सुशील महापात्रा की कलम से : साउथ अफ्रीका की हार लेकिन टेस्ट क्रिकेट की जीत

सुशील महापात्रा की कलम से : साउथ अफ्रीका की हार लेकिन टेस्ट क्रिकेट की जीत

डि विलियर्स और हाशिम अमला।

नई दिल्ली:

भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट मैच शुरू होने से पहले भारत की पिचों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे। साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी भी स्पिन गेंदबाजों को मदद करने वाली पिच को लेकर सवाल उठा रहे थे, लेकिन भारत के कप्तान विराट कोहली का कहना था कि ऐसा होता रहता है घरेलू खिलाड़ियों को मदद करने वाली पिच हर देश बनाता है और यह कोई नई बात नहीं। यह बात सच भी है भारत के खिलाड़ी जब दूसरे देशों के दौरे करते हैं तो वहां की बाउंस पिच पर संघर्ष करते हुए नजर आते हैं। हर देश अपनी जरूरत के अनुसार पिच बनाते हैं।  

भारतीय स्पिन गेंदबाजों का जलवा
पहले टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाड़ियों की शंका सही साबित हुई। इस टेस्ट मैच को भारत ने 108 रन से जीता। साउथ अफ्रीका के फ्रंटफुट पर खेलने वाले खिलाड़ी बैकफुट पर नज़र आ रहे थे। भारत के स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने 20 से 16 विकेट झटक कर यह साबित कर दिया कि भारत के मैदान पर स्पिन गेंदबाजों को खेलना इतना आसान नहीं। आश्विन और जडेजा को इस मैच में 8-8 विकेट मिले। बारिश की वजह से दूसरा टेस्ट मैच बेनतीजा रहा। तीसरे टेस्ट मैच में भी भारत के स्पिन गेंदबाजों का दबदबा रहा। भारत के स्पिन बॉलरों के सामने साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी बेबस नज़र आ रहे थे। दोनों परियों में 20 विकेट भारत के स्पिनर्स को मिले। पहला पारी में रविचंद्रन अश्विन को सात और अमित मिश्र को तीन विकेट मिले था जबकि दूसरी पारी में अश्विन पांच,जडेजा चार और अमित मिश्र एक विकेट लेने में कामयाब हुए।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी बेबस नजर आए
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच चौथे टेस्ट मैच में यह उम्मीद की जा रही थी कि पहले दो टेस्ट मैच की तरह यह टेस्ट मैच भी भारत आसानी से जीत जाएगा। भारत के स्पिनरों के सामने साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी बेबस नजर आएंगे। पहली पारी में ऐसा भी हुआ भारत के 334 रन के जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम सिर्फ 121 रन पर सिमट गई। फिर भारत ने अपनी दूसरी पारी की 267 रन पर घोषणा कर दी और साउथ अफ्रीका के सामने 481 रन का लक्ष्य रखा।  कोटला में भारत की कोशिश यही थी कि पहले और तीसरे टेस्ट की तरह यह टेस्ट मैच भी चार दिन के अंदर खत्म कर दिया जाए। शुरुआत में ऐसा लग भी रहा था। साउथ अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी में पांच रन पर पहला विकेट गंवा दिया और दूसरा विकेट 49 रन पर गंवाया।

वे न तो रन बना रहे थे, न ही आउट हो रहे थे...
इसके बाद साउथ अफ्रीका के हाशिम अमला और एबी डि विलियर्स न तो रन बना रहे थे न ही आउट हो रहे थे। चिल्लाने वाले दर्शक शांत पड़ने लगे। भारत के गेंदबाज नाचते हुए कूदते हुए बॉलिंग करते हुए दिखाई दे रहे थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था। ऐसा लग रहा था कि असली टेस्ट मैच वापस आ रहा है। मेडन ओवर पर मेडन ओवर जा रहा था। कई दिनों के बात एक ऐसा टेस्ट मैच देखने को मिल रहा था जहां बल्लेबाज इतने धीरे खेल रहे थे। हाशिम अमला और एबी डि विलियर्स के बल्ले के सामने गेंद घूमती हुई नजर नहीं आ रही थी। हाशिम अमला ने 244  गेंद पर सिर्फ 25  रन बनाए और डि विलियर्स ने 297 गेंद पर 43 रन। दोनों मिलकर करीब 90 ओवर खेले और कुल 68 रन बनाए। इन दोनों के आउट हो जाने के बाद साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 143 .1 ओवर खेलते हुए 143 रन पर आल आउट हो गई। लेकिन इन दोनों की शानदार पारी की वजह से साउथ अफ्रीका की टीम ने इस टेस्ट मैच को पांचवे दिन तक खींच लिया।

धीमी पारी के कई रिकार्ड
कई दिनों के बात इस तरह का टेस्ट मैच देखने को मिला। पहले भी कई बार इस तरह की धीमी पारी दिखने को मिल चुकी है। 1954  में पाकिस्तान के टेस्ट खिलाड़ी हनीफ मोहम्मद ने लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ 223  गेंद पर 20  रन बनाए थे। अगर समय के लिहाज से देखा जाए तो  न्यूजीलैंड के G Allott ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 1998-99 में ऑकलैंड के मैदान पर 101 मिनट तक पिच पर रहते हुए कोई रन नहीं बनाया था। एक दिवसीय और T20 मैच की शुरुआत होने के बाद टेस्ट क्रिकेट की बैटिंग में कई बदलाव आए हैं। कई लोग हाशिम अमला और डीविलियर्स की इस पारी को नेगेटिव पारी के रूप में देख रहे हैं, लेकिन यह गलत है। टेस्ट मैच में इस तरह की पारियां कई बार देखने को मिल चुकी हैं। चौथे टेस्ट में साउथ अफ्रीका जरूर हार गया हो लेकिन यहां  टेस्ट क्रिकेट की जीत हुई है।

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