- बिहार के गया में मुस्लिम समाज ने छठ पर्व के अवसर पर छठव्रतियों में फल, नारियल और गमछे वितरण कर सौहार्द दिखाया
- मोहम्मद रिजवान के अनुसार यह पहल कई वर्षों से की जा रही है और हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश देती है
- छठ महापर्व चार दिनों तक चलता है और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरी की जाती है
छठ पर्व के अवसर पर बिहार के गया में मुस्लिम समाज के लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की. छठ पर्व के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने छठ व्रतियों के बीच सामग्रियों का वितरण किया. मुस्लिम समाज से नैयर अहमद, मोहम्मद रिजवान समेत अन्य के द्वारा छठव्रतियों के बीच फल, नारियल, गमछे आदि का भी वितरण किया गया. वहीं छठ व्रतियों से आशीर्वाद भी लिया. मुस्लिम समाज के लोगों ने छठव्रतियों से आग्रह किया कि उन्हें कोई भी परेशानी हो तो बताएं.

हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल
इस तरह मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा छठ पर्व में छठव्रतियों के बीच सामग्रियों का वितरण कर एक मिसाल पेश की गई. इस संबंध में वार्ड 21 के मोहम्मद रिजवान ने बताया कि हम लोग पिछले कई सालों से यह कार्य कर रहे हैं. मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा यह एक नेक पहल की जाती है. पूरे श्रद्धा और स्वच्छता के साथ छठव्रत्तियों के बीच सामग्री का वितरण किया जाता है. हम लोग एक संदेश देते हैं कि हिंदू मुस्लिम भाइयों के बीच में सांप्रदायिक और सामाजिक सौहार्द बना रहे. हिंदू भाई भी हमारे पर्व में आगे आते हैं और इस तरह का सद्भाव व प्रेम दिखाते हैं.
देशभर में छठ महापर्व की धूम
देशभर में छठ महापर्व की धूम देखने को मिल रही है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का सोमवार को तीसरा दिन है, जब छठव्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान लोगों में उत्साह और श्रद्धा का माहौल है. छठव्रती महिलाएं सुबह से ही ठेकुआ जैसे प्रसाद तैयार करने में जुटी हैं. प्रसाद बनाने में शुद्धता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. छठ पहले दिन 'नहाय-खाय' के साथ पर्व शुरू होता है, जिसमें महिलाएं साफ-सफाई के बाद खास भोजन तैयार करती हैं.
कैसे मनाया जाता है छठ पर्व
दूसरे दिन 'खरना' में सूर्य भगवान को जल चढ़ाया जाता है और दो तरह की खीर मीठी और दूध वाली बनाई जाती है. इसके बाद छठव्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं. तीसरे दिन शाम को घाट पर जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जहां वे अपनी मनोकामनाएं मांगती हैं. वहीं, पहली बार व्रत करने वाली सोनाली सिंह ने कहा, "यह मेरा पहला छठ व्रत है. हम तीन दिन तक उपवास रखते हैं. पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन शाम को अर्घ्य देते हैं. हमने छठी मैया से प्रार्थना की है कि अगर कोई भूल हो जाए, तो उसे माफ कर दें."
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