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This Article is From Sep 27, 2018

एशिया कप की कहानी श्रीलंका और बांग्लादेश की जुबानी

Manoranjan Bharati
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    सितंबर 27, 2018 20:56 pm IST
    • Published On सितंबर 27, 2018 20:56 pm IST
    • Last Updated On सितंबर 27, 2018 20:56 pm IST
एशिया कप में सबसे बड़ा अपसेट बांग्लादेश ने किया जब एक तरह से सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान को शिकस्त दे दी. एशिया में ऐसा लग रहा है कि दो टीमों का उदय हो रहा है वे हैं बांग्लादेश और अफगानिस्तान. दो टीमें नीचे फिसलती जा रही हैं जैसे श्रीलंका और पाकिस्तान. श्रीलंका तो बहुत ही बुरी हालत में एक दिशाहीन टीम के रूप में नजर आई जिसे जरूरत है एक नेता की और प्रेरणा की. उसके उलट बांग्लादेश और अफगानिस्तान ऐसे खेल रहे हैं जैसे कल खेलें या न खेलें. यानी वे आज का जो मैच है उसी में सब कुछ झोंक रहे हैं और उसका उन्हें इनाम भी मिल रहा है.

बांग्लादेश की सफलता के पीछे उनका प्रीमियर लीग है जहां खिलाड़ियों को मैच खेलने का फायदा अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों में मिलता है. दूसरी ओर श्रीलंका अपने यहां प्रीमियर लीग की शुरुआत करने की कोशिश कई बार कर चुका है मगर सफल नहीं हो पाया है. श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच अभी सबसे बड़ा अंतर है उन खिलाड़ियों का जो बाकियों को अच्छा खेलने के लिए प्रेरित करें. श्रीलंका क्रिकेट में संगकारा ,जयवर्धने, दिलशान, मुरलीधरण और चामुंडा वास के जाने के बाद कोई खिलाड़ी टीम में नहीं है जो बाकियों को प्रेरित कर सके. जबकि बांग्लादेश की टीम में शाकिब, मुसफिजुर रहीम और कप्तान  मशरफे मुर्त्तजा ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने खेल से टीम को ऊपर ले जाते हैं.

सबसे मजेदार बात है कि बांग्लादेश ने श्रीलंका के चंदिका हथूरूसिंघा को कोच बनाया जिनके कार्यकाल में टीम का प्रदर्शन  अच्छा रहा. 2015 में जब पाकिस्तान ने बांग्लादेश का दौरा किया तो बांग्लादेश ने तीनों वनडे जीता और टी-20 भी. 2015 के वर्ल्ड कप में अच्छा खेलने के बाद उनकी रैंकिग सातवें स्थान पर आ गई. जिसके कारण बांग्लादेश आईसीसी चैंपियन ट्राफी के लिए क्वालिफाई कर गया. फिर बांग्लादेश ने जिंबाव्वे  को हराया और 2016 के एशिया कप के उपविजेता बने.

बांग्लादेश की बॉलिंग के पीछे कॉटनी वाल्स का भी हाथ है जो बॉलिंग कोच के साथ बीच में अंतरिम कोच भी रहे..वहीं श्रीलंका में पिछले 3 साल में 5 कप्तान, 5 हेड कोच, 4 बैटिंग कोच , 4 बार चयन समिति बदल चुकी है. यही नहीं पिछले 3 सालों में 3 बार श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड भी बदल चुका है. इन सब चीजों ने एक वक्त के विश्व विजेता टीम की कमर ही तोड़ दी है. वहीं एशिया कप के फाइनल में पहुंचकर बांग्लादेश के हौसले और बुलंद होंगे. लेकिन बांग्लादेश की जीत के पीछे सबसे बड़ी बात है जीत के लिए उनका जज्बा और खेल के लिए सर्मपण. यही वजह है कि वह गाहे बगाहे भारत को भी शिकस्त दे देता है. इसलिए इनसे संभलकर खेलने में ही भलाई है. यही नहीं अगले साल विश्व कप के लिए भी बांग्लादेश एक खतरनाक टीम रहेगी जो किसी भी बड़ी टीम की लुटिया डुबो सकती है.


मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं...

 
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