
पहलगाम में हुए आतंकी के बाद से ही आतंकियों को ढेर करने के लिए सेना का ऑपरेशन जारी है. केंद्र सरकार और खुद पीएम मोदी इस ऑपरेशन की हर पल की जानकारी ले रहे हैं. इन सब के बीच बिहार के रोहतास जिले के गांव में इस हमले के बाद से मातम पसरा हुआ है. इस हमले में अरुही गांव के रहने वाले मनीष रंजन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई है.मनीष की हत्या की खबर गांव पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया. घर पर उनके चाचा-चाची रह रहे हैं. मनीष रंजन फिलहाल हैदराबाद में पोस्टेड थे और उनके पिता मंगलेश मिश्रा पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिला के झालदा में एक हाई स्कूल के शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए है.
जैसे ही मनीष रंजन की हत्या की खबर मिली,परिजन हताश हो गए. घर में मातम छाया गया.वह तीन भाइयों में सबसे बड़े थे.उनके दो छोटे भाई भी सरकारी सेवा में ही अधिकारी हैं. मनीष रंजन की शादी 2010 में इलाहाबाद में हुई थी. पिछले महीने वह घर के अन्य सदस्यों को भी साथ लेकर पहलगाम घूमने जाने के लिए बोले थे. लेकिन चाचा आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. जिस कारण वह सभी लोग नहीं जा पाए. और मनीष अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ पहलगाम छुट्टी बिताने गए थे.
आतंकी हमले में पश्चिम बंगाल के आईटी प्रोफेशनल की मौत
वहीं, पश्चिम बंगाल के 40 साल के आईटी प्रोफेशनल की भी इस आतंकी हमले में जान चली गई. बंगाल के मंत्री अरूप बिस्वास ने मृतक आईटी पेशेवर बितान अधिकारी के परिवार से मुलाकात की और उन्हें शव वापस लाने में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अधिकारी की पत्नी से फोन पर बात की और कहा कि उनकी सरकार शव को उनके कोलकाता स्थित घर वापस लाने के लिए कदम उठा रही है.
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