- नीतीश कुमार ने महिला रोजगार के लिए बीस हजार करोड़ रुपये की योजना का ऐलान किया है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीविका सहकारी संघ का शुभारंभ कर महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने की कोशिश की है.
- कांग्रेस और आरजेडी ने महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता, आरक्षण और पेंशन जैसी योजनाओं की घोषणा की है.
हिम्मत है तो बुलंद कर आवाज़ का अलम
चुप बैठने से हल नहीं होने का मसला
ज़िया जालंधरी का ये शेर महिलाओं के बदलते तेवर और ताकत का प्रतीक है. चुनावों के लिए नेता बहुत सारे दांव आजमाते हैं. आखिर सवाल वोट का होता है और उसमें पिछले कुछ सालों में जिस वोट पर सबकी नजरें सबसे ज्यादा टिकी होती है, वो महिला वोटर हैं. आधी आबादी की मर्जी बहुत हद तक तय कर रही है कि देश में या किसी प्रदेश में कौन राज करेगा. तो क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधी आबादी के आशीर्वाद के लिए अपनी तिजोरी खोल दी है. नीतीश सरकार ने महिला रोजगार के लिए बीस हजार करोड़ रुपये की योजना का ऐलान किया है. बिहार में पहली बार महिला वोटों की अहमियत को भांपने और उसे अपनी ओर मोडने वाले नीतीश कुमार ही थे.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम पर दबती आधी आबादी की उंगलियों का प्रताप ऐसा है कि उन्हें लुभाने के लिए तीन स्तर पर राजनीतिक दलों और सरकारों की ओर से पहल होती है.
- पहला पद से, जिसके तहत उन्हें नौकरी, शिक्षा से लेकर चुनावों तक में आरक्षण दिया जाता है.
- दूसरा पैसे से, जिसके तहत अलग-अलग सरकारें महिलाओं को रोजगार से लेकर पेंशन और शिक्षा के नाम पर उनके खातों में पैसे डालती हैं.
- तीसरा प्रतिष्ठा से, जिसके तहत महिलाओं की मान-मर्यादा एक अहम मुद्दा बन जाता है.
चुनाव से ठीक पहले बिहार की महिलाओं के लिए नीतीश कुमार ने जहां रोजगार के साधनों का ऐलान किया, तो वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीविका सहकारी संघ के जरिए महिलाओं की मान मर्यादा का सवाल भी छेड़ दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मां को राहुल गांधी के मंच से दी गई गाली को हर मां बहन पर पड़ने वाली गाली से जोड़ दिया. महिलाओं का सवाल उनके सम्मान से जुड़कर कैसे एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन जाता है, इसको विस्तार से हम आगे बताएंगे लेकिन शुरुआत करते हैं जीविका दीदी योजना से.
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला रोजगार के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया है.
- ये पैसे जीविका दीदियों को दिया जाएगा.
- योजना के तहत पहले चरण में 10,000 रुपये दिए जाएंगे.
- इसके बाद व्यवसाय की स्थिति देखकर 15,000 रुपये, 75,000 रुपये या अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा.
- इससे राज्य के 2 करोड़ 70 लाख परिवारों की महिलाओं को इस योजना से जोड़ने का प्रयास नीतीश सरकार कर रही है.
अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए जी जान से जुटी बिहार की महिलाओं के लिए ये योजना कितना गेमचेंजर होगी, उससे ज्यादा अहम है कि कैसे बिहार की महिलाएं अगले चुनाव में गेमचेंजर साबित हो सकती हैं.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीविका सहकारी संघ का शुभारंभ किया है.
- इसके तहत बैंक खाते में 105 करोड़ भेजे गए हैं.
- ये पैसे जीविका दीदी महिलाओं को मिलेंगे.
जीविका कार्यक्रम से बिहार में करीब एक करोड़ 34 लाख महिलाएं जुड़ी हैं. इस कार्यक्रम को 2006 में विश्व बैंक की मदद से शुरू किया गया था. ये जीविका दीदियों के समूह कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, किराना दुकान, सिलाई-कढ़ाई और छोटे उद्योगों से महिलाओं की आय बढ़ा रहे हैं. हाल ही में इसके तहत जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड बनाया गया है, जो महिलाओं को बैंक की तरह सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध कराएगा.
छोटी-छोटी चीजें बड़े-बड़े बदलाव का कैसे सबब बन जाती हैं, इसको बिहार में लोगों ने देखा है. अब 2025 के चुनावों से पहले बच्चों की शिक्षा के जरिए कैसे लोगों को लुभाने की कोशिश हो रही है.
- बिहार में सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए पोशाक और साइकिल योजना के लिए बड़ी राहत दी गई है.
- इसके लिए जरूरी 75 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई.
- वहीं बिहार में महिला शिक्षकों की भागीदारी इतनी बढ़ गई है कि वो राज्य में 6 लाख से ज्यादा हैं.
- यानी कुल शिक्षकों की 44 फीसदी महिलाएं ही हैं.
- बिहार में महिलाओं की शिक्षा के स्तर में भी जबर्दस्त सुधार आया.
- साल 2000 में जहां महिला साक्षरता दर तब 34% थी, वो अब 74% है.
बिहार में चुनाव से पहले अगर नीतीश सरकार ने नए नए वादे किए हैं, तो विपक्षी दल की तरकश में भी महिलाओं के लिए लोकलुभावन वादों के तमाम तीर भरे हुए हैं.
- कांग्रेस ने बिहार चुनाव में महिलाओं को आर्थिक फायदा पहुंचाने पर जोर दिया है.
- इसके तहत हर गरीब महिला को ₹2000 मासिक सहायता देने का वादा कांग्रेस का है.
- वहीं कांग्रेस ने शिक्षा और नौकरियों में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का भी वादा किया है.
- इनके अलावा फास्ट-ट्रैक कोर्ट और महिला हेल्पलाइन को मज़बूत करने की बात करके कांग्रेस महिलाओं को लुभाने की कोशिश कर रही है.
- वहीं आरजेडी का वादा है कि वो वृद्धा पेंशन योजना के तहत 1500 प्रदान करेगी.
- साथ ही जो गैस सिलेंडर 1200 रुपये में मिलती है, उसको 500 रुपये में देगी.
- साथ ही आरजेडी ने बेटियों के लिए बड़ी योजना का ऐलान किया है, जिसका नाम है 'बेटी योजना'.
- इसके तहत B यानी बेनेफिट, E यानी एडुकेशन,T यानी ट्रेनिंग और I यानी इनकम की बात कही गई है.
- तेजस्वी का वादा है कि इस बेटी के जरिए बच्ची के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई, लिखाई और ट्रेनिंग के साथ रोजगार की व्यवस्था भी सरकार करेगी.
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