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This Article is From Dec 09, 2016

प्राइम टाइम इंट्रो : सिस्टम कहां कमजोर, कहां से आ रहे हैं लाखों-करोड़ों के नए नोट?

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    दिसंबर 09, 2016 21:43 pm IST
    • Published On दिसंबर 09, 2016 21:43 pm IST
    • Last Updated On दिसंबर 09, 2016 21:43 pm IST
आम आदमी को घंटों लाइन में खड़े होने के बाद दो हजार का नोट भी नहीं मिल रहा है लेकिन कुछ लोगों के पास लाखों-करोड़ों के नए नोट कहां से आ जा रहे हैं? अगर काले धन के खिलाफ कोई अभियान चल रहा है तो फिर यह कौन लोग हैं सिस्टम का लाभ उठाकर लाखों करोड़ों रुपये का कैश हासिल कर रहे हैं. क्या यह मामला सिर्फ बैंक मैनेजर और किसी के बीच सांठगांठ का है या इसके पीछे बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं. आठ नवंबर की नोटबंदी के बाद आयकर विभाग के छापों से ऐसी तमाम खबरें आई हैं. हम सब टीवी पर नए नोटों की गड्‌डी की तस्वीरें भी देख रहे हैं.

शुक्रवार को गुजरात पुलिस ने 76 लाख रुपये के नए नोट बरामद किए हैं. यह सभी दो हजार के नए नोट हैं. पुलिस का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ लोग नई करेंसी में बड़ा एमाउंट लेकर आ रहे हैं. पुलिस ने जब होंडा कार की जांच की तो उसे 76 लाख मिले. गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी है. अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि यह 76 लाख नए नोट किसके हैं. आपको याद दिला दें कि बिजनेसमैन भी करेंट एकाउंट से हफ्ते में 50,000 से अधिक नहीं निकाल सकते. आम आदमी 24000 से अधिक नहीं निकाल सकता तो इन लोगों के पास 76 लाख के नए नोट कहां से आ गए.

जरूर दस-बीस घटनाओं में लोग नए नोटों के साथ पकड़े गए हैं लेकिन अगर ऐसा करने में बहुत से लोग सफल हुए हैं तो यह आम आदमी के साथ नाइंसाफी है जो दो हजार के नए नोट के लिए तीन-तीन दिन घंटों लाइन में लगता है. यह घटनाएं बता रही हैं कि सिस्टम में इतनी बड़ी मात्रा में नए नोटों को हासिल करना बहुत मुश्किल नहीं है. क्या यह नए नोट पुराने नोटों को बदल कर दिए गए हैं या किसके कहने पर इन्हें इतनी राशि दी गई है. आयकर विभाग की जांच में साबित करने में तो महीनों लग जाएंगे लेकिन इस वक्त जब आम आदमी परेशान है क्या उसे जानने का हक नहीं है कि कैसे कुछ लोगों के हाथ में इतनी बड़ी मात्रा में नए नोट आए हैं.

चेन्नई में भी आयकर अधिकारियों ने एक बिजनेसमैन के यहां छापे मारे हैं. यह तिरुपति मंदिर के बोर्ड के भी सदस्य हैं. तीन बिजनेसमैन के यहां छापे पड़े हैं. 106 करोड़ कैश बरामद हुआ है और 127 किलो सोना.

बैंक के दरवाजे बंद थे. एक बार में एक आदमी ही घुस सकता है. आम आदमी लाइन में लगा है. लेकिन किस रास्ते से इतने नए नोट लेकर यह बाहर आए हैं. क्या बैंकों में पैसा लेकर निकलने के कोई और भी रास्ते हैं जिनके जरिए आम आदमी के साथ धोखा हो रहा है. पिछले दिनों सरकार ने बताया है कि नोटबंदी के ऐलान के बाद से 6 दिसंबर तक लोगों ने 2000 करोड़ की अघोषित आय को घोषित किया है. तब बयान में कहा गया था कि आयकर विभाग ने 400 ऐसे मामलों की जांच की है.

यही नहीं मुंबई के दादर से भी 85 लाख के नए नोट बरामद किए गए हैं. हरियाणा में भी क्राइम ब्रांच ने दस लाख के नए नोट बरामद किए हैं. जांच चल रही है. बुधवार को 70 लाख के नए नोट के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनके पास 2000 के नए नोट थे. गोवा में अभी तक नए नोट में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की राशि ज़ब्त हुई है.  चार दिसंबर को उड़ीसा के संबलपुर में 85 लाख 62 हजार की नई करेंसी जब्त हुई है. मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में 43 लाख 60 हजार के नोट जब्त हुए हैं. एक टीवी एक्टर के पास से 500 और 2000 के नए नोट जब्त किए गए हैं. पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता मनीष शर्मा को गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से 33 लाख के नए नोट जब्त किए गए थे. एक दिसंबर को तेलंगाना में 2000 के नए नोटों में 94 लाख कैश जब्त किया गया है. दिल्ली में भी निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. उनके पास से 27 लाख के नए नोट जब्त किए गए हैं.

इन छापों से यह तो पता चलता है कि कार्रवाई हो रही है लेकिन जिस तादाद में रकम बरामद हो रही है उससे लग रहा है कि अभी भी कुछ लोगों के लिए सिस्टम आसान है. यह रकम बता रही है कि कुछ लोगों को लाखों-करोड़ों के नए नोट हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं आई है. अनुमान लगाया जा सकता है कि जो लोग पकड़े नहीं गए हैं उनकी संख्या क्या होगी और उन्होंने इस सिस्टम का लाभ किस तरह से उठाया होगा. यह सब तब हुआ है जब बैंकों के बाहर जनता पहरा दे रही है. खैर हम सब यह खबरें पढ़ रहे हैं. फ्लैश भी कर रहे हैं कि छापे में रकम बरामद हुई या जब्त कर ली गई. यह सारा पैसा काला धन था या किस सोर्स से आया इसे साबित करने में कई महीने का वक्त लग जाता है. जनधन खातों से लेकर लाखों करोड़ों खातों की जांच की बात है. क्या हमारा आयकर विभाग इतने बड़े पैमाने पर छापे मारने से लेकर हर मामले को तय समय में अंजाम पर पहुंचाने में सक्षम है.

शुक्रवार को ही इनकम टैक्स एम्पलाइज फेडरेशन और इनकम टैक्स गजटेड आफिसर एसोसिएशन ने एक प्रेस रिलीज जारी की है. ग्रुप ए, बी और सी श्रेणी के मिलाकर आयकर विभाग के 97 फीसदी कर्मचारी अधिकारी इसके सदस्य हैं. संगठन का कहना है कि अधिकारी 30 से 35 फीसदी कम हैं. स्टाफ स्तर के पदों की संख्या क्षमता से 40 फीसदी कम है. यहां तक कि काम करने के लिए जगह की भी घोर कमी है. आयकर विभाग में इंटरनेट की क्षमता बहुत खराब है. हमें विभाग से लैपटॉप भी नहीं दिया जा रहा है जो डिजिटल इंडिया के सपनों के प्रतिकूल है.

जून माह में राजस्व ज्ञान संगम में प्रधानमंत्री ने कहा था कि वे चाहते हैं कि टैक्स देने वाले लोगों की संख्या 10 करोड़ तक पहुंचे. यह भी एक चुनौती. वहीं इन सबके बीच एक बड़ी खबर यह भी है कि पूर्व एयर चीफ एसपी त्यागी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन पर अगुस्ता डील में दलाली का आरोप है. दरअसल वीवीआईपी के लिए हेलीकॉप्टर खरीदना था और उसमें घोटाले की बात सामने आई थी.

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