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क्रिकेटर का वजन क्या उनकी सफलता को प्रभावित करता है?

Tabish Husain
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मार्च 03, 2025 18:10 pm IST
    • Published On मार्च 03, 2025 18:10 pm IST
    • Last Updated On मार्च 03, 2025 18:10 pm IST
क्रिकेटर का वजन क्या उनकी सफलता को प्रभावित करता है?

रोहित शर्मा की फिटनेस पर कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद के बयान ने भारतीय क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है. शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि उनका वजन ज्यादा है और उन्हें अपनी फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि रोहित शर्मा अब तक के सबसे अप्रभावी कप्तान हैं. इस बयान ने रोहित के समर्थकों को नाराज कर दिया. हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने शमा मोहम्मद की टिप्पणी से दूरी बना ली और उन्हें पोस्ट हटाने का निर्देश दिया, लेकिन यह घटनाक्रम एक बार फिर से इस सवाल को सामने लाता है कि क्या किसी क्रिकेटर का वजन वास्तव में उनकी सफलता को प्रभावित करता है?

आज के दौर के क्रिकेटर अपनी फिटनेस पर काफी ध्यान देते हैं. विराट कोहली एक बड़ा उदाहरण हैं, जिन्होंने अपनी फिटनेस पर बहुत काम किया है और इसकी तारीफ सब करते हैं, लेकिन रोहित शर्मा भी कोई अनफिट खिलाड़ी नहीं हैं. हालांकि, क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे बड़े क्रिकेटर रहे हैं, जिन्होंने शारीरिक रूप से अधिक वजन होने के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत और क्रिकेट की महारत से खुद को साबित किया. जहां तक रोहित शर्मा की बात है तो इन्हें ऐसे ही 'हिटमैन' के नाम से नहीं जाना जाता है, उनके रिकॉर्ड्स और बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन ने उन्हें न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है.

रोहित शर्मा ने वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाए हैं, जो एक विश्व रिकॉर्ड है. उन्होंने 2014 में श्रीलंका के खिलाफ 264 रन की पारी खेली, जो वनडे क्रिकेट में सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी है. उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में भी एक बेहतरीन रिकॉर्ड है, बतौर कप्तान टी20 वर्ल्ड कप, 5 आईपीएल ट्राफी जीत चुके हैं. चैंपियंस ट्राफी में हमारी टीम सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है. रोहित शर्मा ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें आउट किए बिना मैच जीतने की कल्पना किसी भी टीम के लिए मुश्किल है.

वर्तमान में जहां क्रिकेट में शारीरिक फिटनेस को बहुत महत्व दिया जाता है, वहीं यह भी सच है कि कुछ महान क्रिकेटरों का वजन ज्यादा होने के बावजूद उन्होंने खेल में अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा से इतिहास रचा और क्रिकेट जगत में अपनी छाप छोड़ी. पाकिस्तान के बल्लेबाज इंज़माम उल हक का वजन अधिक था, लेकिन उनकी तकनीकी क्षमता और मैच के प्रति उनका दृष्टिकोण उन्हें क्रिकेट के दिग्गजों में शामिल करता है. इंज़माम ने यह साबित किया कि शारीरिक आकार सफलता के रास्ते में नहीं आता. ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाज शेन वार्न का वजन भी ज्यादा था, फिर भी क्रिकेट के इतिहास के सबसे महान स्पिनरों में से एक माने जाते हैं. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 700 से अधिक विकेट लिए, और उनकी रिवर्स स्विंग और स्पिन को आज भी गेंदबाज आदर्श मानते हैं. बरमूडा के क्रिकेटर ड्वेन लीवेरॉक का वज़न करीब 136 किलोग्राम था. 2007 के विश्वकप में भारत के रॉबिन उथप्पा का कैच पकड़ उन्होंने सबको चौंका दिया था.

शमा मोहम्मद का रोहित शर्मा पर दिया गया बयान, भले ही विवादास्पद रहा हो, लेकिन यह हमें ये सोचने पर मजबूर करता है कि क्या वाकई में क्रिकेट में सफलता के लिए शारीरिक फिटनेस सबसे बड़ा मापदंड है? अगर हम दुनिया के कुछ सबसे महान क्रिकेटरों को देखें, जिनका वजन अधिक था, तो हमें यह समझ में आता है कि सफलता केवल आकार या वजन पर निर्भर नहीं होती. शारीरिक फिटनेस जरूर महत्वपूर्ण है, लेकिन यदि एक खिलाड़ी के पास उत्कृष्ट तकनीकी कौशल, मानसिक दृढ़ता और समर्पण है, तो वह किसी भी शारीरिक बाधा को पार कर सकता है और विश्व क्रिकेट में अपना नाम दर्ज कर सकता है. खेल में फिटनेस महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे अकेले सफलता के मापदंड के रूप में नहीं देखा जा सकता.

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