विज्ञापन
This Article is From Jan 14, 2016

प्राइम टाइम इंट्रो : भारत-पाक के बनते-बिगड़ते रिश्ते

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जनवरी 15, 2016 00:07 am IST
    • Published On जनवरी 14, 2016 21:36 pm IST
    • Last Updated On जनवरी 15, 2016 00:07 am IST
मुलाकात पर कितनी बात हो जाती है लेकिन बात के लिए मुलाकात न हो इसके लिए बात बंद हो जाती है या टल जाती है। 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी लाहौर गए तो मेरे सहित ज़्यादातर ने कहा कि ऐतिहासिक कदम है और साहसिक भी। उसके बाद बीजेपी सहित मैं भी कहने लगा कि बातचीत होनी चाहिए। लंबी छुट्टी पर चले जाने के कारण ठीक से मुझे पता नहीं कि पठानकोट हमले के बाद बातचीत को लेकर अब बीजेपी क्या कह रही है लेकिन भारत से पहले पाकिस्तान ने क्यों कह दिया कि 15 तारीख की बातचीत नहीं होगी। भारत ने कहा कि बहुत जल्दी होगी। भारत पाकिस्तान की बातचीत कॉमेडी और ट्रैजडी में फंस गई है। जेल जाने का डर न होता तो कॉमेडी का पहलू बताता, रही बात ट्रैजडी की तो उससे ऊपरवाला ही बचाए।

वृहस्पतिवार सुबह पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काज़ी खलीलुल्लाह ने बयान देकर मसूद अज़हर की गिरफ्तारी से पैदा हुए उत्साह को ठंडा कर दिया। काज़ी साहब ने कहा कि पाकिस्तान सरकार मसूद अज़हर की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं करती है। लेकिन बुधवार को जीओ टीवी चैनल पर पाकिस्तान सरकार के एक राज्य मंत्री ने कहा कि मसूद अज़हर को पकड़ा गया है। बुधवार को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था उसमें जैश के दफ्तरों के सील किए जाने, छापे मारने और कुछ लोगों के पकड़े जाने की बात तो थी मगर मसूद अज़हर का नाम नहीं था। उस बयान में कहा गया कि पठानकोट मामले में जांच में काफी प्रगति हुई है। आगे की जांच जारी है। इसी के साथ भारत से और अधिक सूचना की ज़रूरत होगी और पाकिस्तान सरकार भारत सरकार से बातचीत कर स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम पठानकोट भेजने पर विचार कर रही है।

मसूद अज़हर गिरफ्तार नहीं हुआ है। हुआ होता तो वो अपने संगठन के ऑनलाइन मुखपत्र पर लेख नहीं लिख रहा होता। जिसे भारत में भी कई अखबारों में छापा है। मसूद अज़हर ने बातचीत के इस नए दौर का विरोध किया है। इस लेख में मसूद अज़हर अपनी गिरफ्तारी या मारे जाने की बात तो कर रहा है लेकिन अपने दफ्तरों के सील होने या साथियों के गिरफ्तार होने की बात नहीं कर रहा है। प्रेस कांफ्रेंस भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी किया।

विकास स्वरूप ने कहा कि अभी तक जो पाकिस्तान ने किया है हम उसका स्वागत करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान इन प्रयासों को जारी रखेगा। हमने सबूत दे दिये हैं और उम्मीद हैं कि पाकिस्तान ठोस कार्रवाई करेगा। विकास स्वरूप ने बातचीत रद्द हुई या टल गई जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। जब पत्रकारों ने पूछा कि पाकिस्तान ने अपनी एसआईटी भेजने की बात कही है तो इतना कहा कि विदेश सचिव इस तरह की शब्दावलियों में नहीं उलझते। विदेश सचिवों की बातचीत समग्र वार्ता की प्रक्रिया को लेकर हो रही है। एसआईटी और विदेश सचिवों की बातचीत अलग-अलग ट्रैक पर हैं। एसआईटी आ जाए तो कोई बात नहीं। विकास स्वरूप ने कहा कि दोनों मुल्कों के विदेश सचिवों ने तय किया है कि बहुत जल्द निकट भविष्य में मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो दिनों में भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की कोई मुलाकात नहीं हुई है।

तो पाकिस्तान ने ऐसी क्या कार्रवाई कर दी है जिससे पाकिस्तान संतुष्ट है। क्या वो पर्याप्त है। विकास स्वरूप ने ये नहीं कहा कि मसूद अज़हर को गिरफ्तार किया जाए। जिसकी गिरफ्तारी को लेकर कुछ चैनल विदेश मंत्रालय से भी ज़्यादा मेहनत कर रहे हैं। उनके पास ये मौका था कहने का कि हमने जो सूची दी है उसमें मसूद अज़हर का नाम है लेकिन गुरुवार शाम की प्रेस कांफ्रेंस में इतना ही कहा कि आतंकवादी हमलों में जो लोग शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

अगर पाकिस्तान मसूद अज़हर को गिरफ्तार कर ही लेता तो क्या हम उसे पर्याप्त मान लेते। हाफिज़ सईद से लेकर लखवी तक को पकड़ कर रिहा कर दिया गया। मुंबई हमले के बाद भी लश्कर के दफ्तरों पर छापे पड़ने की तस्वीरें चली थीं लेकिन बाद में सब आरोप मुक्त हो गए। मसूद अज़हर को भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने संसद पर हमले के मामले में दोषी माना है लेकिन लाहौर हाईकोर्ट से वो आरोप मुक्त हो चुका है। फिर जैश के दफ्तरों पर पड़ने वाले छापे की खबरों की विश्वसनीयता का आधार क्या है जिसका भारत स्वागत कर रहा है और जिससे भारत संतुष्ट है। मसूद अज़हर ने अपने लेख में लिखा है कि पाकिस्तान के किसी थाने में उसके ख़िलाफ कोई केस नहीं है। 2008 के मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान से बातचीत बंद है। कुछ साल बीत जाने के बाद दूसरे रास्ते से बातचीत की प्रक्रिया तो चल ही रही है। मुलाकातें हो रही हैं। आना जाना हो रहा है। लेकिन क्या पठानकोट नया मुंबई है। क्या पठानकोट के पुराने पड़ने तक फिर से बातचीत अधर में लटकी रहेगी। विकास स्वरूप ने कहा कि मुंबई हमला अभी भी हमारे एजेंडे में है। तो क्या पाकिस्तान ने मुंबई हमले की जांच में कोई प्रगति रिपोर्ट भारत को बताई है। आज के प्रेस कांफ्रेंस में ऐसी बात तो नहीं हुई।

14 जनवरी 2016 और 22 अगस्त 2015 में बहुत अंतर है। 22 अगस्त के दिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने धमकी भरे स्वर में कहा था कि हुर्रियत जैसी थर्ड पार्टी को बाहर रखने के लिए पाकिस्तान के पास रात बारह बजे तक का वक्त है। इस लहज़े में बात हुई थी और बातचीत रद्द हो गई। इस बार दोनों मुल्क धमकी भरे स्वर में बात नहीं कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों मुल्कों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार संपर्क में रहते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक जुमले का इस्तेमाल किया कि मियां बीबी राज़ी तो क्या करेगा काज़ी। तो क्या भारत पाकिस्तान अपने संबंधों के इस मोड़ पर हैं जहां तनाव के वक्त में भी मियां बीबी की रज़ामंदी की तरह सब कुछ तय हो रहा है। अगर बिना काज़ी के मियां बीबी राज़ी बात टालने पर राज़ी हो सकते हैं तो बात क्यों नहीं कर सकते हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
प्राइम टाइम इंट्रो, रवीश कुमार, भारत पाक बातचीत, भारत-पाक के बीच विदेश सचिव स्तरीय वार्ता, Prime Time Intro, Ravish Kumar, India-Pakistan Talks, Indo-Pak Foreign Secretaries Meet
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com