पाकिस्तान के एक और प्रधानमंत्री की तरफ से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा। यह थी बातचीत पठानकोट की घटना के बाद नवाज़ शरीफ और नरेंद्र मोदी की। सवाल वही घिसा पिटा और पुराना कि इन सबका नतीजा क्या होगा। जवाब किसी के पास नहीं है। लेकिन यह दलील आज भी दी जाती है कि पाकिस्तान से बातचीत करने के तरीकों को पूरी तरह से कभी बंद नहीं किया जा सकता।
भारत में जो भी सत्ता में रहता है उसके लिए यह एक बड़ी चुनौती होती है कि वह पाकिस्तान नीति क्या रखे, जहां समय-समय पर रवैया और ज़बान का दबाव आ जाता है। 26/11 से लेकर अब तक पाकिस्तान के लिए भारत की तरफ से सबूतों का हासिल करना कोई नई बात नहीं। लेकिन उनकी तरफ से कार्रवाई न कर पाना यह एक तरीका बन गया मिसाल के तौर पर हाफिज़ सईद ने सुषमा स्वराज की पाक यात्रा के बाद कहा था कि भारत एड़ी चोटी का जोर लगा ले लेकिन 26/11 मामले में उसका हाथ साबित नहीं कर पाएगा। तो क्या पठानकोट हमले के बाद अब कोई और आतंकवादी भारत के खिलाफ़ बयान देगा और फिर मुझे इंतज़ार होगा कि भारत की तरफ से क्या ज़बान नवाज़ शरीफ़ के लिए बोली जाती है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।
This Article is From Jan 05, 2016
अभिज्ञान का प्वाइंट : पाकिस्तान की तरफ से फिर एक भरोसा, नतीजा क्या?
Abhigyan Prakash
- ब्लॉग,
-
Updated:जनवरी 05, 2016 20:46 pm IST
-
Published On जनवरी 05, 2016 20:39 pm IST
-
Last Updated On जनवरी 05, 2016 20:46 pm IST
-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
पठानकोट आतंकी हमला, पाकिस्तान, नवाज शरीफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हाफिज सईद, भारत-पाकिस्तान संबंध, भारत-पाक बातचीत, Pathankot Air Base Attack, Pakistan, Nawaz Sharif, PM Narendra Modi, Hafiz Saeed, India-pakistan Affairs, India-Pakistan Dialogue