पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है
नई दिल्ली: एक चुनाव रैली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का इंतजार हो रहा था. भीड़ के बीच से बार-बार नारों की आवाज आ रही थी लेकिन भयंकर गर्मी से हालत खराब हो रही थी. तभी आसमान में एक हेलीकॉप्टर के गड़ग़ड़ाने की आवाज सुनाई दी और भीड़ के बीच से फिर नारों की आवाज गूंजने लगती है..राजतिलक की करो तैयारी...अबकी बारी अटल बिहारी. जहां पर हेलीपैड बनाया गया था वहां से मंच तक आने में कम से कम 15 मिनट का समय लगता क्योंकि सुरक्षा के तामझाम थे लेकिन 15 मिनट तक लगातार नारे लगते रहे. भीड़ कितनी थी इस बात का अंदाजा लगाना तो मुश्किल था लेकिन उस काफी बड़े मैदान में पैर रखना भी मुश्किल हो रहा था. पुलिसकर्मी बार-बार लोगों से बैठ जाने के लिए कह रहे थे लेकिन मारे गर्मी से सबका हाल बुरा था पीछे से लोग भी बार-बार बैठ जाने के लिए कह रहे थे लेकिन कोई किसी की सुन नहीं रहा था हर कोई वाजपेयी की एक झलक पाने के लिए बेताब था.
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तभी मंच के नीचे अचानक से गहमागहमी तेज हो गई और एक सफेद एंम्बैसडर कार आकर रुकती है. अटल बिहारी वाजपेयी उस कार से उतरते हैं. सामान्य सफेद कुर्ता और धोती पहने वह सबको हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं. उसी मंच पर एक करीब 50-55 साल का नेता भाषण दे रहा था कोई पीछे से कह रहा था कि नरेंद्र मोदी हैं. वाजपेयी के मंच पर आते ही भीड़ के शोर की वजह से उस शख्स का भाषण सुनाई नहीं देता है.वह रुक जाता है.
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वाजपेयी बोलने के लिए खड़े हों इससे पहले कि आसमान में अचानक से काले बादल छा जाते हैं. उस समय शाम के 3 बजे रहे होंगे. लेकिन इतना अंधेरा छा जाता है कि आसपास बिल्डिंग में सुरक्षा के लिए खड़े पुलिसकर्मी भी नहीं दिखाए देते हैं. मंच पर सिर्फ वाजपेयी दिख रहे थे क्योंकि उन्होंने सफेद कुर्ता और धोती पहन रखा था. वह बोलने के लिए खड़े होते हैं. कुछ बोल पाते कि अचानक तेज से बिजली कड़कड़ती है.लेकिन मैदान में ठसाठस भरी जनता टस से मस नहीं होती है.
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वाजपेयी भाषण की शुरुआत करते हैं, भाइयों और बहनों..आसमान बादलों से भरा हुआ है...धरती आपके जनज्वार से उमड़ी पड़ रही है...देखना है पहले कौन बरसता है...पहले कौन गरजता है. इसके बाद करीब 15 मिनट तक जिंदाबाद..जिंदाबाद के नारों से पूरा मैदान गूंजने लगता है.
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आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. 25 दिसंबर 1924 को ग्वालिया में वाजपेयी का जन्म हुआ था. उन्होंने न केवल एक बेहतरीन नेता बल्कि एक अच्छे कवि के रूप में भी नाम कमाया और एक शानदार वक्ता के रूप में लोगों के दिल जीते. उन्होंने पूरा जीवन राजनीति को समर्पित कर दिया...भारत सरकार की ओर से उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है.
(मानस मिश्र एनडीटीवी में चीफ कॉपी एडिटर हैं)
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