पप्पू भाई तेज तेज आवाज लगाते हैं, काली चरण दाम लिखो..200 रुपये में 60 किलो.....चलो आगे बढ़ो. अलवर प्याज मंडी के प्रधान पप्पू बोली लगाकर जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं....किसानों की निराशा हताशा भी बढ़ती जाती है.. प्याज की बोली के बाद श्री राम निराश हैं..उनके हाथ में गुजरात बीज और खुद के बीज की प्याज है...गहरे लाल रंग की गुजरात बीज की प्याज का घाटा और बड़ा है...ऊपर से डीएपी खाद और मजदूरी के बाद हर बीघे पर लागत 15 से 18000 है. एक बीघे में 30 कुंतल प्याज की कीमत उन्हें महज 12000 मिले. पिछले साल डीएपी खाद एक हजार पचास की थी. इस साल 1200 रुपये की है...क्या मिला साहब कुछ नहीं...पानी मेहनत का अलग नुकसान.
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मंडी से अब हमने रुख किया रामगढ़ के एक खेत की ओर...नसीम पूरे परिवार के साथ प्याज जल्द-जल्दी उखाड़ रहे हैं...खेत खाली करके गेंहू की रोपाई करनी है...उनकी प्याज की फसल अच्छी है, लेकिन भाव अलवर से लेकर दिल्ली तक की मंडियों का एक ही है...अलवर की मंडी प्याज से भरी है...लेकिन भाव न मिलने का कारण अफगानिस्तान है. पप्पू भाई एक सांस में प्याज की खेती में हुए नुकसान बताते गए...
(रवीश रंजन शुक्ला एनडटीवी इंडिया में रिपोर्टर हैं.)
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