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CM नीतीश के गृह जिले के स्कूल में बच्चों पर गिरी छत, अस्पताल गए तो बेड तक नहीं मिला

Nalanda News: सीएम नीतीश कुमार के गृह ज़िले के स्कूल की छत वहां पढ़ाई कर रहे बच्चों पर गिर पड़ी. इस हादसे में कई बच्चे बुरी तरह घायल हुए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि मरम्मत के लिए हर साल 50 हजार रुपये स्कूल को मिलते हैं, लेकिन ये पैसा गबन कर लिया जाता है. इसी वजह से स्कूल खस्ताहाल में है.

CM नीतीश के गृह जिले के स्कूल में बच्चों पर गिरी छत, अस्पताल गए तो बेड तक नहीं मिला
नालंदा में स्कूल छत का प्लास्टर गिरने से हादसा.
  • नालंदा जिले के ईसापुर गांव के प्राथमिक विद्यालय की जर्जर छत गिरने से छह बच्चे घायल हो गए.
  • स्कूल की बिल्डिंग लंबे समय से खराब हालत में है. ग्रामीणों के मुताबिक, मरम्मत के पैसों का गबन कर लिया गया.
  • स्कूल प्रशासन ने जर्जर स्थिति की सूचना अधिकारियों को दी थी, लेकिन मरम्मत की कार्रवाई नहीं हुई.
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नालंदा:

बिहार के नालंदा से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक स्कूल की छत पढ़ाई कर रहे बच्चों पर गिर पड़ी. इस हादसे में 6 बच्चे बुरी तरह घायल हो गए. ग्रामीण इस घटना से बहुत गुस्से में हैं. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोग बच्चों की मौत का इंतजार कर रहे हैं. स्कूल की बिल्डिंग सालों से जर्जर है. यही वजह है कि यहां पर ज्यादा बच्चे दाखिला नहीं लेते हैं. इस स्कूल में कुल 64 बच्चों का ही दाखिला है, जिनमें नालंदा के सिर्फ 5 बच्चे ही हैं.

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स्कूल की जर्जर छत बच्चों पर गिरी

स्कूल में ये हादसा नालंदा के गिरियक नगर पंचायत के ईसापुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में हुआ. यहां एक कमरे की जर्जर छत का प्लास्टर बुधवार को भरभराकर गिर गया, जिससे आधा दर्जन बच्चे जख्मी हो गए. जिस कमरे में प्लास्टर गिरा वहां बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. सभी जख्मी बच्चे नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के बरनामा गांव के रहने वाले हैं.

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यह स्कूल नालंदा जिले में है. उसकी जर्जर हालत के कारण ही नालंदा के लोग बच्चों को वहां पढ़ाई करने नहीं भेजते हैं. जख्मी बच्चे, प्रथम, द्वितीय, तृतीय और पांचवीं कक्षा के हैं. उनको इलाज के लिए विम्स पावापुरी में भर्ती कराया गया है. एक बच्चे की नाजुक हालत देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे पटना रेफर कर दिया गया है.

स्कूल प्रशासन पर घोटाले का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि मरम्मत के लिए हर साल 50 हजार रुपये स्कूल को मिलते हैं, लेकिन ये पैसा गबन कर लिया जाता है. इसी वजह से स्कूल खस्ताहाल में है. स्कूल में एचएम समेत 4 शिक्षक तैनात हैं.

कौन-कौन हुआ जख्मी

स्कूल में हुए इस हादसे में द्वितीय कक्षा का सत्या कुमार, आयूषी कुमारी, चौथी कक्षा की सुहानी कुमारी, अंकुश कुमार, प्रथम कक्षा का अनमोल कुमार और 5वीं कक्षा का विक्की घायल हुए हैं.

जर्जर भवन की शिकायत पर नहीं हुआ एक्शन

एचएम जितेंद्र कुमार ने बताया कि दिन के 1 बजे के करीब यह घटना हुई. कमरे की छत का प्लास्टर भरभराकर गिर गया. जिससे 6 बच्चे जख्मी हो गए. बच्चों को इलाज के लिए विम्स ले जाया गया, जहां से जख्मी छात्र सत्या कुमार को पटना रेफर कर दिया गया. जर्जर भवन की सूचना उन्होंने वरीय अधिकारियों को दी थी. किसी ने शिकायत पर संजीदगी नहीं दिखाई. स्कूल गिरियक प्रखंड कार्यालय से 3 किलोमीटर पीछे है, जिसमें बीईओ का कार्यालय भी है.

ग्रामीणों ने कहा- मौत का इंतेजार कर रहा विभाग

ईसापुर निवासी मिथलेश कुमार, जयकरण कुमार, जितेंद्र कुमार, राकेश कुमार समेत अन्य ने बताया कि सात सालों से स्कूल भवन जर्जर हालत में है. मरम्मत के नाम पर हर साल 50 हजार रुपया स्कूल को मिलता है. रकम का गबन कर लिया जाता है. में बच्चों की मौत के बाद प्रशासन चेतेगा. यही कारण है कि नालंदा जिला के लोग उक्त स्कूल में बच्चों का नामांकन कराने से परहेज करते हैं.

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हैरानी की बात यह है कि घायल बच्चों को विम्स में बेड तक नहीं मिला. उनको सीमेंट की बेंच पर बिठाकर इलाज दिया गया. ये खबर जब मीडिया में चली तो आनन-फानन में बच्चों को बेड पर लिटाया गया. सीएम नीतीश कुमार के गृह ज़िले के स्कूल का यह हाल कई सवाल खड़े कर रहा है.

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