अलविदा हॉलीवुड

उंचाई पर पहुंचकर इंसान अक्सर अकेला हो जाता है वॉर्न भी 700 के मुकाम पर सबसे पहले पहुंचे तो जाहिर है वे भी अकेलापन महसूस कर रहे होंगे. लेकिन उनके अकेलेपन में एक सुकून रहा होगा.

अलविदा हॉलीवुड

क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक लेग स्पिनर दिग्गज़ स्पिनर शेन वॉर्न का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वे सिर्फ़ 52 साल के थे और थाईलैंड में छुट्टियां मना रहे थे. शेन वॉर्न दुनिया के पिछली सदी के पांच सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में चुने गए थे. वो 700 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी थे. लेकिन आंकड़ों को अलग रख दें तब भी लेग स्पिन गेंदबाजी में जिस तरह उन्होंने जान फूंकी उसी के बल पर वो हमेशा याद किए जाएंगे.

उंचाई पर पहुंचकर इंसान अक्सर अकेला हो जाता है वॉर्न भी 700 के मुकाम पर सबसे पहले पहुंचे तो जाहिर है वे भी अकेलापन महसूस कर रहे होंगे. लेकिन उनके अकेलेपन में एक सुकून रहा होगा. संतोष हुआ होगा. एक गर्व महसूस हुआ होगा. शिखर से क्रिकेट को अलविदा कहने का अहसास भी अलाहदा होता होगा जो शायद वॉर्न ही बयां कर पाते.

सदी शुक्रगुजार है कि उसे शेन वॉर्न जैसे दिग्गज को खेलते देखने का मौका मिला औैर क्रिकेट अहसानमंद है क्योंकि उन्होंने एक ऐसी कला को बुलंदियों तक पहुंचाया जो वन-डे की वजह से दम तोड़ती दिख रही थी. आज से 30 साल पहले तक क्रिकेट के शब्दकोश में फ़्लिपर, स्ला इडर, जूटर और बैक स्पिनर और जैसे शब्द नहीं थे. 2 जनवरी 1992 को सिडनी में लेग ब्रेकर शेन वार्न ने टेस्ट कैप पहनी और उसके बाद ऐसे शब्दों की फेहरिस्त बढ़ती चली गयी. कहते है कि वार्न कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ कनिंग से भी ज्यादा शातिर दिमाग रखते हैं. उनके एक ओवर में कोई भी गेंद एक-सी नहीं होती.

14 साल के टेस्ट करियर में 708 से ज्यादा अंतरर्राष्ट्रीय शिकार, 145 टेस्ट मैचों में 37 बार पांच विकेट और 10 बार मैच में 10 विकेट, 500 और 600 विकेट के मुकाम पर पहुंचने वाले पहले स्पिनर, और बिना शतक सबसे ज्यादा रन बनाने का अनोखा विश्व रिकॉर्ड शेन वार्न के नाम है. 194 वनडे मैचों में 25.73 की औसत से 293 विकेट . 12 बार चार विकेट.

साल 2000 में उन्हें 20वीं सदी के 5 बेहतरीन खिलाड़ियों में चुना गया. टेस्ट में हैट्रिक का कारनामा, विश्व कप के फाइनल में मैन ऑफ द मैच रह चुके थे

शेन कीथ वार्न के रिकॉर्ड बता रहे हैं कि दोनों तरह के क्रिकेट में उन्हे कितनी महारथ हासिल थी. 1993 में ऐशेज की अपनी पहली गेंद पर उन्होंने माइग गैटिंग को आउट किया और वो गेंद बॉल ऑफ द सेंचुरी मानी गयी. लेगस्लिप की जगह से गेंद टप्पा खाकर गेटिंग का ऑफ़ स्टंप ले उड़ी थी.

लेकिन शेन वार्न का विवादों के साथ मानो चोली-दामन का रिश्ता भी था. शेन वार्न मैदान के बाहर अक्सर विवाद मोल लेते रहते थे. बीयर और फास्ट फ़ूड के शौकीन शेन वार्न की शख्सियत का अंदाजा उनके निकनेम--हॉलीवुड से लगाया जा सकता है. वार्न की जिंदगी में हॉलीवुड फिल्मों के सभी मसाले मौजूद थे. मैदान और मैदान के बाहर हीरो का किरदार निभाने की जबरदस्त काबिलियत रखते थे. मैच फिक्सर से पैसे लेने, औरतों को अश्लील संदेश भेजने, सिंगरेट पीने से लेकर  प्रतिबंधित दवाओं के सेवन और स्लेजिंग जैसी गलत वजहों से शेन वार्न ने खूब सुर्खियां बटोरी और साथ ही कप्तानी का मौका गंवा बैठे. जिसका नुकसान शायद उन्हें कम ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को ज्यादा हुआ होगा.

2003 वर्ल्ड कप के समय नशीली दवाओं के सेवन के कारण लगे एक साल के बैन के बाद जब वे लौटे तो अपने गेंदों के घुमाव की डिग्री पर उनका जबरदस्त नियंत्रण हो गया जिसे वे अलग अलग तरह से मिलाकर बल्लेबाजों  का चैन हराम करते रहे. उनके आखिरी एशेज एशेज जीतकर ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी के अलावा उन्होंने खेल जीवन के सारे सपने पूरे कर लिए थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

संजय किशोर NDTV इंडिया के स्पोर्ट्स एडिटर हैं...