जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर. (फाइल तस्वीर)
- भाजपा का प्रशांत किशोर पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप
- प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे भाजपा MLA
- तेजस्वी यादव ने साधा सीएम नीतीश कुमार पर निशाना
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पटना:
पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव (Patna University Election) का मामला दिनों-दिन गरमाता जा रहा है. जहां भारतीय जनता पार्टी जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया है. वहीं सोमवार को प्रशांत किशोर की गाड़ी पर पत्थरबाजी कर दी गई. अब मंगलवार को पटना के पीरबहोर थाने की सीढ़ियों पर भाजपा विधायक प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की मांग के साथ धरने पर बैठ गए हैं. धरने पर विधायक अरुण सिन्हा, नितिन नवीन और संजीव चौरसिया बैठे हैं. इनकी मांग है कि प्रशांत किशोर पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए.
इस पर नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने ट्वीट करके कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश जी की प्रशासनिक असफलता और तानाशाही के खिलाफ भाजपा विधायक पटना में धरने पर बैठे हैं. अगर महागठबंधन में रहते हुए राजद विधायक ऐसा कर देते तो श्रीश्री नैतिकतावादी चाचा जी की अंतरात्मा जागकर अब तक राजभवन में पहुंच चुकी होती. कुछ बोलिए चाचा जी? काहे चुप्पी खींचे है?'
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बता दें, पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव भाजपा और बिहार में उसके सहयोगी दल नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड में तकरार की वजह बना गया है. जहां जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भाजपा के निशाने पर आ गए हैं. हालांकि, भाजपा ने सीधे तौर पर उनका नाम नहीं लिया है, लेकिन एक प्रेस नोट जारी करके कहा है, पुलिस, प्रशासन और 'कुछ इवेंट मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स' चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. प्रेस नोट में जहां इवेंट प्रोफेशनल्स की बात की जा रही है, उसे जदयू नेताओं की तरफ ईशारे के रूप में देखा जा रहा है.
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दरअसल हालही में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जदयू के छात्र विंग के कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई थी. इसके बाद जदयू की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई गई. पुलिस ने एबीवीपी के स्थानीय दफ्तर पर छापेमारी की थी. इसके बाद भाजपा राज्य नेतृत्व ने इस कार्रवाई का जवाब देने के लिए विधान पार्षद डॉ. संजय पासवान और विधायक अरुण सिन्हा, नितिन नवीन एवं संजीव चौरसिया को उतारा है, जिन्होंने संयुक्त प्रेस नोट जारी करके पुलिस और प्रशासन पर निशाना साधा.
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इस पर नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने ट्वीट करके कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश जी की प्रशासनिक असफलता और तानाशाही के खिलाफ भाजपा विधायक पटना में धरने पर बैठे हैं. अगर महागठबंधन में रहते हुए राजद विधायक ऐसा कर देते तो श्रीश्री नैतिकतावादी चाचा जी की अंतरात्मा जागकर अब तक राजभवन में पहुंच चुकी होती. कुछ बोलिए चाचा जी? काहे चुप्पी खींचे है?'
इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है, 'सांस-सांस में नीतीश भक्ति में लीन अफवाह मियां सुशील मोदी की भाजपा के विधायक उनके आका नीतीश कुमार की घोर प्रशासनिक विफलता के विरुद्ध धरने पर बैठे हैं लेकिन उपमुख्यमंत्री हैं कि अपने पार्टी विधायकों की बजाय नैतिक पुरुष की भक्ति को तवज्जों दे रहे हैं. बहुते ही बढ़िया... खुलासा मास्टर जी.'मुख्यमंत्री नीतीश जी की प्रशासनिक असफलता और तानाशाही के ख़िलाफ़ बीजेपी विधायक पटना में धरने पर बैठे है। अगर महागठबंधन मे रहते हुए राजद विधायक ऐसा कर देते तो श्री श्री नैतिकतावादी चाचा जी की अंतरात्मा जागकर अबतक राजभवन में पहुँच चुकी होती।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 4, 2018
कुछ बोलिए चाचा जी? काहे चुप्पी खींचे है?
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साँस-साँस में नीतीश भक्ति में लीन अफ़वाह मियाँ सुशील मोदी की BJP के विधायक उनके आका नीतीश कुमार की घोर प्रशासनिक विफलता के विरुद्ध धरने पर बैठे है लेकिन उपमुख्यमंत्री है कि अपने पार्टी विधायकों की बजाय नैतिक पुरुष की भक्ति को तवज्जों दे रहे है। बहुते ही बढ़िया..ख़ुलासा मास्टर जी
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 4, 2018
बता दें, पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव भाजपा और बिहार में उसके सहयोगी दल नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड में तकरार की वजह बना गया है. जहां जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भाजपा के निशाने पर आ गए हैं. हालांकि, भाजपा ने सीधे तौर पर उनका नाम नहीं लिया है, लेकिन एक प्रेस नोट जारी करके कहा है, पुलिस, प्रशासन और 'कुछ इवेंट मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स' चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. प्रेस नोट में जहां इवेंट प्रोफेशनल्स की बात की जा रही है, उसे जदयू नेताओं की तरफ ईशारे के रूप में देखा जा रहा है.
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दरअसल हालही में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जदयू के छात्र विंग के कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई थी. इसके बाद जदयू की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई गई. पुलिस ने एबीवीपी के स्थानीय दफ्तर पर छापेमारी की थी. इसके बाद भाजपा राज्य नेतृत्व ने इस कार्रवाई का जवाब देने के लिए विधान पार्षद डॉ. संजय पासवान और विधायक अरुण सिन्हा, नितिन नवीन एवं संजीव चौरसिया को उतारा है, जिन्होंने संयुक्त प्रेस नोट जारी करके पुलिस और प्रशासन पर निशाना साधा.
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