
- नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का फैसला किया था, जिससे युवाओं में विरोध शुरू हुआ
- सरकार ने बाद में सोशल मीडिया पर बैन का फैसला वापस ले लिया, लेकिन Gen Z का प्रदर्शन जारी है
- Gen Z छात्रों के अनुसार सोशल मीडिया मनोरंजन के साथ-साथ आय का भी महत्वपूर्ण जरिया है
नेपाल की सरकार ने 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन का फैसला लिया था, जिसके बाद से वहां के युवाओं ने एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया. हालांकि, बाद में सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया लेकिन Gen Z का प्रदर्शन अभी भी जारी है. इस बारे में एनडीटीवी के रिपोर्टर ने पटना में सेंट जेवियर्स कॉलेज के जेन जी स्टूडेंट्स से बात की और बच्चों ने बोला कि नेपाल सरकार ने बहुत ही गलत फैसला लिया था.
Gen Z छात्रों ने बताया कि सोशल मीडिया सिर्फ मनोरजन का साधन नहीं है, बल्कि कई लोगों के लिए कमाई का जरिया भी है. स्टूडेंट्स ने बताया कि यह सिर्फ रील्स और मीम्स शेयर करने का जरिया नहीं बल्कि पढ़ाई और इनफार्मेशन का भी साधन है.
स्टंडेंट्स ने कहा कि सरकार ने अपने करप्शन को छुपाने के लिए इस तरह का फैला लिया है, जो कि बिल्कुल सेंसरशिप की तरह है. आज के डिजिटल एरा में सरकार द्वारा ऐसा फैला लेना कहीं न कहीं अभिवयक्ति की आजादी पर सीधा हमला है.
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