कांग्रेस की कलह रोकने के लिए जल्द बनाना होगा नया अध्यक्ष

कांग्रेस से यह खबर आ रही है कि राहुल गांधी से अलग पार्टी किसी और को अध्यक्ष बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है और नए पार्टी अध्यक्ष की खोज भी शुरू हो गई है.

कांग्रेस से यह खबर आ रही है कि राहुल गांधी से अलग पार्टी किसी और को अध्यक्ष बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है और नए पार्टी अध्यक्ष की खोज भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की माने तो पार्टी का नया अध्यक्ष गैर गांधी होगा यानी नए अध्यक्ष का गांधी परिवार से कोई लेना देना नहीं होगा. साथ ही अगले दो से तीन महीनों में इसकी घोषणा की जाएगी. राहुल गांधी फिलहाल दो दिनों के वायनाड दौरे पर हैं जहां भारी भीड़ उनके स्वागत के लिए उमड़ी थी. कईयों के हाथों में प्लेकार्ड था कि हमें आपकी जरूरत है. मगर जब तक कांग्रेस में नए अध्यक्ष को लेकर स्थिति साफ नहीं हो जाती पार्टी में भ्रम की स्थिति बनी रहेगी. कोई भी कांग्रेसी नेता चाहे वो किसी भी स्तर का क्यों ना हो या कहे आज के दिन यदि वो कांग्रेस कार्यसमिति का ही सदस्य क्यों ना हो उसे कुछ नहीं पता कि कांग्रेस में क्या चल रहा है.

वजह साफ है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है वो एक या दो नेताओं के अलावा किसी से भी नहीं मिले हैं. यानी किसी को नहीं मालूम कि राहुल गांधी का अगला कदम क्या होगा या उनके मन में क्या है. यही नहीं उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका गांधी के नाम पर भी वीटो लगा दिया है. इन सबकी वजह से कांग्रेस फिलहाल नेता विहीन लग रही है और इसकी वजह से पार्टी के अनुशासन पर असर पड़ रहा है खासकर राज्यों में.

तेलंगाना में कांग्रेस के 12 विधायक पार्टी छोड़कर टीआरएस में शामिल हो गए हैं. यानी एक तरह से पूरी पार्टी का ही टीआरएस में विलय हो गया है. उसी तरह पंजाब में कैप्टन बनाम नवजोत सिंह सिद्धू का विवाद इतना तूल पकड़ा कि कैप्टन को सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका विभाग बदलना पड़ा. कैप्टन ने भी काफी इंतजार किया कि पार्टी आलाकमान से कोई सिग्नल मिल जाए मगर जब दिल्ली से कोई निर्देश नहीं आया तो उन्होंने खुद सिद्धू का विभाग बदल दिया. कुछ ऐसे ही हालात राजस्थान में है, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद और मनभेद की खबरें रोज आती हैं.  कांग्रेस आलाकमान को चाहिए था कि दोनों को आमने-सामने बिठाकर उनका झगडा सुलझाते, मगर गहलोत और पायलट अभी भी राजस्थान की सभी 25 सीट हारने का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं.

हरियाणा की बात करें तो लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक में इतनी तू-तू मैं-मैं हुई कि प्रदेश अध्यक्ष ने यह कहना शुरू कर दिया कि मुझे फांसी पर लटका दो, मुझे गोली मार दो वैगरह-वगैरह. यह सब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में हो रहा था. कनार्टक में रोज कांग्रेस के विधायक अपने ही प्रदेश सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने से बाज नहीं आते हैं और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी यह कहते हुए रूंआसे दिखाई देते हैं कि मुझे ठीक से काम नहीं करने दिया जा रहा है.

कुछ ऐसी ही खबर गोवा से आ रही है जहां 10 के करीब कांग्रेस विधायक अपना एक अलग गुट बनाने की तैयारी में हैं और यह सब हो रहा है राहुल गांधी की निष्यक्रियता की वजह से. अब कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता यह पूछने लगे हैं कि आखिर कांग्रेस का अध्यक्ष अभी कौन है. यदि राहुल अध्यक्ष नहीं हैं तो नए अध्यक्ष पर जल्दी फैसला क्यों नहीं हो रहा है? लोग यह कहने लगे हैं कि या तो राहुल रहें या जाएं मगर फैसला जल्दी हो. अब कांग्रेस नेताओं पर यह दबाव बढ़ता जा रहा है कि राज्यों में कांग्रेस नेताओं की बढ़ती अनुशासनहीनता रोकने के लिए नए अध्यक्ष पर जल्द फैसला ले लिया जाए. यही वजह है कि ये खबरें आनी शुरू हो गई है कि अगले दो तीन महीने के अंदर कांग्रेस को नया गैर गांधी अध्यक्ष मिलने वाला है.

(मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं...)

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