विपक्ष के नेता राबड़ी देवी के नेतृत्व में सदन के वेल में धरने पर बैठ गए.
पटना:
बिहार विधान परिषद में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. इस हंगामे का कारण सदन के सभापति का वह आदेश था, जिसके तहत उन्होंने हंगामा करने की वजह से विधान परिषद के पांच सदस्यों को बाक़ी के दो दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया था. निलंबित सदस्यों में राजद के सुबोध कुमार, राधा चरण साह, ख़ुर्शीद मोहसीन, दिलीप राय और कमरे आलम थे. लेकिन इस आदेश के विरोध में विपक्ष के नेता राबड़ी देवी के नेतृत्व में सदन के वेल में धरने पर बैठ गए.
...तो अब इस तरह से बिहार में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी की मुश्किलें बढ़ीं
इस धरने में कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य भी शामिल थे. लेकिन सदन की कार्रवाई जैसे ही अगले दिन के लिए स्थगित हुई उसके बाद सभी विरोधी दलों के सदस्य विधान परिषद के प्रवेश द्वार पर धरने पर बैठ गए. हालांकि विधान परिषद के सभापति ने जब निलंबन की कार्रवाई वापस लेने का आश्वासन दिया तब जाकर ये धरना खत्म हुआ.
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इससे पहले विधान परिषद में राजद के सदस्यों ने सदन में मीडिया में आई उस रिपोर्ट के आधार पर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया था कि उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की मिलीभगत से आईआरसीटीसी मामले में राजद अध्यक्ष लालू यादव और उनके परिवार वालों के ख़िलाफ़ कारवाई हुई. लेकिन इस प्रस्ताव को सभापति ने नामंज़ूर कर दिया. हालांकि उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक बयान में कहा कि शीतकालीन सत्र का क़ीमती समय केवल एक सजायाफ्ता व्यक्ति को बचाने की कोशिश में बर्बाद किया.
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इस धरने में कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य भी शामिल थे. लेकिन सदन की कार्रवाई जैसे ही अगले दिन के लिए स्थगित हुई उसके बाद सभी विरोधी दलों के सदस्य विधान परिषद के प्रवेश द्वार पर धरने पर बैठ गए. हालांकि विधान परिषद के सभापति ने जब निलंबन की कार्रवाई वापस लेने का आश्वासन दिया तब जाकर ये धरना खत्म हुआ.
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