अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी तीन दिवसीय भारतीय यात्रा के बाद आज वापस लौट गए। सिरी फोर्ट में अपने आखिरी संवाद में बराक ओबामा ने समाज के सभी वर्गों के बीच भारत को अपना सबसे अच्छे सहयोगी का दर्जा दिया। अनुभवों और उदाहरणों से बताया कि किस तरह दुनिया के सबसे बड़े दो लोकतन्त्र में अहम समानताएं हैं, अनेक धर्म, भेदभाव, विषमताओं को पार पाकर बराबरी से समान अवसर दिए जा रहे हैं। किस तरह लोकतन्त्र में एक खानसामे का पोता राष्ट्रपति बन सकता है और चायवाले का बेटा प्रधानमंत्री.....शाहरुख खान, मिल्खा सिह ,मैरी कॉम का नाम भी लिया।
इससे एक दिन पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत के विकास की ओर अग्रसर होने में सहयोग की पुरजोर तरह से वकालत की। न्यूक्लियर डील हो या फिर हमारी अर्थव्यवस्था में अमेरिकी निवेश बराक ओबामा तीन दिन तक दिल्ली समेत देश से आ रही खबरों पर छाये रहे। चीन और पाकिस्तान भी नज़रें गढ़ा कर देख रहे थे।
विश्लेषक यात्रा की समीक्षा करते रहेंगे, लेकिन यह साफ है कि ओबामा एक फील गुड फैक्टर ज़रूर छोड़ गए हैं, जो दिल्ली की जनता पर कुछ दिन तक असर करता रहेगा। इन तीन दिनों में दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्से में ट्रैफिक की समस्या भले रही हो, लेकिन हमारे युवा देश की नब्ज को ओबामा ने छूकर एक खुशी का संचार किया है और इस संचार का असर नरेन्द्र मोदी की महत्वकांक्षी विदेशनीति के जरिये दिल्लीवासियों पर भी पड़ेगा।