विज्ञापन
This Article is From May 20, 2022

लालू यादव के घर छापेमारी, आरजेडी ने कार्रवाई को राजनीतिक बदलाव से जोड़ा

लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के केस में जमानत मिलने के बाद भ्रष्टाचार के ताजा मामले का सामना करना पड़ा है. इसमें उन पर 2004-2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान भर्तियों में कथित अनियमितताओं का आरोप लगा है.  

लालू यादव के घर छापेमारी, आरजेडी ने कार्रवाई को राजनीतिक बदलाव से जोड़ा
लालू यादव के घर शुक्रवार को सीबीआई ने छापेमारी की (फाइल)
पटना:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आवास पर सीबीआई की छापेमारी को भले ही कथित भर्ती घोटाले से जोड़कर देखा जा रहा हो, लेकिन उनकी पार्टी राजद ने इसमें अलग कनेक्शन का संकेत दिया है. छापेमारी की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाते हुए आरजेडी के अंदर के लोगों ने दावा किया है कि यह जातिगत जनगणना से जुड़ा है, क्योंकि इस मामले ने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को असहज कर दिया है. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती नजदीकियों को लेकर भी बीजेपी परेशान है. पिछली बार जब ये दोनों दल साथ आए थे तो बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी को हरा दिया था. हालांकि चुनाव के बाद यादव परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोपों को चलते उन्होंने वर्ष 2017 में पार्टी से नाता तोड़ लिया था.

हालांकि वर्ष 2020 के चुनाव में जब नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड गठबंधन में जूनियर पार्टनर बनी है, तब से मुख्यमंत्री कथित तौर पर बीजेपी के साथ रिश्तों को लेकर खुश नहीं है. जातिगत जनगणना के मुद्दे पर उनका रुख बीजेपी की जगह आरजेडी से ज्यादा मेल खाता है. इन दोनों स्थानीय दलों के वोटरों में इसको लेकर काफी समर्थन है. सीबीआई अफसरों को लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पर उनके वकीलों के लिए डेढ़ घंटे का इंतजार करना पड़ा, तब उन्हें आक्रोशित आरजेडी कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी,जो इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बता रहे थे.

आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, हम आश्चर्यचकित नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 16 जगहों पर छापेमारी को जातिगत जनगणना पर तेजस्वी यादव के साथ पार्टी के साथ एकरूपता से संबंध होने की बात खारिज कर दी. बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, इस छापेमारी को जातिगतण जनगणना से जोड़ना गलत है. यह केस इसकी अपनी मेरिट से जुड़ा हुआ है. 

लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के केस में जमानत मिलने के बाद भ्रष्टाचार के ताजा मामले का सामना करना पड़ा है. इसमें उन पर 2004-2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान भर्तियों में कथित अनियमितताओं का आरोप लगा है.सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लालू यादव और उनके परिवार को रेलवे में नौकरी दिलवाने के बदले जमीन और संपत्तियां मिली थीं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com