
लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार.
खास बातें
- तेजस्वी यादव पर मुकदमा दर्ज होने के बाद बढ़ी दोनों दलों में दूरियां
- नीतीश कुमार अड़े हैं तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर: सूत्र
- राजद-जदयू नेताओं के बीच जारी है जुबानी जंग
पिछले एक महीने से बिहार में सत्ताधारी राजद-जदयू नेताओं के बीच जारी जुबानी जंग थमती दिख रही है. आलम यह हो गया है कि दोनों दलों के नेताओं ने विवाद को सुलझाने की कोशिश में जुट गए हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य की गठबंधन सरकार में सहयोगी लालू प्रसाद से मिल-बैठ कर गठबंधन विवाद को सुलझाने का अनुरोध किया है. हालांकि जनता दल (युनाइटेड) ने रविवार को कहा कि 'सबकुछ ठीक है'. जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "गठबंधन सरकारों में तनाव और दबाव नजर आ सकता है, लेकिन महागठबंधन में सबकुछ ठीक है." जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि काबिल नेतृत्व इस तरह के विवादों को निपटाने में सक्षम होता है.
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बिहार के उप-मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किए जाने के बाद से महागठबंधन में दरारें दिखाई पड़ने लगी हैं.
राजद के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा ने कहा, "लालू और नीतीश कुमार को मिल-बैठ कर, बातचीत के जरिए इस संकट का समाधान निकालना चाहिए."
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राजद के ही एक अन्य नेता पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने वहीं नीतीश से इस संकट को खत्म करने की अपील की.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महागठबंधन को तोड़ने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा, "मैं नीतीश कुमार से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि इस संकट को खत्म करें और महागठबंधन को टूटने से बचाएं."
सूत्रों के अनुसार, अब राजद और जद (यू) के नेता एकदूसरे पर निशाना साधने की बजाय भाजपा पर हमले करेंगी.
जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर पार्टी विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संबोधित करने के दौरान तेजस्वी मामले में एक शब्द नहीं कहा.
वहीं लालू ने भी रविवार को अपने सरकारी आवास पर पार्टी विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. हालांकि इस दौरान उन्होंने भी गठबंधन विवाद को लेकर कुछ नहीं कहा.
इनपुट: IANS