क्या तय समय से पहले होंगे लोकसभा चुनाव?

इसी बीच राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि 18 से 22 सितंबर तक बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में सरकार वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) यानी एक देश एक चुनाव का कानून ला सकती है.

क्या तय समय से पहले होंगे लोकसभा चुनाव?

देश में लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) जल्दी हो सकते हैं. इस बात की चर्चा जोरों पर है. इसकी शुरुआत विपक्ष के दो मुख्यमंत्रियों के बयान के बाद हुई. कुछ दिनों पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पटना में कहा कि बीजेपी लोकसभा का चुनाव जल्दी करा सकती है. ये बात मैं पिछले 6 महीने से कह रहा हूं. यही वजह है कि मैंने भी 6 महीने पहले से ही विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का प्रयास करना शुरू कर दिया था. जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक कदम आगे जा कर कहा कि बीजेपी ने सारे हेलीकॉप्टर की बुकिंग दिसंबर-जनवरी के लिए कर रखी है, ताकि विपक्षी नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर न मिले.

ममता बनर्जी के इस दावे में कितना दम है? यह कहा नहीं जा सकता. शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के मुख्यपत्र में इस बात पर संपादकीय लिखा गया कि बीजेपी नहीं चाहती कि विपक्षी नेताओं को छोटे जहाज़ और हेलीकॉप्टर मिले इस लिए उसकी बुकिंग की जा रही है. शिवसेना ने तो यहां तक लिखा कि बीजेपी ईवीएम की भी बुकिंग कर चुकी है. वैसे विपक्ष का यह आरोप पुराना है.

इसी बीच राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि 18 से 22 सितंबर तक बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में सरकार वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) यानी एक देश एक चुनाव का कानून ला सकती है. जिसके बाद सभी राज्यों के विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ कराए जा सकेंगे. प्रधानमंत्री इसकी वकालत पहले भी कर चुके हैं.

हालांकि, संसद के विशेष सत्र के लिए कोई एजेंडा नहीं आया है. केवल यह कहा कि कि देश में जो अमृतकाल चल रहा है, उस पर विशेष चर्चा की जाएगी. जैसे मोदी सरकार की उपलब्धियों खासकर चंद्रयान-3 की सफलता जैसे विषय पर चर्चा होनी है.

हालांकि, विपक्षी गठबंधन आशंका ज़ाहिर कर रहा कि अगर सरकार 'एक देश एक चुनाव' की बात नहीं करने वाली, तो इस संसद के विशेष सत्र की क्या ज़रूरत है. क्या सरकार अपनी उपलब्धियों का बखान कर मध्यावधि चुनाव में जाना चाहती है. विपक्ष के नेताओं को लगता है कि बीजेपी विपक्षी एकता की हवा निकालना चाहती है. जल्दी चुनाव कराकर विपक्ष को एकजुट होने का मौका नहीं देना चाहती है.

दूसरी तरफ, बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि पहले चुनाव कराने की बात में कोई सच्चाई नहीं है. सरकार को पूरे पांच साल शासन करने का जनादेश मिला है. वह पांच साल पूरा होने के बाद ही चुनाव में जाएगी. शायद बीजेपी को अटल बिहारी वाजपेयी की इंडिया शाइनिंग की वजह से जल्दी चुनाव कराने और सत्ता गंवाने की बात याद है. जो भी हो दिल्ली के सत्ता के गलियारे में चुनाव की चर्चा काफी गरम है.

मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में मैनेजिंग एडिटर हैं...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.