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तेजस्वी यादव को विरासत में मिली राजनीति, राजद में परिवारवाद का बोलबाला : उपेंद्र कुशवाहा

Bihar By Election 2024: बिहार में उपचुनाव के कारण माहौल पूरी तरह राजनीतिक हो चला है. चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव में राजद और भाजपा का गठबंधन आमने-सामने है....

तेजस्वी यादव को विरासत में मिली राजनीति, राजद में परिवारवाद का बोलबाला : उपेंद्र कुशवाहा
दीपा मांझी के पक्ष में प्रचार करने उपेंद्र कुशवाहा गया पहुंचे.

Bihar By Election 2024: बिहार के गया के बांकेबाजार प्रखंड के खपरौंद गांव में एनडीए पार्टी कार्यालय का राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने शनिवार को उद्घाटन किया. इस मौके पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन और एनडीए गठबंधन के तमाम नेता तथा कार्यकर्ता मौजूद रहे.

इमामगंज विधानसभा सीट से एनडीए प्रत्याशी दीपा मांझी को जिताने की अपील करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, "हम मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं. बिहार में हम चारों विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करेंगे. एनडीए मजबूत स्थिति में है और चारों सीटों पर चुनाव जीत रही है."

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की उम्मीदवार दीपा मांझी इमामगंज सुरक्षित सीट पर उपचुनाव लड़ रही हैं. उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के बाद जीतन राम मांझी पर वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं.

वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राजद अब परिवार की पार्टी बनकर रह गई है. तेजस्वी यादव परिवारवाद से निकले हुए नेता हैं. परिवारवाद मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) "पहले से नंगा" है. तेजस्वी यादव को विरासत में राजनीति मिली है. अपने पिता के दम पर वह अपने राजनीतिक जीवन को आगे बढ़ा रहे हैं. राजद में कार्यकर्ताओं की योग्यता के आधार पर नहीं, केवल परिवार के लोगों को आगे बढ़ाया जाता है. वहीं, जीतनराम मांझी के परिवार में सब लोग योग्य, शिक्षित और जनसेवा में सक्रिय हैं.

जीतन राम मांझी ने परिवारवाद के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि दीपा एक प्रतिबद्ध और मेहनती महिला हैं और पारिवारिक संबंधों से परे उनकी योग्यता के आधार पर टिकट दिया गया है. वह राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हैं. पहले वह जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं और जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव महज दो वोटों से हार गई थीं. उस समय उनकी शादी नहीं हुई थी. वह पहले एक समर्पित कार्यकर्ता हैं और उसके बाद उनकी पुत्रवधू हैं. उपचुनाव में दीपा मांझी की जीत तय है.

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