचि पायलट के पीछे राजस्थान की की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी लगी हुई है. दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने अशोक गहलोत के करीबियों के पीछे ईडी या प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स को लगाया हुआ है. इसके एवज में राजस्थान का ऐंटी करप्शन ब्यूरो सचिन पायलट की जांच कर रहा है.
जबाब में केन्द्र की तरफ से सीबीआई ने अशोक गहलोत के खिलाफ एक मामले की जांच शुरू कर दी है. मामला है चुरू में एक एसएचओ विष्णु दत्त के आत्महत्या का. इस मामले में अशोक गहलोत के एक विधायक कृष्णा पूनिया से भी पूछताछ हुई है. और अब अशोक गहलोत के ओएसडी देवाराम सैनी से सीबीआई ने पूछताछ की है. देर सबेर सीबीआई अशोक गहलोत को भी पूछताछ के लिए बुला ही लेगी और यह सब बस इन्हीं दिनों शुरू हुआ है जब से राजस्थान में सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत का मामला शुरू हुआ है.
ये सब वैसा ही है जैसा हम कार्टून में टॉम और जेरी को रेस लगाते देखते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि जगह राजस्थान है और टॉम और जेरी के रूप में नेता. बाकी कौन टॉम है और कौन जेरी यह मैं आपकी कल्पना पर छोड़ता हूं. राजस्थान का मामला अदालत में है. अदालत अब दो दिन बाद यह फैसला करेगी कि सचिन पायलट और उनके सर्मथकों को विधानसभा अध्यक्ष नोटिस दे सकते हैं या नहीं. वहीं दूसरी ओर अशोक गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाने की तैयारी में हैं, यानी यहां भी टॉम और जेरी की दौड़ जारी है कि कौन बाजी मारता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री की रणनीति है कि विधानसभा के अंदर सचिन पायलट को पटखनी दी जाए. .देखना है कि राजस्थान के इस सत्तासंर्घष में टॉम जीतता है या जेरी. उम्मीद है अभी तक आपने यह तय कर लिया होगा कि आपका टॉम कौन है और जेरी कौन.
(मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं.)
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