राजीव शुक्ला और शरद पवार (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दुनिया के सबसे अमीर खेल संघों में से एक है और क्रिकेट की दुनिया में इसका काफी रसूख भी है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी श्रीनिवासन हैं, जो फिलहाल भारतीय क्रिकेट को कंट्रोल करते हैं। जगमोहन डालमिया के निधन के बाद अब यह बहस तेज हो गई है कि बीसीसीआई की कुर्सी पर कौन बैठेगा। तीन-चार नाम चर्चा में हैं, मगर अगला अध्यक्ष कौन बनेगा, यह राजनीति तय करेगी।
मौजूदा हालात में भारतीय क्रिकेट पर दो लोगों का कब्जा है, केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली और श्रीनिवासन। श्रीनिवासन के पक्ष में तमिलनाडु,हरियाणा,झारखंड,हैदराबाद,कर्नाटक,आंध्र, कोलकाता,असम,ओडिसा और गोवा जैसे राज्य हैं, जबकि अरुण जेटली के पक्ष में दिल्ली,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश,पंजाब,हिमाचल,बड़ौदा,गुजरात,त्रिपुरा,केरल और सरकार की 3 संस्थाएं हैं। एक गुट शरद पवार के पक्ष में हैं जिसमें मुंबई,सीसीआई,महाराष्ट्र,सौराष्ट्र,नेशनल क्रिकेट क्लब कोलकाता,विदर्भ,जम्मू कश्मीर हैं।
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ऐसे हालात में वही आदमी अध्यक्ष बन सकता है जिसे या तो जेटली और श्रीनी गुट का साथ मिले या फिर पवार और जेटली एक हो जाएं। ऐसे में राजीव शुक्ला का नाम सबसे ऊपर आ रहा है। उन्हें जेटली और श्रीनिवासन गुट का समर्थन मिल सकता है, क्योंकि अनुराग ठाकुर सचिव पद पर हैं। जाहिर है वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना नहीं चाहेंगे क्योंकि फिर सचिव पद का भी चुनाव कराना पड़ेगा। मगर यहां पर एक पेंच हैं, पवार चाहेंगे कि बीसीसीआई के अध्यक्ष की कुर्सी पर उनका आदमी बैठे। ऐसे में वे शशांक मनोहर का नाम आगे कर सकते हैं, मगर बीसीसीआई में कुछ लोगों से बात करके लगा कि यदि शरद पवार खुद मैदान में आते हैं तो बात बन सकती है क्योंकि तब यह व्यवस्था बन सकती है कि पवार अध्यक्ष हों अनुराग सचिव रहें और राजीव शुक्ला आईपीएल के गर्वनर बने रहें। यानि सबके हिस्से में कुछ न कुछ हो। वैसे भी राजीव शुक्ला मार्च में हुए बीसीसीआई के चुनाव में कोषाध्यक्ष के लिए श्रीनिवासन कैंप के अनिरुद्ध चौधरी से हार गए थे।
पवार के अध्यक्ष बनने से भारतीय क्रिकेट पर से श्रीनिवासन का कब्जा हटाया जा सकता है और बाद में पवार या जेटली गुट राज्यों के संघों पर अपने आदमियों को बैठा सकते हैं। नियम के अनुसार 2017 तक अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का अधिकार ईस्ट जोन के पास है, मगर वह किसी को भी मनोनीत कर सकता है। इसमें 6 सदस्य हैं बंगाल,त्रिपुरा,झारखंड,असम ,ओडिसा और नेशनल क्रिकेट क्लब। इनमें से एक सदस्य का नाम प्रस्तावित करना होगा और एक को सर्मथन, मगर यह तय है कि राजनीति ही तय करेगी कि बीसीसीआई की कुर्सी पर कौन बैठता है।