हालांकि वित्त मंत्री हाल के सालों में इस बात को कहते रहे हैं कि बाज़ारों के गिरने से देश की आर्थिक व्यवस्था का कोई संकेत नहीं मिलता है लेकिन साथ ही ये बात भी हक़ीकत है कि बाज़ारों के गिरने से आर्थिक माहौल में बड़ी उथल-पुथल होती है।
इस उथल-पुथल से आज का गिरने वाला माहौल बाज़ार का कोई अलग नहीं है। चाहे एक समय में मसला विदेशी संस्थागत निवेशकों का बाज़ार से बाहर जाने का हो या भारतीय बैंकों की आज पहले से कहीं कमज़ोर स्थिति। ये सब बाज़ार को प्रभावित करती हैं। एक और बात जिससे बाज़ार हमेशा प्रभावित होता है वो दिल्ली की सियासत भी है। हालांकि इस बार वैसा मसला नहीं नज़र आ रहा है लेकिन ये भी बाज़ार से जुड़ा एक फ़ैक्टर है।
पिछली बार जब बाज़ार की बड़ी गिरावट हुई थी तब सरकार के मंत्रियों ने कहा था कि इसके लिए देश के अंदरूनी आर्थिक हालात ज़िम्मेदार नहीं हैं बल्कि ये अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों की स्थिति से जुड़ा हुआ है। सवाल तब भी ये उठ गया था कि अगर ऐसा है सीधे तौर पर तो क्या हमारी खुद की अर्थव्यवस्था बहुत मज़बूत नहीं है।
ये युग वैश्विक अर्थव्यवस्था का है और अंतरराष्ट्रीय फ़ैक्टर किसी भी देश के बाज़ार पर ज़रूर असर डालते हैं। एक ऐसे महीने में जबकि बजट का इंतज़ार हो रहा है, बाज़ार के गिरने के बाद सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल बनते हैं, कम नहीं होते हैं।
(अभिज्ञान प्रकाश एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं)
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।
This Article is From Feb 11, 2016
बजट से पहले शेयर बाजार धड़ाम : सवाल तो बनते हैं...
Abhigyan Prakash
- ब्लॉग,
-
Updated:फ़रवरी 15, 2016 10:53 am IST
-
Published On फ़रवरी 11, 2016 23:30 pm IST
-
Last Updated On फ़रवरी 15, 2016 10:53 am IST
-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
शेयर बाजार, भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त मंत्री अरुण जेटली, आर्थिक माहौल, अभिज्ञान का प्वाइंट, Stock Market, Indian Economy, Finance Minister, Arun Jaitley, Abhigyan Ka Point