विज्ञापन
This Article is From Jul 16, 2015

सुशील महापात्रा की कलम से : मधुमेह और उच्चरक्तचाप से भी कम खतरनाक है 'कैंसर'

Reported by Sushil kumar Mohapatra
  • Blogs,
  • Updated:
    जुलाई 17, 2015 10:06 am IST
    • Published On जुलाई 16, 2015 23:57 pm IST
    • Last Updated On जुलाई 17, 2015 10:06 am IST
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही स्वस्थ आदमी भी बीमार सा महसूस करने लगता है। न जाने इस बीमारी ने कितने लोगों को बेबस कर दिया है। इस बीमारी का नाम सुनते ही लोगों के होश उड़ जाते हैं। कैंसर के बारे में जानने के लिए हम अपने साथी रवीश कुमार के साथ एम्स पहुंचे थे। हमारा मकसद था डॉक्टर जी.के. रथ से बात करना और अपने शो प्राइम टाइम के जरिए लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना।

डॉ. रथ एम्स के कैंसर विभाग के प्रमुख हैं। उनसे मीटिंग करवाने और हमारे प्रोग्राम को कामयाब बनाने में डॉ. अभिषेक का भी बहुत बड़ा योगदान रहा जो खुद इस विभाग में कार्यरत हैं। जब हम एम्स के कैंसर विभाग में पहुंचे तो मरीजों की संख्या को देखकर हमारे होश ही उड़ गए। मन में कई सवाल उमड़ रहे थे। परेशान लोगों को देखकर दुख भी हो रहा था और समझ नहीं आ रहा था कि क्या सच में इस सरकारी अस्पताल में मरीज ठीक होकर निकलते हैं!

डॉ. रथ को मिलने हम दूसरी मंजिल पर पहुंचे। वह 1974 से इस विभाग में हैं। उनके जैसे खुशमिजाज डॉक्टर को देखकर समझ नहीं आ रहा था कि इतनी बड़ी बीमारी का इलाज़ करने वाले डॉक्टर इतने खुशमिजाज कैसे हो सकते हैं लेकिन डॉ. रथ ने बताया कि ऐसी बीमारी को ठीक करने के लिए खुश रहना बहुत जरूरी है। उनका कहना था कि कैंसर से पीड़ित मरीज़ों को प्यार से समझाना पड़ता है।

अगर डॉक्टर तनाव में रहेगा तो मरीज़ तो और ज्यादा बीमार हो जाएगा। वह बोले कि जो लोग समझते हैं कि कैंसर ठीक नहीं हो सकता, वे गलत समझते हैं। अगर लोगों के अंदर जागरूकता फैलाई जाए और लोग सही समय पर इस बीमारी का इलाज कराएं तो 80 फीसदी मरीज़ ठीक हो सकते हैं। डॉ. रथ ने और भी कई बातें कहीं जिनके बारे में आपको भी पता होना चाहिए।

डॉ. रथ ने बताया कि कैंसर से घबराने की जरूरत नहीं और यह बीमारी मधुमेह और उच्च रक्तचाप से भी कम खतरनाक है। डॉ. रथ का कहना था कि तम्बाकू सेवन 40 प्रतिशत कैंसर का कारण है। पान खाने से भी कैंसर होता है। पान के अंदर डलने वाली सुपारी भी कैंसर का कारण है।

डॉ. रथ ने एक उदाहरण दिया कि पश्चिमी देशों में लोग पान नहीं खाते हैं इसीलिए उन्हें मुंह का कैंसर नहीं होता है। पश्चिमी देशों  के लोग सिगरेट ज्यादा पीते हैं, इसलिए उहने लंग कैंसर ज्यादा होता है।

डॉ. रथ ने बताया कि अगर आप सिगरेट नहीं पीते हैं लेकिन आप के पास खड़ा हुआ व्यक्ति पीता है और इसका धुआं आपके अंदर जाता है तो यह ज्यादा खतरनाक है। और, इसकी वजह से भी कैंसर हो सकता है। इसीलिए जो भी व्यक्ति सिगरेट पीता है, उससे दूर रहिए।

अगर कैंसर का कारण सही समय पर पता लगाया जा सके, तो करीब 80 प्रतिशत मरीज़ ठीक हो सकते हैं। अगर कैंसर से बचना है, तो तम्बाकू नहीं खाना चाहिए क्योंकि डॉ. रथ मानते हैं कि तम्बाकू की वजह से सबसे ज्यादा लोग कैंसर के शिकार होते हैं। अगर शरीर के अंदर कहीं गांठ हो या कोई असामान्य रक्तस्त्राव हो तो ये कैंसर का लक्षण हो सकता है, इसलिए मरीज़ को जल्द ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

जब डॉ. रथ तम्बाकू के बारे में बता रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने सवाल पूछा कि पांच साल या इससे छोटे बच्चों को कैंसर कैसे होता है? डॉ. रथ का कहना था कि यह अनुवांशिक कैंसर है।

डॉ. रथ मानते हैं कि हमारे देश में महिलाओं के अंदर सबसे ज्यादा बच्चेदानी का कैंसर पाया जाता है, जिसका कारण है HPV वायरस। इस वायरस की वजह से 90 प्रतिशत महिलाओं को बच्चेदानी में कैंसर होता है। बच्चेदानी में जब भी असामान्य रक्तस्त्राव हो, तो डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। जननेंद्रिय को साफ़ सुथरा रखना चाहिए।

डॉ. रथ का कहना है कि स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता काफी अहम है। हमारे देश में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाएं काफी लापरवाही बरतती हैं। एम्स में हर महीने दो स्तन कैंसर की महिला मरीज़ चेकअप के लिए आती हैं, जो पहले स्टेज में होती हैं। अगर पहले स्टेज पर स्तन कैंसर का इलाज किया जाये, तो 80 प्रतिशत मरीज ठीक हो सकते हैं। स्तन कैंसर बीमारी की पुख्ता वजह तो पता नहीं, लेकिन महिलाओं को हर महीने में एक बार अपने स्तन की जांच करनी चाहिए, कहीं स्तन में गांठ तो नहीं, अंदर कोई ब्लीडिंग तो नहीं हो रही।

डॉ. रथ का कहना था कि छोटे शहर के लोगों को डरने की जरूरत नहीं। कुछ दिन पहले एक प्रोग्राम शुरू किया गया है, जिसका नाम है National Programme For Prevention And Control of Cancer, Diabetes, Cardiovascular Diseases & Stroke (NPCDCS)।

इस प्रोग्राम के अंतर्गत आने वाली इन चारो बीमारियों से निपटने के लिए यह प्रोग्राम शुरू किया गया है। चारों बीमारी जैसे कैंसर, मधुमेह, ह्रदवाहिनी, स्ट्रोक का लगभग एक ही कारण है जैसे तम्बाकू सेवन, व्यायाम की कमी, मोटापा आदि।

इस प्रोग्राम का मुख्य मकसद है कि जिला स्तर के अस्पतालों में लोगों का परीक्षण करना। अगर बीमारी पहले स्तर में है तो उसका इलाज़ छोटे अस्पताल में भी हो सकता है। बीमारी का सही समय पर पता लगाना जरुरी है। लोगों को इस बात से डरना नहीं चाहिए कि कैंसर जैसी बीमारी का इलाज सिर्फ बड़े अस्पताल में ही होता है।

डॉ. रथ कहना है कि गरीब मरीज़ को कैंसर जैसी बीमारी के इलाज के लिए एम्स आना चाहिए। एम्स में सबसे कम पैसों में कैंसर का इलाज होता है। साइटॉलजी और बायोप्सी टेस्ट एम्स में सिर्फ 15 रुपये में होता है। सरकार की तरफ से ऐसा फंड भी बनाया गया है, जिसके जरिये गरीब मरीज़ों को मदद मिलती रहती है। एम्स में 12 करोड़ रुपये की linear accelerator मशीन भी है, जो दुनिया में बहुत कम अस्पतालों में उपलब्ध है। इस मशीन के जरिये सही रेडियो थेरेपी होती है।

डॉ. रथ ने ऐसी बहुत सी बातें बताई, जिस पर गौर फरमाना जरूरी है। उनका कहना था कि कैंसर छुआछूत की बीमारी नहीं है। अगर परिवार में किसी व्यक्ति को कैंसर है, तो घबराने की जरूरत नहीं। बायोप्सी के बारे में लोगों के अंदर जो डर बना हुआ है कि इसकी वजह से बीमारी बढ़ जाती है, वह पूरी तरह गलत है। कीमोथेरेपी से भी डरने की जरूरत नहीं।

बहुत से मरीज़ सोचते हैं कि कीमोथेरेपी से बाल खत्म हो जाते हैं जो कि एक प्रकार की गलत धारणा है। कीमोथेरेपी के बाद बाल जरूर गिरते हैं, लेकिन बाद में बालों की ग्रोथ अच्छी हो जाती है।

डॉ. रथ के साथ चली करीब एक घंटे की बातचीत में कई चीजों के बारे में पता चला। प्रोग्राम की शूटिंग के  खत्म हो जाने के बाद हम खुद अपने शरीर की बारे में सोच रहे थे। शरीर को जांच रहे थे कि शरीर में कैंसर जैसे लक्षण तो नहीं। डॉक्टर से यह भी जरूर कहा कि कैंसर के लक्षण हो या नहीं एक बार जांच जरूर कराने आएंगे।

आप भी अपने शरीर की पूरी तरह जांच कराइये। अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में कैंसर जैसे लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करिए। ऐसे मामलों में देरी मत कीजिये, क्योंकि पहले स्टेज में मरीज़ का 80 प्रतिशत तक कैंसर ठीक हो सकता है।

डॉ रथ का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए यहां क्लिक करें

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
कैंसर, स्तन कैंसर, कैंसर बीमारी, Cancer, Breast Cancer, Cancer Disease
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com