बिहार (Bihar) के नवादा जिले के कृष्णा नगर में दलितों के घर जलाए जाने की घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी नंदू पासवान की ही भूमिका नहीं है. इसमें कई ऐसे चेहरे हैं, जिनका नाम सामने नहीं आया है. मांझी ने आज पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उसके बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. इस दौरान मांझी राजद पर भी जमकर बरसे.
मांझी ने कहा कि दलितों के साथ घटित 10 में से 7 घटनाओं में राजद का हाथ होता है. उन्होंने कहा कि जिस इलाके में यह घटना हुई है, वह सिर्फ नंदू पासवान के जरिए संभव नहीं है. इसमें राजद का सीधा हाथ है.
पीड़ित परिवारों को आवास उपलब्ध कराने की मांग
जीतन राम मांझी ने दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को आवास उपलब्ध कराए जाने की मांग की है. मांझी ने प्रशासन पर तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यहां लोग लंबे समय से वास कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन दो तीन साल बता रहा है.
उन्होंने कहा कि एलआरडीसी के न्यायालय से आदेश भी है. कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है. उन्होंने पीड़ितों को उसी स्थान पर आवास उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.
कृष्णा नगर में 34 घरों में लगा दी गई थी आग
बता दें कि बिहार के नवादा जिले के कृष्णा नगर में बुधवार को शाम को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के 34 घरों में आग लगा दी गई थी. इस घटना में पुलिस ने मुख्य आरोपी नंदू पासवान सहित कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस सिलसिले में 15 गिरफ्तार आरोपियों सहित 28 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. साथ ही पुलिस ने गिरफ्तार लोगों के कब्जे से तीन तमंचे, कई कारतूस और छह मोटरसाइकिल बरामद की है.
वहीं राज्य सरकार ने शुक्रवार को मुफस्सिल थाने के प्रभारी को ‘खुफिया जानकारी जुटाने' में कथित विफलता के लिए लाइन हाजिर कर दिया. साथ ही जांच में प्रथम दृष्टया पुलिस ने इस आगजनी की वजह जमीन विवाद बताया था.
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