प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा पर नीतीश कुमार ने कहा- सबकी अपनी इच्छा...

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जयप्रकाश नारायण के गांव सिताबदियारा की प्रस्तावित यात्रा पर नीतीश कुमार ने कहा, वहां जाने का अधिकार सभी को

प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा पर नीतीश कुमार ने कहा- सबकी अपनी इच्छा...

नीतीश कुमार ने कहा कि जेपी के गांव में जाने का सबको अधिकार है.

पटना:

चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने आज गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) पर बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के गांधी आश्रम से अपनी 3500 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की. यह पदयात्रा बिहार (Bihar) के कई इलाकों से गुजरेगी. प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा (Jan Suraj Padyatra) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि, सबकी अपनी इच्छा है, उससे कोई मतलब नहीं. 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जयप्रकाश नारायण (जेपी) की जयंती पर 11 अक्टूबर को उनके गांव सिताबदियारा के प्रस्तावित दौरे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, सबको कहीं जाने का अधिकार है. जो आना चाहता है, क्या कीजिएगा. लेकिन जो जेपी की जगह है उसको हम लोगों ने कैसा बढ़िया बनवाया, जाकर देखिए. हम लोग तो जेपी को सम्मान दे ही रहे हैं.

गांधी जयंती पर प्रशांत किशोर ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अपनी 3500 किलोमीटर की जन सुराज पदयात्रा  का आगाज किया. प्रशांत किशोर ने अपने जन सुराज अभियान के तहत महात्मा गांधी की जयंती  पर पश्चिम चंपारण जिले से बिहार में 3500 किलोमीटर की ‘‘पदयात्रा'' शुरू की. प्रशांत किशोर की यह यात्रा 12 से 18 महीनों तक चलेगी. इसके बाद उनके व्यापक रूप से राजनीति के क्षेत्र में नए सिरे से कदम रखने की संभावना व्यक्त की जा रही है. हालांकि प्रशांत किशोर ने अक्सर इस बात पर जोर दिया है कि ऐसा कोई भी निर्णय केवल वे लोग ही ले सकते हैं जो खुद को उनके साथ अभियान में जोड़ते हैं.

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर साल 2018 में जनता दल यूनाईटेड (JDU) में शामिल हुए थे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सार्वजनिक आलोचना करने पर 2020 में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. खासकर जब नीतीश कुमार ने संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन किया था तब प्रशांत किशोर ने उनकी आलोचना की थी. 

एक बयान में कहा गया है कि प्रशांत किशोर यात्रा के दौरान हर पंचायत और प्रखंड तक पहुंचने का प्रयास करेंगे और बिना कोई अवकाश लिए इसके अंत तक इसका हिस्सा बने रहेंगे. 

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प्रशांत किशोर ने अपनी यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण के भितिहारवा में गांधी आश्रम से की. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1917 में अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन यहीं से शुरू किया था. बयान में कहा गया है कि यात्रा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं जिसमें जमीनी स्तर पर सही लोगों की पहचान करना और उन्हें एक लोकतांत्रिक मंच पर लाना शामिल है. यह यात्रा शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के विचारों को शामिल करके राज्य के लिए एक विजन दस्तावेज बनाने का भी काम करेगी.