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This Article is From Sep 24, 2015

दूसरी पारी की चुनौती में भी गांगुली को करनी होगी फ्रंटफुट पर बैटिंग

Vimal Mohan
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    सितंबर 25, 2015 10:49 am IST
    • Published On सितंबर 24, 2015 20:58 pm IST
    • Last Updated On सितंबर 25, 2015 10:49 am IST
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली आखिरकार क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष का पद संभालेंगे, यह बात साफ हो गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि डालमिया की विरासत को संभालने के लिए एक योग्य शख़्स की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए सौरव गांगुली के नाम का ऐलान कर दिया। गांगुली करीब 14 महीने सीएबी के ज्वाइंट सेक्रेटरी बने रहे।

सब कुछ एक चुनौती है
गांगुली ने अध्यक्ष बनने के ऐलान के साथ ही कहा, 'मैंने सीएबी के अधिकारियों के साथ 14 महीने काम किया और सब कुछ एक चुनौती है। मैं सभी 117 सदस्यों से बात करूंगा। मैं वह सब करूंगा जो मैं कर सकता हूं। मुझे बहुत खुशी है कि डालमिया के बेटे (अभिषेक डालमिया) भी इसका हिस्सा होंगे। (डालमिया के जाने से) एक बड़ी जगह खाली हुई है जो भरी जानी है।'     

टेस्ट और वनडे में कुल मिलाकर 38 शतक लगाने वाले गांगुली के अध्यक्ष बनने के साथ ममता बनर्जी ने सबसे पहली चुनौती का ऐलान किया कि उन्हें सीएबी की लाइन अप तय करनी है। बंगाल क्रिकेट संघ की चुनौतियों को देखते हुए फ़र्स्ट क्लास और लिस्ट-ए में 64 शतक लगाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के सामने इसे संवारना उनकी पहली चुनौती होगी। घरेलू क्रिकेट में बंगाल की हालत बेहतर करना, सीएबी के ढांचे को मजबूत करना, फिर से बंगाल को क्रिकेट का सेंटर बनाना और बीसीसीआई में बंगाल को और मजबूत करने जैसी चुनौतियां गांगुली के सामने तो हैं ही।  

बंगाल क्रिकेट संघ के सदस्यों से बनाना होगा तालमेल
गांगुली के सामने पहली चुनौती शायद बंगाल क्रिकेट संघ के सदस्यों से तालमेल बनाने की हो सकती है। जानकार बताते हैं कि बिश्वरूप डे (कोषाध्यक्ष) और बबलू गांगुली (ज्वाइंट सेक्रेटरी) जैसे सदस्यों के साथ मिलकर आगे के काम का रास्ता बनाना सौरव के लिए आसान नहीं होगा। उन्हें इस बात का अच्छी तरह अहसास भी है।

टीम इंडिया में बंगाल को बढ़ते देखना चाहते हैं फैन्स
गांगुली ने बंगाल क्रिकेट की सीरत को संवारने की कई कोशिशें की हैं। विज़न 20-20 नाम के प्रोग्राम के जरिए उन्होंने बंगाल में क्रिकेट टूर्नामेंट के ढांचे में बदलाव की कोशिश की है। रणजी सीज़न से पहले बंगाल क्रिकेट टीम पहली बार श्रीलंका अभ्यास करने गई है। बंगाल के क्रिकेट फ़ैन्स को गांगुली से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। यहां से ऋद्धिमान साहा, मोहम्मद समी, अशोक डिंडा और मनोज तिवारी जैसे खिलाड़ी टीम इंडिया में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाते रहे हैं। बंगाल के क्रिकेट फ़ैन्स इस नंबर को और बढ़ता हुआ और ठोस होते देखना चाहेंगे। बंगाल के 20 जिलों और करीब सवा सौ एफिलेटेड यूनिटों को गांगुली एक साथ लेकर कैसे चलते हैं, इस पर सबकी नजर रहेगी।

टीम इंडिया को अलग तेवर दिए गांगुली ने
113 टेस्ट में 7000 से ज्यादा और 311 वनडे में 11000 से ज्यादा रन बनाने वाले सौरव गांगुली ने कप्तान बनकर टीम इंडिया को जो तेवर दिए, उससे सब अच्छी तरह वाकिफ हैं। गांगुली ने अपने जमाने में क्रिकेट टीम को विपक्षी की आंखों में आंखें डालकर खेलने का नुस्खा दिया। मोहम्मद कैफ, युवराज सिंह, वीवीएस लक्ष्मण, हरभजन सिंह, राहुल दविड़, जहीर जैसे खिलाड़ी गांगुली की कप्तानी में अलग-अलग रोल में चमकते नजर आए और टीम इंडिया की तस्वीर ही बदल गई।

क्रिकेट की दूसरी पारी में गांगुली को एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के वक्त क्रिकेट का सेंटर मुंबई से बदलकर कोलकाता हो गया और भारत को सौरव गांगुली के रूप में ईस्ट जोन से पहला आक्रामक कप्तान मिला। गांगुली के फ़ैन्स एक बार फिर उनसे बंगाल क्रिकेट में भी ऐसे ही कारनामे की उम्मीद करने लगे हैं।

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