पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                पटना: 
                                        पिछले साल भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के पत्रकारों को बहुत शौक़ से ये बताते थे कि जल्द दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बिहार के विकास के मुद्दे पर बैठक होगी. नीतीश कुमार का दस महीने का इंतज़ार ख़त्म हुआ और प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी नेपाल यात्रा की शुरुआत में पटना में बैठक में भाग लेने को सहमति दे दी है. दरअसल प्रधानमंत्री दो दिवसीय नेपाल दौरे पर इस महीने की 11 तारीख़ को जा रहे हैं लेकिन उनके दौरे की शुरुआत अभी तक बिहार से सटे जनकपुर से होगी. जनकपुर का पटना से उड़ान का समय कम होने के कारण वो पटना से हेलीकॉप्टर से जाएंगे.
लेकिन इसके पूर्व बुधवार शाम को दिल्ली में नीतीश कुमार के साथ बैठक में उन्होंने सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की सहमति देते हुए आश्वासन दिया कि वो जनकपुर जाने के पूर्व पटना में बैठक में शामिल हो सकते हैं. हालांकि माना जा रहा है कि इस बैठक में आने की सहमति देकर प्रधानमंत्री मोदी अपने एक सहयोगी जनता दल यूनाइटेड को ख़ुश रखना चाहते हैं.
अभी तक नीतीश कुमार के समर्थकों को भी लग रहा है कि भाजपा के साथ डबल इंजन की सरकार बनाने का जितना दावा कर लें लेकिन सच है कि 2014 के लोकसभा चुनावों के पूर्व किए गये वादों में से अधिकांश योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है.
नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ा झटका राज्य में पिछले साल बाढ़ के समय केंद्रीय पैकेज को माना जाता है. जहां राज्य सरकार ने क्षतिपूर्ति को 6000 करोड़ से अधिक बताते हुए मदद की मांग की वहीं केंद्र ने मात्र 1700 करोड़ दिया.
VIDEO: बिहार में ना नौकरी, ना नौकरी का माहौल
                                                                        
                                    
                                लेकिन इसके पूर्व बुधवार शाम को दिल्ली में नीतीश कुमार के साथ बैठक में उन्होंने सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की सहमति देते हुए आश्वासन दिया कि वो जनकपुर जाने के पूर्व पटना में बैठक में शामिल हो सकते हैं. हालांकि माना जा रहा है कि इस बैठक में आने की सहमति देकर प्रधानमंत्री मोदी अपने एक सहयोगी जनता दल यूनाइटेड को ख़ुश रखना चाहते हैं.
अभी तक नीतीश कुमार के समर्थकों को भी लग रहा है कि भाजपा के साथ डबल इंजन की सरकार बनाने का जितना दावा कर लें लेकिन सच है कि 2014 के लोकसभा चुनावों के पूर्व किए गये वादों में से अधिकांश योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है.
नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ा झटका राज्य में पिछले साल बाढ़ के समय केंद्रीय पैकेज को माना जाता है. जहां राज्य सरकार ने क्षतिपूर्ति को 6000 करोड़ से अधिक बताते हुए मदद की मांग की वहीं केंद्र ने मात्र 1700 करोड़ दिया.
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