- सड़कों पर पानी भरने से पटना की जनता परेशान
- JDU और BJP के नेता एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
- एक दूसरे को विलेन घोषित करने के नेता नहीं गंवा रहे कोई मौका
इस बात में कोई संदेह नहीं कि बिहार की राजधानी पटना अगर पिछले 7 दिन से जल जमाव से परेशान और तबाह है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत सभी लोग जिम्मेदार हैं. लेकिन दोनो दलों के नेताओं के बीच अब बयानों के माध्यम से जो हो रहा है, उससे तो लगता है कि जनता के बीच एक दूसरे को विलेन घोषित करने के लिए ये कोई मौका नहीं गंवाना चाहते. सबसे पहले जल जमाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराने का सिलसिला भाजपा की तरफ से शुरू हुआ और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसकी शुरुआत की. उन्होंने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए अपने नाटकीय अन्दाज में माफी मांगी. उसके बाद उनके समर्थन में आये भाजपा के नव नियुक्त अध्यक्ष संजय जायसवाल.
पटना में फिर दो दिनों के लिए आ सकता है बारिश का दौर, मौसम विभाग ने कहा घबराने की जरूरत नहीं
संजय का एक पुराना घर पटना के राजेंद्र नगर इलाके में भी है और उन्होंने भी राज्य सरकार को जल जमाव के लिए आत्ममंथन करने की सलाह दी. हद तो तब हो गयी जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुंबई भी डूबता है तब कोई क्यों नहीं बोलता है, इस पर भाजपा के एक नव नियुक्त प्रवक्ता निखिल आनंद ने उनकी बातों को काटते हुए कहा कि वहां से पानी भी जल्द निकल जाता है.
भाजपा नेताओं के बयान से साफ था कि वो पूरे जल जमाव का ठीकरा नीतीश कुमार पर फोड़ना चाहते थे. उन्हें मालूम है कि नगर विकास विभाग में भाजपा के मंत्री रहने के बावजूद, नगर निगम अपने कब्जे में होने के बावजूद और नगर के सारे विधायक भाजपा के हैं इसके बाद बचाव में कुछ बचता नहीं.
इसलिए नीतीश को घेरो के अलावा भाजपा के पास अपने बचाव में कोई हथियार नहीं बचा था. जनता दल यूनाइटेड को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का वो बयान भी नागवार गुजरा जब उन्होंने जलजमाव के संदर्भ में पटना के अखबारों में खबर छपवायी कि उनकी पहल के बाद अब फरक्का बराज के 119 गेट खोल दिए गये हैं. जबकि वहां मात्र 109 गेट हैं.
इसलिए जनता दल यूनाइटेड को खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात का अंदाजा हो गया कि भाजपा के मंत्रियों ने नगर विकास का पूरा कचरा कर दिया है क्योंकि पानी निकासी के संदर्भ में जब भी वो कुछ समीक्षा करते तो एक से अधिक खामी सामने आती. यहां तक कि पंप हाउस का रख रखाव भी ठीक नहीं था. इसलिए इन्होंने मंगलवार दो बयान दिये कि एक बार जल जमाव कम हो जाये तो विभाग की एक एक चीज की समीक्षा वो खुद करेंगे और दूसरा जो उन्हें डुबाने की कोशिश कर रहे हैं वो कामयाब नहीं होंगे और उनका विश्वास काम में हैं और जो काम नहीं करते वो केवल प्रचार करते हैं. उसी के दो घंटे के अंदर भाजपा सांसद रामकृपाल यादव फोटो खिंचाने के चक्कर में पानी में डूबने से बचे.
आखिरकार दिखे तेजस्वी यादव, लेकिन अपने जीजाजी के साथ रेवाड़ी में
लेकिन नीतीश के बयान के बाद जनता दल नेताओं खासकर रणवीर नंदन ने पूछा कि आखिर ये विभाग और नगर निगम और शहर का रखरखाव किसके जिम्मे था? उन्होंने साफ कहा कि जिम्मेदारी भाजपा के मंत्री , भाजपा के विधायक और भाजपा के मेअर की थी लेकिन ये जान बूझ कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. इस बयान से साफ था कि जनता दल यूनाइटेड नीतीश को घेरने और उन्हें कटघरे में खड़ा करने की कोशिश के बारे में भाजपा की रणनीति के बारे में परिचित है और वो उसका जवाब देना भी जानती है. जनता दल यूनाइटेड का अपना आकलन है कि जैसे-जैसे पानी कम होगा भाजपा की नाकामी की कहानी की परत दर परत खुलेगी और भाजपा को डर है कि नीतीश कुमार एक बार विभाग में सक्रिय हो गये तो उनकी हैसियत एक मूक दर्शक के अलावा कुछ नहीं रहेगी.
VIDEO : नीतीश को करना पड़ा विरोध का सामना
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं