अगले महीने इंचियॉन में एशियन गेम्स होने वाले हैं। लेकिन इस दौरे पर जाने से पहले सबसे बड़ी चिंता भारतीय दल का साइज़ है। नियम के मुताबिक क़रीब 25 फ़ीसदी अधिकारी ही दल का हिस्सा हो सकते हैं। लेकिन हालात हैरान करने वाले बन गए हैं।
चाहे कितने भी विवाद हों, अधिकारी खिलाड़ियों के कंधों पर बंदूक रख कर गोलिलां चला ही लेते हैं।
अलग−अलग ट्रेनिंग कैंपों में इंचियन एशियाई खेलों के लिए तैयारी करते एथलीटों की मेहनत को देख कर इनसे मेडल की उम्मीद ज़रूर बढ़ जाती है, लेकिन इनमें से कई ऐसे हैं जो अधिकारियों की मदद से दक्षिण कोरिया के विदेशी दौरों के लिए 912 सदस्यों के जम्बो दल में शामिल हो गए हैं। ये संख्या हास्यास्पद नज़र आती है।
ज़रा पिछले एशियाई और कॉमनवेल्थ के खेलों में भारतीय दल की संख्या और वहां हासिल मेडल के नंबर्स पर ग़ौर फ़रमाइये−
साल 2010 में गुआंगझोऊ के एशियाई खेलों से 625 भारतीय एथलीट 65 पदक लेकर वापस लौटे।
दिल्ली में हुए 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों में 619 भारतीय एथलीटों ने 101 पदक जीते।
इसी साल ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में 215 भारतीय एथलीट 64 पदक जीतने में कामयाब रहे।
सितंबर में होने वाले एशियाई खेलों के लिए 662 एथलीटों के नाम क्लीयरेंस के लिए भेजे गए हैं जिनसे 72 से 100 पदकों की उम्मीद जताई जा रही है।
भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारी मानते हैं कि ये संख्या बहुत बड़ी है। भारतीय खेल प्राधिकरण के डीजी जीजी थामसन कहते हैं कि हम लिस्ट की जांच कर रहे हैं। हम हफ़्तेभर के समय में इस लिस्ट को छोटा कर उसे मंत्रालय के पास भेजेंगे जो इस पर
आखिरी फ़ैसला लेंगे।
भारतीय खेल अधिकारियों के लिए फ़िक्र की और भी वजहें हैं। अगर भारतीय बॉक्सिंग संघ के चुनाव वक्त पर नहीं हुए तो
भारतीय बॉक्सर्स एशियाड से बाहर रह सकते हैं। इसके अलावा एशियाई खेलों में भारतीय क्रिकेट की टी-20 टीम से पदक
की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन, बीसीसीआई ने एशियाई खेलों को तवज्जो नहीं देकर इनसे बाहर रहने का ही फ़ैसला कर लिया है।
जीजी थामसन कहते हैं हम निराश हैं। अगर क्रिकेट टीम इंचियन जाती तो हमें खुशी होती। हम क्रिकेट की फ़ंडिंग नहीं करते। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि हम क्रिकेट को एशियाई खेलों में बढ़ावा नहीं दें।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एथलीटों की संख्या में कटौती ज़रूर की जाएगी। लेकिन ये सब जितना जल्दी हो जाए प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी विवाद की उलझनों से बचकर हिस्सा ले सकेंगे।
भारतीय खेल संघों पर अगर लगाम न कसी जाए तो क़रीब हज़ार एथलीट और अधिकारी कोरियाई एशियाई खेलों में हिस्सा लेते नज़र आएंगे। इनमें से कितने पदक जीत पाएंगे इसकी ज़िम्मेदारी अधिकारियों की नहीं। ये मसला खिलाड़ियों को ही सुलझाना पड़ेगा यानी जवाबदेही सिर्फ़ एथलीटों की ही होगी।
This Article is From Aug 27, 2014
एशियन गेम्स में जाने के लिए तैयार हैं हज़ार, पर पदक कितने लाएंगे?
Vimal Mohan, Rajeev Mishra
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Updated:नवंबर 19, 2014 16:15 pm IST
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Published On अगस्त 27, 2014 18:11 pm IST
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Last Updated On नवंबर 19, 2014 16:15 pm IST
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