तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है...
- बिहार का घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा है
- बीजेपी ने नई सरकार बनाने के लिए जेडीयू को समर्थन देने का ऐलान किया
- बीजेपी नेता सुशील मोदी और नीतीश कुमार ने गवर्नर से मिले
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पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफे के बाद 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद बना महागठबंधन टूट गया. बिहार का घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा है. बीजेपी ने नई सरकार बनाने के लिए जेडीयू को समर्थन देने का ऐलान किया. बीजेपी नेता सुशील मोदी और नीतीश कुमार ने गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी से मिले. नीतीश कुमार और सुशील मोदी आज सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण करेंगे. नई सरकार के बाकी मंत्री बहुमत परीक्षण के बाद शपथ लेंगे.
वहीं, तेजस्वी यादव ने गवर्नर के फैसले पर सवाल उठाए. एक ट्वीट के जरिये उन्होंने शपथ ग्रहण का समय बदले जाने को लेकर आपत्ति जाहिर की. तेजस्वी ने लिखा, राज्यपाल महोदय रातों रात फैसला क्यों बदल रहे है? निर्धारित शाम 5 बजे की जगह सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण।हम राजभवन जा रहे है.
इससे पहले तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. सबसे बड़ा दल होने के नाते करेंगे सरकार बनाने का दावा. BJP के ख़िलाफ़ चुनकर आए जदयू विधायको का भी समर्थन मिलेगा.
बिहार में जेडीयू के 71 विधायक हैं और बीजेपी के 53, ऐसे में दोनों पार्टियां मिलकर आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लेती हैं. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है और दोनों पार्टियों के 124 विधायक हो रहे हैं.
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बिहार में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सुशील मोदी से बात की. सुशील मोदी ने अपने घर 1-पोलो रोड पर बीजेपी विधायकों की आपात बैठक बुलाई. इस बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा था कि हम राज्य में मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं हैं. हम चाहते हैं कि जो भी विधायक जीत कर आए हैं, वे पांच साल का कार्यकाल पूरा करें. अब बिहार बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय, विधानसभा में नेता विपक्ष प्रेम कुमार और सुशील मोदी पार्टी विधायकों की एक समिति गठित की गई है, जो विधायकों की राय और पार्टी की राय से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराएगी.
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दरअसल, तेजस्वी के खिलाफ लगे आरोपों को लेकर सत्तारूढ़ महागठबंधन के घटक दल जदयू और राजद के बीच काफी समय से गतिरोध चल रहा था.
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इससे पूर्व नीतीश कुमार ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को इस्तीफा सौंपने के बाद राजभवन के बाहर मीडिया से कहा कि 'बिहार में जो माहौल था उसमें महागठबंधन की सरकार चलाना मुश्किल हो गया था'. उन्होंने नई सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन लेने की बात से भी इंकार नहीं किया था.
VIDEO : नीतीश ने बिहार की जनता को धोखा दिया है : तेजस्वी यादव
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए' नीतीश की प्रशंसा करते हुए कहा था कि पूरा देश उनकी ईमानदारी का समर्थन करता है'.
वहीं, तेजस्वी यादव ने गवर्नर के फैसले पर सवाल उठाए. एक ट्वीट के जरिये उन्होंने शपथ ग्रहण का समय बदले जाने को लेकर आपत्ति जाहिर की. तेजस्वी ने लिखा, राज्यपाल महोदय रातों रात फैसला क्यों बदल रहे है? निर्धारित शाम 5 बजे की जगह सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण।हम राजभवन जा रहे है.
Governor gv us time of 11AM and now suddenly has asked NDA for oath ceremony at 10AM. Why so much hurry & rush Mr. Honest & Moral?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 26, 2017
इससे पहले तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. सबसे बड़ा दल होने के नाते करेंगे सरकार बनाने का दावा. BJP के ख़िलाफ़ चुनकर आए जदयू विधायको का भी समर्थन मिलेगा.
राज्यपाल से मिलने का माँगा समय।सबसे बड़ा दल होने के नाते करेंगे सरकार बनाने का दावा।BJP के ख़िलाफ़ चुनकर आए जदयू विधायको का भी मिलेगा समर्थन
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 26, 2017
बिहार में जेडीयू के 71 विधायक हैं और बीजेपी के 53, ऐसे में दोनों पार्टियां मिलकर आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लेती हैं. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है और दोनों पार्टियों के 124 विधायक हो रहे हैं.
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बिहार में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सुशील मोदी से बात की. सुशील मोदी ने अपने घर 1-पोलो रोड पर बीजेपी विधायकों की आपात बैठक बुलाई. इस बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा था कि हम राज्य में मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं हैं. हम चाहते हैं कि जो भी विधायक जीत कर आए हैं, वे पांच साल का कार्यकाल पूरा करें. अब बिहार बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय, विधानसभा में नेता विपक्ष प्रेम कुमार और सुशील मोदी पार्टी विधायकों की एक समिति गठित की गई है, जो विधायकों की राय और पार्टी की राय से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराएगी.
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वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए' नीतीश की प्रशंसा करते हुए कहा था कि पूरा देश उनकी ईमानदारी का समर्थन करता है'.
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