कुत्ता और भैंस खोजने वाली पुलिस के लिए गुमशुदा बच्चों के मायने

नई दिल्ली:

नोएडा के हरेभरे गोल्फकोर्स से आगे निकलकर सेक्टर-37 के अंबेडकर विहार की भीड़भाड़ वाली गली में खेलने वाले बच्चे पूछते हैं, अंकल रोशन मिला क्या...इन सवालों को महीने भर से सुनते आ रहे गणेश के शरीर पर हरकत तक नहीं हुई और बड़े से आंगन जैसे एक चारदीवारी के अंदर घुस जाते हैं।

बदबू और सीलन से भरे एक कमरे के अंदर से एक दुबली-पतली महिला निकलती है, "आप मीडिया से हो, देखो एक महीने से हमारा 10 साल का बच्चा लापता है, लेकिन किसी को क्या पड़ी है उसे खोजने की।"

गणेश गुस्से से अपनी पत्नी को डांटता है, "चुप रह साहब उसी के लिए आए हैं।" गणेश के बगल में लक्ष्मी खड़ी है, वो भी रोने लगती है। उनका 12 साल का बेटा विशाल भी रोशन के साथ बीते 10 जनवरी से गायब है। सुबह उठकर रोज अपनी मां के साथ सब्जी बेचता था फिर शाम की शिफ्ट में पढ़ने जाता था। मेरी नजर रोशन के बस्ते पर पड़ी, जो उसकी मां काजो देवी के हाथ में था। मैं उसकी किताब देखने लगा। कई पन्नों पर गुड लिखा था।

तीसरी क्लास में पढ़ने वाले रोशन की अंग्रेजी की रायटिंग गजब की थी। दोनों बच्चे रोशन और विशाल दोस्त थे और साथ ही घूमते थे। लेकिन 10 जनवरी जब कड़ाके की ठंड पड़ रही थी, तब एक कपड़े में दोनों बच्चे इस बाजार में ऐसे सस्ते सामान की तरह गायब हो गए कि अब तक उनका कोई सुराग नहीं है।

नोएडा पुलिस कहती है कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे और हो सकता है कि घर छोड़कर वो कहीं चले गए हों। लेकिन जिस भारत में हर रोज 3 हज़ार बच्चे गायब हो रहे हों, जिस देश में भैंस और कुत्ते खोजने के लिए लाखों के ईनाम दिए जाते हो, वहां काजो देवी और लक्ष्मी के बेटे खोजने की कोशिश भला क्यों हों। उनको खोजने पर न तो भारी-भरकम ईनाम मिलेगा, न प्रमोशन।

पुलिस के पास बच्चों के गुम होने का ऐसी बड़ी संख्या और अपनी नाहिली पर रोने के लिए कम स्टाफ का इतना बड़ा बहाना है कि इसके सामने दैत्याकार तर्क भी बौना हो जाए। लेकिन इसी समाज में रिशी बाजपेयी जैसे लोग मौजूद हैं, जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और रिक्शा चलाने वाले गणेश के रोने पर इतना भावुक हो गए कि सोशल मीडिया से लेकर छुट्टी तक में जेब से पैसे खर्च करके वो परिवार की मदद कर रहे हैं। हम केवल ऐसे वक्त में उम्मीद कर सकते हैं और अपनी जिम्मेदारियों का बोझ भगवान भरोसे छोड़कर अपने बच्चों के लिए टॉफी ले आते हैं। जाइए वरना दुकान बंद हो जाएगी और बच्चा रो पड़ा, तो आपको अपनी जिंदगी पर लानत महसूस होगी...खुदा हाफिज


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