उत्तर प्रदेश के पत्रकार जगेन्द्र सिंह को न्याय कब मिलेगा? उसके मरने के 22 दिन बाद मुख्यमंत्री ने परिवार से मिलने का समय निकाला।
फेसबुक पर 'शाहजहांपुर समाचार' निकालने वाले जगेन्द्र सिंह के परिवार से जब अखिलेश यादव मिले तो उन्हें 30 लाख रुपये का चेक थमा दिया और और 2 सरकारी नौकरियां भी देने का वादा किया। कहा, गुनहगारों को सजा दिलवाएंगे, धरने पर बैठा उनका परिवार मान गया और उसने अपनी सीबीआई जांच पर अड़े रहने की मांग छोड़ दी।
मुख्यमंत्री से मिलने बाद बाहर आकर परिवार ने कहा कि हम डीआईजी की जांच से संतुष्ट हैं। जगेन्द्र को 1 जून को कथित तौर पर जलाया गया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। मरने से पहले उसने स्थानीय पुलिसवालों पर मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के कहने पर उसे आग लगाकर मारने का आरोप लगाया था।
कुछ दिनों से वो अपने मारे जाने की बात का जिक्र कर रहा था, क्योंकि उसने लगातार अखिलेश सरकार में मंत्री वर्मा के खिलाफ कई रिपोर्ट लिखी थी और उसे धमकियां भी मिल रही थीं। लेकिन इस मामले में अहम मोड़ तब आया जब सुप्रिम कोर्ट ने सोमवार सुबह केंद्र सरकार, यूपी सरकार और प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया को नोटिस भेजकर दो हफ़्ते में जवाब मांगा कि क्या इस मामले में सीबीआई जांच कराई जाए। इस याचिका में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक गाइडलाइन जारी करने की भी मांग की गई है।
बहरहाल, अखिलेश के मंत्री राममूर्ति वर्मा अब तक सुरक्षा के कवच के साथ हैं। सरकार में मंत्री और अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने कह दिया है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती मंत्री को पद से नहीं हटाया जायेगा। लेकिन क्या 22 दिनों के बाद भी मंत्री जी से पूछताछ तक नहीं हो सकती थी, जबकी जगेन्द्र की मौत से पहले के बयान में मंत्री जी का नाम था।
जगेन्द्र पर दलाली के कई आरोप लगाये गये लेकिन उसके घर की आर्थिक स्थिति दयनीय बताई जा रही है। बड़े पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ आवाज़ उठाने का खामियाजा उठाना पड़ा है।
बहरहाल, सुप्रिम कोर्ट के कारण राज्य सराकर सक्रीय तो हो गई है। दो हफ्ते में उसे सुप्रीम कोर्ट में जवाब भी देना होगा। अब देखना होगा जगेन्द्र को न्याय कब मिलेगा।
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This Article is From Jun 22, 2015
निधि का नोट : पत्रकार जगेंद्र सिंह को न्याय कब मिलेगा
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