राहुल बजाज के 'डर के माहौल' वाले बयान के बाद रवीश कुमार की चिट्ठी, CII FICCI के नाम

राहुल बजाज के बयान को मामूली बताने के लिए अभी तक कुछ अख़बारों में विज्ञापन दे देना था जैसे टेक्सटाइल वालों ने विज्ञापन देकर बताया था कि कैसे उनका सेक्टर बर्बाद हो गया है. तुरंत बयान दें कि सब ठीक है और भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाला देश है.

राहुल बजाज के 'डर के माहौल' वाले बयान के बाद रवीश कुमार की चिट्ठी, CII FICCI के नाम

रवीश कुमार.

डियर CII FICCI,

राहुल बजाज के बोलने के बाद आप लोग कब बयान देंगे कि सब ठीक है? कितना संडे मनाएंगे? मंडे आ गया. याद कीजिए जब नोटबंदी जैसा बोगस फ़ैसला लागू हुआ था आप लोगों ने कितने अच्छे से बचाव किया था. छोटे मझोले व्यापारी तबाह हो रहे थे और आप लोग दूरगामी परिणाम का झांसा दे रहे थे. दुनिया के आर्थिक फ़ैसलों के इतिहास का यह सबसे दो नंबरी फ़ैसला था और आप लोगों ने तारीफ़ कर इतिहास बनाया था. आप लोग कह रहे थे कि मंशा ठीक थी. दुनिया का पहला फ़ैसला था जिसकी मंशा ठीक थी मगर रिज़ल्ट भयावह था. आपने सारे नंबर मंशा पर दिए थे. बर्बादी के एक नंबर भी नहीं काटे.

राहुल बजाज के बयान को मामूली बताने के लिए अभी तक कुछ अख़बारों में विज्ञापन दे देना था जैसे टेक्सटाइल वालों ने विज्ञापन देकर बताया था कि कैसे उनका सेक्टर बर्बाद हो गया है. तुरंत बयान दें कि सब ठीक है और भारत सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाला देश है. जब आपकी कार की स्पीड साठ से उतर कर बीस पर आती है तब आपको पता चलता है कि कार सुपर स्पीड से चल रही है.

रवीश कुमार का ब्लॉग : नोटबंदी के बाद से ही इकॉनमी पर 'दूरगामी' की बूटी पिला रही है सरकार

सरकार की जो एजेंसियां इवेंट मैनेजमेंट में बदल गई हैं वो जल्दी जल्दी ANI के ज़रिए न्यूज़ रूम में बाइट पहुंचाए. CII और FICCI वालों को जगाएं और बुलवाएं. आप लोग भी जल्दी आफिस पहुंचे और कुछ बोगस बयान दें. बयान में दूरगामी परिणाम ज़रूर बताएं. साढ़े पांच साल में बेरोज़गारों की फ़ौज तैयार हुई है. कल रेडियो पर संविधान में दिए गए कर्तव्यों के बहाने रोज़गार पर प्रोपेगैंडा सुना. कमाल का आइडिया था. संविधान के बहाने अपनी नाकामी पर पर्दा डालने का प्रोपेगैंडा ठेला जा रहा था.

आप ऐसा न समझें कि आप प्रभावशाली नहीं हैं. सच नहीं बोल पाते तो क्या हुआ आपके पास बड़ी कारें तो हैं. सूट भी हैं जिन्हें पहनकर आप मैगज़ीन के कवर पर टाइटन बन कर छपा करते थे. अब सरकार की नई CBI यानी ED के छापों से डर गए हैं. जब आपका काम है झूठ बोलना तो जल्दी बोल कर काम ख़त्म करें. देख आइये सूरत की सूरत. कम से कम गुजराती भाइयों की ख़ातिर तो सच कहिए. वहां से मुझे मेसेज आ रहे हैं कि धंधा नहीं है.

रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पर शेयर की एक ज़रूरी अपील

एक चुनौती है. आप कैसे बोलें ताकि जनता न हंसे. ये मैं बताता हूं. पहले पता कीजिए कि कितनी फैक्ट्रियां बंद हुई है और नौकरियां गई हैं. फिर बयान दीजिए कि भारत की अर्थव्यवस्था Shake up कर रही है. Resized हो रही है ताकि Light होकर टेक्सला कार की तरह सुपर फ़ास्ट हो जाए. देर न करें. कहिए कि पैंतालीस साल में सबसे अधिक बेरोज़गारी इसिलए पैदा की गई है ताकि हम नया रोज़गार दे सके. युवाओं को पुराने रोज़गार से दूर कर सकें. हम इंडस्ट्रियल 5.0 की तैयारी कर रहे हैं. राहुल बजाज को झूठा साबित करने के लिए ख़ूब सारे झूठे बयान दीजिए. ये Ease ऑफ़ बिज़नेस है.

अर्थव्यवस्था का बुरा हाल, गिरती विकास दर बढ़ती मुश्किलें

जैसे बजट को आप हमेशा 10 में से 9 अंक देते रहे हैं वैसे ही अबकी बार 10 में 20 दीजिए. कोई आपके मैथ्स पर सवाल नहीं करेगा. सरकार की तारीफ़ करेंगे तो मज़ाल है कोई सवाल उठा दे. बैक अप में आई टी सेल भी तो है. टीवी चैनल तो है ही. अब नहीं झूठ बोलेंगे तो कब बोलेंगे. बेस्ट टाइम.

जय हिन्द । 

रवीश कुमार

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