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This Article is From Jul 26, 2019

कर्नाटक पर येदियुरप्पा ने ऐसे हासिल कर लिया अमित शाह का भरोसा...

Swati Chaturvedi
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जुलाई 26, 2019 20:45 pm IST
    • Published On जुलाई 26, 2019 20:45 pm IST
    • Last Updated On जुलाई 26, 2019 20:45 pm IST

अपने विश्‍वस्‍त अंकशास्‍त्री की सलाह पर 76 वर्षीय बीएस येदियुरप्‍पा ने एक बार फिर अपने नाम की वास्‍तविक स्‍पेलिंग का इस्‍तेमाल करना शुरू कर दिया है.

तीन बार कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बने येदियुरप्‍पा कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. आखिरी बार साल 2018 में केवल दो दिन के लिए मुख्‍यमंत्री बने येदियुरप्‍पा अपनी चौथी पारी में किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते. येद्दी के नाम से मशहूर येदियुरप्‍पा ने शुक्रवार को अकेले शपथ ली.

बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर सावधानी से आगे बढ़ना चाहते थे लेकिन भावुक येदियुरप्‍पा ने उन्‍हें आधी रात को फोन किया और कहा कि यह 'मुख्‍यमंत्री बनने का उनका आखिरी मौका होगा.'

उडुपी-चिकमंगलूर लोकसभा सीट से सांसद 'मैडम शोभा' या शोभा करंदलाजे जिन्‍हें येदियुरप्‍पा का करीबी भी माना जाता है, ने भी अमित शाह से लगातार कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा पेश करने की तारीख तय करने के लिए लगातार कहती रहीं.

अमित शाह ने खीझकर संसद में उनसे कह दिया था कि 'उन्‍हें और भी काम हैं, वे केवल कर्नाटक पर ही ध्‍यान नहीं दे सकते.'

इस बीच, येदियुरप्‍पा के बेंगलुरु स्थित घर पर कई तरह की पूजा हुईं और तुमकुर जिले में स्थित उनके गांव में 24 घंटे के हवन का आयोजन किया गया.

शाह को मनाने के अलावा, येदियुरप्‍पा ने ज्‍योतिषियों, अंकशास्त्रियों और टैरो कार्ड रीडरों से भी संपर्क कर यह सुनिश्चित किया कि कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री के रूप में वे अपना कार्यकाल पूरा कर सकते हैं.

बीजेपी में अनौपचारिक रूप से रिटायमेंट की उम्र 75 वर्ष है और अमित शाह के नेतृत्‍व में इसे लागू भी किया गया है. येदियुरप्‍पा इसके अपवाद थे, यहां तक कि पिछले वर्ष मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद शपथ लेते वक्‍त भी.

सूत्रों ने बताया कि, 'जिस दिन गठबंधन सरकार का शपथग्रहण हुआ था, उसी दिन से येदियुरप्‍पा ने अथक परिश्रम किया. पिछले एक वर्ष में उन्‍होंने कम से कम छह बार ऑपरेशन लोटस को लॉन्‍च किया. (आलोचकों के अनुसार ऑपरेशन लोटस वह रणनीति है जिसके तहत बीजेपी विधायकों को अपनी तरफ खींचकर सरकारें गिराने का काम करती है).

'इस बार कांग्रेस नेता सिद्धारमैया की थोड़ी मदद से येदियुरप्पा सफल होने में कामयाब रहे. अगर पार्टी उन्‍हें कर्नाटक में सरकार बनाने देने को राजी नहीं होती, तो येदियुरप्‍पा राज्‍य में पार्टी को बर्बाद कर देते.'

सूत्र बताते हैं, 'शुरुआती ना-नुकुर के बाद शाह मान गए - स्‍पष्‍ट बहुमत का आंकड़ नजर नहीं आने के बावजूद - क्‍योंकि बीजेपी को दक्षिण भारत में भी अपनी सरकार के साथ अखिल भारतीय पार्टी के रूप में दिखने की जरूरत है. शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी को राजनीति के प्रभावी ध्रुव के रूप में देखते हैं और दक्षिण में पार्टी की सरकार इस परिकल्‍पना में मददगार होगी.

यह निश्चित रूप से अमित शाह के नेतृत्‍व में बीजेपी का दूसरा रूप है, क्‍योंकि 2008 में येदियुरप्‍पा को 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले को लेकर पार्टी ने इस्‍तीफा देने पर मजबूर किया था. उन दिनों केंद्रीय नेतृत्‍व के साथ येदियुरप्‍पा के रिश्‍ते अच्‍छे नहीं थे. आज येदियुरप्‍पा, शाह और मोदी सभी एक साथ ही खड़े नजर आ रहे हैं.

जब विधायकों को तोड़ने और उन्‍हें निजी विमान से ले जाने की बात है तो पार्टी के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है. ऐसी अफवाहें हैं कि विधायकों ने अकल्‍पनीय रकम के लिए पाला बदला क्‍योंकि बीजेपी ने व्‍यवस्थित तरीके से कांग्रेस-जनता दल सेक्‍यूलर के बहुमत को नष्‍ट किया.

कांग्रेस के कई नेता कहते हैं कि बीजेपी ने पैसे का इस्‍तेमाल कर और इनकम टैक्‍स व सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों की जांच की धमकी देकर गठबंधन को बर्बाद कर दिया. अफवाहें तो यह भी हैं कि पूर्व मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया, जिनकी एचडी देवगौड़ा ओर उनके बेटे एचडी कुमारस्‍वामी से जबरदस्‍त प्रतिद्वंद्विता है, ने जिन विधायकों को निशाना बनाना है उनके डॉजियर येदियुरप्‍पा को उपलब्‍ध कराए.

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बहुमत साबित नहीं कर पाने के दो दिन बाद शुक्रवार को येदियुरप्‍पा ने राज्‍यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात कर कहा कि वह आज शाम ठीक छह बजे शपथ लेना चाहते हैं क्‍योंकि यह उनके लिए सबसे शुभ घड़ी है. येदियुरप्‍पा के ज्‍योतिषियों ने उनसे कहा था कि अशुभ घड़ी शाम चार बजे बीत जाएगी.

स्‍पष्‍ट है कि येदियुरप्‍पा का समय आ गया और मुख्‍यमंत्री बनने का उनका सपना साकार हुआ. कर्नाटक के मतदाता जिन्‍होंने विधायकों की खरीद-फरोख्‍त का सबसे भद्दा रूप देखा, उन्‍हें अब अच्‍छे प्रशासन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

स्वाति चतुर्वेदी लेखिका तथा पत्रकार हैं, जो 'इंडियन एक्सप्रेस', 'द स्टेट्समैन' तथा 'द हिन्दुस्तान टाइम्स' के साथ काम कर चुकी हैं...

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