
- पटना मेट्रो का अंतिम ट्रायल रन 29 सितंबर को होगा और सफल होने पर अक्टूबर में सेवा शुरू हो सकती है
- मेट्रो सुबह आठ से रात दस बजे तक चलेगी तथा हर स्टेशन पर हर बीस मिनट में ट्रेन मिलेगी
- किराया न्यू आईएसबीटी से जीरो माइल तक पंद्रह रुपये तथा न्यू आईएसबीटी से भूतनाथ रोड तक तीस रुपये तय किया गया है
पटनावासियों के लिए लंबे इंतजार के बाद मेट्रो सेवा का सपना हकीकत बनने जा रहा है. सोमवार (29 सितंबर) को राजधानी में पटना मेट्रो का अंतिम ट्रायल रन होगा. सफल ट्रायल के बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में कुछ चुनिंदा स्टेशनों से मेट्रो सेवा की शुरुआत हो सकती है. यह बिहार की राजधानी के लिए ऐतिहासिक पल होगा क्योंकि इससे पटना को देश के अन्य बड़े महानगरों की तर्ज पर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली मिलने जा रही है.
सुबह 8 से रात 10 बजे तक चलेगी मेट्रो
पटना मेट्रो की ट्रेनों का संचालन सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक, यानी कुल 14 घंटे किया जाएगा. यात्रियों की सुविधा के लिए प्रत्येक स्टेशन पर हर 20 मिनट के अंतराल पर मेट्रो उपलब्ध होगी. एक दिन में ट्रेनें औसतन 40 से 42 चक्कर लगाएंगी. इससे कार्यालय आने-जाने वालों, विद्यार्थियों और आम यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी.

कितना होगा किराया?
- यात्रियों के लिए किराया बेहद किफायती रखा गया है.
- न्यू आईएसबीटी से जीरो माइल तक सफर का किराया 15 रुपये में होगा.
- वहीं न्यू आईएसबीटी से भूतनाथ रोड के बीच किराया 30 रुपये तय किया गया है.
एक ट्रेन में 147 यात्री बैठकर और 945 यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकेंगे. यानी एक साथ करीब 1,100 से अधिक यात्री सफर कर पाएंगे. महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए 12 सीटें आरक्षित होंगी. कोच में यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग प्वॉइंट भी दिए गए हैं.

- रेड और ब्लू लाइन पर 24 स्टेशन
- पटना मेट्रो प्रोजेक्ट को दो कॉरिडोर में बांटा गया है
- रेड लाइन (16.86 किमी)
- ब्लू लाइन (14.56 किमी)
दोनों कॉरिडोर पर कुल 24 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. शुरुआती चरण में चुनिंदा स्टेशनों पर सेवाएं शुरू होंगी, जिन्हें आगे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा.

14 हजार करोड़ की है परियोजना
पटना मेट्रो परियोजना की लागत करीब 14,000 करोड़ रुपये है. इसमें राज्य और केंद्र सरकार 20-20 प्रतिशत खर्च वहन कर रही हैं. बाकी राशि जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) से लंबे समय के कर्ज के रूप में प्राप्त हुई है. इस वित्तीय सहयोग से न केवल परियोजना को विश्वस्तरीय तकनीकी सहायता मिली है बल्कि संचालन को भी मजबूती मिलेगी.
सीएम नीतीश का है ड्रीम प्रोजेक्ट
पटना मेट्रो बिहार सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से इसके लिए प्रयासरत रहे हैं. परियोजना का क्रियान्वयन होते ही पटना के ट्रैफिक दबाव में बड़ी राहत मिलेगी. शहर के हजारों यात्रियों को रोजमर्रा के सफर में तेज, सुरक्षित और आरामदायक विकल्प मिलेगा.
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