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This Article is From May 02, 2025

पहलगाम आतंकी हमले पर भारत दे रहा है संतुलित और दृढ़ राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

राजीव रंजन (with inputs from NDTV)
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मई 02, 2025 21:13 pm IST
    • Published On मई 02, 2025 18:27 pm IST
    • Last Updated On मई 02, 2025 21:13 pm IST
पहलगाम आतंकी हमले पर भारत दे रहा है संतुलित और दृढ़ राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के निकट बैसारन में 26 निर्दोष नागरिकों की आतंकवादी हमले में हुई हत्या पर भारत  शोकाकुल है. इसके बाद भारत ने  इस बर्बरता का सामना संयम, एकता और अटूट संकल्प के साथ किया है. भारत ने मजबूत राजनीतिक नेतृत्व और पेशेवर सैन्य दूरदृष्टि से प्रेरित होकर नियमपूर्ण कदम उठाए हैं न कि आवेश में रहकर कोई तीखी और कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. देश ने एक नपा-तुला, दंडात्मक और रणनीतिक रूप से सुसंगत कदम उठाया है.

भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कदम

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक नीतिगण निर्णय लिए हैं. जिसमें सिंधु जल संधि का निलंबन जिसमें 1960 की संधि में निहित भारत के संप्रभु अधिकारों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने इस संधि को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है, जब तक कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद का सार्वजनिक परित्याग नहीं करता.  भारत ने दूसरा कदम पाकिस्तान के खिलाफ वीजा रद्द करने का लिया है जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा स्कीम से बाहर निकाल दिया है और 27 अप्रैल से सभी पाकिस्तानी नागरिकों को जारी भारतीय वीज़ा निरस्त कर दिए गए हैं. पाकिस्तानी नागरिकों को जल्दी से जल्दी भारत छोड़ने की सलाह दी और नए वीज़ा जारी करना तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है,केवल आपातकालीन चिकित्सीय मामलों को सीमित अवधि में देश छोड़ने की अनुमति दी गई.  भारत का तीसरे कदम के रूप में अटारी-वाघा सीमा बॉर्डर को बंद करना की एवं द्विपक्षीय व्यापार संबंध स्थगित करना. इसके तहत दोनों देश एक दूसरे से लेन देन नहीं करेंगे और   23 अप्रैल से यात्री आवागमन, दैनिक संयुक्त झंडा अवतरण समारोह और सीमा पार व्यापार स्थगित कर दिए गए हैं. 23 अप्रैल से यात्री आवागमन, दैनिक संयुक्त झंडा अवतरण समारोह और सीमा पार व्यापार स्थगित कर दिए गए हैं.

सेना को निर्णय लेने की छूट

 भारत ने कूटनीतिक और आर्थिक स्तर पर प्रतिशोध को प्राथमिकता देते हुए सैन्य विकल्प को अभी  विवेकपूर्ण ढंग से सुरक्षित रखा है. सेना ने अभी सीमा पर शांति बनाए रखी है लेकिन सेना को निर्णय लेने की पूरा तरह से छूट दे दी है. 29 अप्रैल को आयोजित उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा में प्रधानमंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाध्यक्षों को बदले की संभावित कार्यवाई के लिये स्थान, काल और किसी भी माध्यम को चुनने की पूर्ण स्वतंत्रता दी. हालांकि भारतीय सेना ने अब तक नियंत्रण रेखा पार करने जैसी जल्दबाजी भरी कार्रवाइयों से परहेज़ किया है,  भारतीय सेना स्थिति को देखकर निर्णय लेगी लेकिन पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय निंदा और आंतरिक दबाव के बीच तनाव बढ़ाने के लिए अंधाधुंध संघर्षविराम उल्लंघनों का सहारा लिया है। आतंकवादी ढांचे को छिपाने और भारत को उकसाने के उद्देश्य से की गई इन कार्रवाइयों का भारतीय सेना ने अनुशासित, सटीक और संतुलित जवाब दिया है, जिससे शत्रु की हताशा उजागर हुई है और नियंत्रण भारत के हाथ में बना रहा.


जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम

केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और स्थानीय सुरक्षा बलों ने सुरक्षा को लेकर  निम्नलिखित प्रभावी कदम उठाए हैं, जिसमें दक्षिण कश्मीर में संवेदनशील मार्गों पर दोबारा नियंत्रण स्थापित किया. सेना ने नियंत्रण रेखा पर पाक सेना की रोज़ाना बिना कारण के की गोलीबारी का प्रभावी जवाब दिया है. खुफिया जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर में  गहन आतंकवाद-विरोधी अभियान चलाए  जिनमें गिरफ्तारी और हथियार भंडार बरामद हुए जो पहलगाम हमले से जुड़े थे. क्षेत्र के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थलों पर अस्थायी आवागमन प्रतिबंध लागू किए ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके, साथ ही पर्यटन क्षेत्र पर न्यूनतम प्रभाव पड़े. सेना ने ये सभी कदम वैधानिक, संतुलित और आतंकवाद को अलग-थलग करने की दिशा में केंद्रित हैं, न कि आम नागरिकों को असुविधा पहुँचाना है.


भारत की संयम पूर्ण प्रतिक्रिया

पहलगाम नरसंहार पर भारत की प्रतिक्रिया संतुलित कूटनीतिक कौशल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें कूटनीतिक अलगाव, आर्थिक दंड और संयमित सैन्य ताक़त का संगठित उपयोग किया गया है। संदेश स्पष्ट है- इस घृणित हमले की योजना बनाने, समर्थन देने या अंजाम देने वाले दोषियों को भारत अपने समय और तरीके से माकूल सज़ा देगा. भारत बिना किसी जल्दबाज़ी में सैन्य हस्तक्षेप किए, लेकिन हर अन्य साधन को सख्ती से लागू कर भारत ने रणनीतिक पहल अपने हाथ में ले ली है और अपनी प्रतिरोध-क्षमता की विश्वसनीयता को सिद्ध किया है. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया-प्रधान और अव्यवस्थित नीति के विपरीत. पूरा देश अपने सशस्त्र बलों के साथ एकजुट खड़ा है. पीड़ितों को न्याय मिलेगा—दृढ़ता, वैधानिकता और अपरिवर्तनीय संकल्प के साथ.

राजीव रंजन NDTV इंडिया में डिफेंस एंड पॉलिटिकल अफेयर्स एडिटर हैं...

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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