27 जनवरी 2014 के दिन राहुल गांधी ने जब एक प्राइवेट न्यूज चैनल को अपना पहला टीवी इंटरव्यू दिया था तब उनके इंटरव्यू को लेकर कई सवाल उठाए गए थे. राहुल के आत्मविश्वास पर सवाल उठे थे. यह भी कहा गया था कि राहुल गांधी सवाल का जवाब सीधे-सीधे नहीं दे रहे थे. यह सच था. राहुल गांधी के उस इंटरव्यू में आत्मविश्वास की कमी दिखाई दे रही थी लेकिन यह बड़ी बात थी कि राहुल गांधी करीब 80 मिनट के उस इंटरव्यू को झेल गए. हर सवाल का जवाब देने की कोशिश की. जब दुनिया भर के लोगों की नजर किसी नेता पर हो, जिसमें विपक्ष भी शामिल हो तो 80 मिनट तक सवालों का सामना करना कोई छोटी बात नहीं थी. सबसे बड़ी बात यह भी थी कि उस समय देश में लोकसभा चुनाव भी होने वाले थे तो राहुल के इस इंटरव्यू का कई मायने भी थे. एक गलत जवाब मतलब चुनाव पर असर हो सकता था. यह इंटरव्यू राहुल की राजनीतिक रूपरेखा भी तय करने वाला था.
2014 से लेकर 2019 के बीच राहुल गांधी के अंदर बहुत बदलाव आया है. इस चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कई इंटरव्यू दिए हैं. शुक्रवार को राहुल गांधी ने एनडीटीवी के रवीश कुमार को इंटरव्यू दिया. मध्य प्रदेश के शुजालपुर में यह इंटरव्यू हुआ. इंटरव्यू के लिए मैं भी रवीश कुमार के साथ ट्रैवल कर रहा था. हम सबके मन में एक सवाल यह भी था कि क्या राहुल गांधी लाइव इंटरव्यू देंगे? समय के मुताबिक राहुल गांधी शुजालपुर पहुंचते हैं फिर कार्यक्रम शुरू होता है. स्टेज पर कमलनाथ समेत कई बड़े नेता मौजूद थे. मेरी नजर राहुल गांधी पर थी, यह पहला मौका था जब मैं राहुल गांधी को करीब से देख रहा था. राहुल के हावभाव पर मेरी नजर थी. मैं राहुल गांधी के आत्मविश्वास को मापने में लगा हुआ था.
स्टेज पर जब कांग्रेस नेता भाषण दे रहे थे, तब राहुल गांधी सब को गौर से सुन रहे थे. जब देवास के प्रत्याशी पद्मश्री प्रह्लाद टिपानिया स्टेज पर कबीर का गाना गाने लगे तो राहुल गांधी तुरंत अपनी कुर्सी से उठ गए और गाना रिकॉर्ड करने लगे. फिर इस रिकॉर्डिंग को अपने ट्विटर पर अपलोड भी कर दिया. कई लोगों को यह आम बात लगी होगी लेकिन जब आप गहराई से सोचेंगे तो यह बड़ी बात थी. इस हरकत के साथ राहुल गांधी ने यह साबित किया कि वो अपने कार्यकर्ता का भी ख्याल रखते हैं. पद्मश्री प्रह्लाद टिपानिया के साथ-साथ वहां बैठे कार्यकर्ताओं का भी राहुल गांधी के प्रति सम्मान बढ़ गया होगा. वहां बैठे लोगों का भी राहुल गांधी के प्रति प्यार बढ़ा होगा.
अपनी स्पीच खत्म करने के बाद राहुल गांधी स्टेज से नीचे उतरे. हमारा कैमरा पहले से तैयार था. नीचे पहुंचते ही राहुल गांधी ने सभी क्रू मेंबर से हाथ मिलाया फिर इंटरव्यू के लिए लगी चेयर को बदलकर भीड़ की तरफ कर दिया यानी राहुल गांधी चाहते थे कि बैक ग्राउंड में भीड़ भी दिखाई दे. राहुल ने जहां अपनी कुर्सी लगाई, वहां काफी धूप थी. राहुल गांधी से हमने पूछा भी क्या धूप से परेशानी तो नहीं होगी? राहुल गांधी ने कहा धूप से उन्हें कोई समस्या नहीं है. फिर इंटरव्यू शुरू हुआ. हमें बताया गया कि राहुल गांधी सिर्फ 20 मिनट इंटरव्यू दे सकते हैं क्योंकी शुजालपुर के बाद उन्हें दो और रैलियों में भी जाना था. यह लाइव इंटरव्यू था और राहुल गांधी लाइव इंटरव्यू के लिए मान भी गए.
मैं खुद वहीं पास में चेयर लगाकर बैठ गया क्योंकि राहुल गांधी के आत्मविश्वास के साथ-साथ हावभाव को भी मैं परखना चाहता था. मुझे उनका 2014 का इंटरव्यू भी याद आ रहा था. मुझे यह भी लग रहा था कि कहीं राहुल गांधी रवीश कुमार के सवाल में फंस न जाएं. लेकिन राहुल गांधी ने सभी सवालों का जवाब पूरे आत्मविश्वास के साथ दिया. सवाल भी कठिन थे लेकिन राहुल डरे हुए नहीं लग रहे थे. इस इंटरव्यू में एक बात मैंने गौर की कि राहुल गांधी सवालों का जवाब घुमा फिराकर नहीं देते हैं. शायद मीडिया को हैंडल करना वो सिख गए हैं. शायद उन्हें यह पता हो गया है कि जितना घुमा फिराकर जवाब देंगे उतना सवाल राहुल के पास घूम फिरकर पहुंचेगा. ऐसा लगा कि राहुल गांधी अपने दिल की बात कह रहे हैं.
सभी जानते हैं बसपा और कांग्रेस के बीच उत्तर प्रदेश में गठबंधन नहीं हो पाया, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बात नहीं बन पाई. मायावती भी कांग्रेस को लेकर काफी गुस्से में रहती हैं. जब रवीश कुमार ने मायावती को लेकर सवाल पूछा तो राहुल गांधी ने साफ-साफ बोल दिया कि मायावती देश की सिंबल हैं. मायावती कांग्रेस पर अटैक करती रहती हैं लेकिन राहुल गांधी ने मायावती को देश का एक सिम्बल बताया. राहुल गांधी ने कहा कि वो मायावती का सम्मान करते हैं, प्यार करते हैं, मायावती उन्हें अच्छी लगती है. राहुल गांधी का यह बयान एक बहुत बड़ा बयान था.
राहुल गांधी ने कहा कि वो कभी 'विन्डिक्टिव' राजनीति नहीं करेंगे. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ उनकी लड़ाई है लेकिन अगर आरएसएस के साथ कोई अन्याय हो या हिंसा का प्रयोग हो उसकी भी रक्षा राहुल गांधी करेंगे. राहुल गांधी ने कहा यह प्यार का देश है और प्यार से सबके दिल जीते जा सकते हैं. पीएम मोदी के साथ उनके रिश्ते के सवाल पर राहुल गांधी थोड़ी देर के लिए सोचने लगे फिर बोले कि पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप में घृणा भाव रखते हैं. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वो मोदी से सीखते हैं, उनके ऊपर जो सवाल उठाया जाता है उस पर गौर भी करते हैं और कई बार खुद में कमी पाते हैं फिर उस कमी को पूरा करने की कोशिश करते हैं.
नेशनल हेराल्ड पर भी सवाल काफी कठिन था. जब राहुल गांधी से रवीश कुमार ने पूछा कि बीजेपी कहती है नेशनल हेराल्ड केस में आप बेल पर हैं, आपने भ्रष्टाचार किया है. मुझे लगा था राहुल गांधी खुद को निर्दोष बताएंगे, लेकिन राहुल गांधी का जवाब था पीएम को ऐक्शन लेना चाहिए, इन्क्वायरी करना चाहिए. कांग्रेस बार-बार ईवीएम को लेकर भी सवाल उठा रही है. जब राहुल गांधी से यह सवाल पूछा गया कि क्या उनकी सरकार आते ही वो ईवीएम को हटा देंगे तो राहुल गांधी ने कहा कि ईवीएम को हटाना या नहीं हटाना चुनाव आयोग का काम है. मुझे लगा था राहुल गांधी यह जवाब देंगे कि उनकी सरकार आने पर ईवीएम को हटा देंगे. अगर जोश में राहुल ऐसा जवाब देते तो शायद वो फंस जाते लेकिन राहुल ने ऐसा नहीं किया.
1984 दंगों पर सैम पित्रोदा के बयान को राहुल गांधी ने पूरी तरह गलत कहा. यह भी कहा पित्रोदा को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था. अगर राहुल गांधी यहां पित्रोदा के बयान को सही कहते तो फिर कई सवाल राहुल गांधी से पूछे जाते लेकिन राहुल गांधी ने गलत को गलत कहकर सवाल को वहीं खत्म कर दिया. मीडिया को कैसे हैंडल किया जाए राहुल गांधी सीख गए हैं. जब रवीश कुमार ने पूछा कि क्या मीडिया भी विपक्ष की आवाज को ज्यादा स्पेस नहीं देता है तो राहुल गांधी ने कहा, 'प्रेस ने विपक्ष को जितना स्पेस देना चाहिए था, उतना नहीं दिया. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रेस उनके प्रति अनफेयर नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कभी-कभी प्रेस ज्यादा करता है लेकिन करना भी चाहिए.
जब राहुल गांधी से रवीश कुमार ने यह सवाल पूछा कि लोग उन्हें 'पप्पू' कहते हैं, मजाक उड़ाते हैं तो क्या उन्हें गुस्सा नहीं आता है? राहुल गांधी ने कहा कि वो सब सही है, राहुल गांधी ने कहा उन्हें गुस्सा नहीं बल्कि मजा आता है. राहुल गांधी ने कहा पत्रकार मेरे गुरु है. उनसे वो सीखते हैं. उनके मजाक को गंभीरता से नहीं लेते. राहुल गांधी ने कहा कि उनके खिलाफ जहां कुछ कहा जाता है उसे वो सुनते है, ध्यान देते है. राहुल गांधी ने यह भी कहा वो सबसे सीखते हैं.
सुशील मोहपात्रा NDTV इंडिया में Chief Programme Coordinator & Head-Guest Relations हैं
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.